NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 42: Ramdhari Singh Dinkar

Learning the syllabus of Class 9 Hindi would be quite a journey and would indeed prove exciting but tiring at the same time while going through major texts such as Class 9 Hindi Sparsh 42. At this stage, students can take the help of resources—most importantly, the Class 9 Hindi Sparsh 42 PDF—in trying to better their understanding of these readings.

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The NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 42: Ramdhari Singh Dinkar are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.

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Students can access the NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 42: Ramdhari Singh Dinkar. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Ramdhari Singh Dinkar

Question 1 :

 कवि ने ‘अग्निपथ’ किसके प्रतीक स्वरुप प्रयोग किया है?

 

Answer :

कवि ने ‘अग्निपथ’ को संघर्ष से पूर्ण जीवन के प्रतीक स्वरुप प्रयोग किया है। कवि का मानना है कि मनुष्य का जीवन संघर्षो चुनौतियों से परिपूर्ण है। उसे कदम-कदम पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।


Question 2 :

'माँग मत', 'कर शपथ', 'लथपथ' इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?

 

Answer :

माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग  कर कवि कहना चाहते है।मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने रास्ते में आने वाली किसी भी प्रकार की परिस्थिति या चुनौती से बिना घबराए उसका सामना करना चाहिए। और उसे किसी से भी सहारे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर प्रयास करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए।

 


Question 3 :

एक पत्र-छाह भी माँग मत' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

 

Answer :

'एक पत्र-छाह भी माँग मत' इस पंक्ति का आशय यह है मनुष्य को अपने  जीवन के रास्ते में आने वाली उन कठिनाईयों का सामना बिना किसी से सहारा लिए अपने आप करना चाहिए। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनुष्य को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

 


निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए।

Question 1 :

तू न थमेगा कभी 

तू न मुड़ेगा कभी 

 

Answer :

भाव-प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कवि कहते हैं कि अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मनुष्य को निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए रास्ते में आने वाली चुनौतियों का बिना घबराए सामना करते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

 


Question 2 :

चल रहा मनुष्य है

अश्रु-स्वेद रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ

 

Answer :

भाव-प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि ऐसे मनुष्य अवश्य ही सफलता प्राप्त करते हैं जो अपने संघर्ष से परिपूर्ण रास्ते में बिना किसी चिंता के चलते रहते है। संघर्ष से भरे इस मार्ग में सबसे सुंदर दृश्य यही होता है कि - जब मनुष्य अपना पसीना बहाते हुए उस रास्ते पर अपने लक्ष्य को ओर बढ़े चला जा रहा हो। शरीर से पसीना बहाते और खून से लथपथ हुए बिना किसी चिंता के आगे बढ़ता जा रहा हो।

 


Question 3 :

 इस कविता का मूलभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।

 

Answer :

अग्निपथ’ कविता कवि ‘हरिवंशराय’ द्वारा रचित एक प्रेरणादायक कविता है। इस कविता के द्वारा कवि मनुष्य के जीवन को संघर्ष से परिपूर्ण बताते हुए कहते हैं कि वह मनुष्य ही सफलता को प्राप्त करता है जो बिना किसी कठिनाई से घबराकर प्रत्येक चुनौती को स्वीकार करता है वह मनुष्य अपने जीवन के लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त करता है। कवि मनुष्य के जीवन को आग से भरा हुआ मानते हैं वह मनुष्य को बिना घबराए निरंतर उस पर चलते रहने के लिए कहते हैं।

 


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