NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 34: Kaka Kalelkar

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

Question 1 :

1.रंग की शोभा ने क्या कर दिया?


2. बादल किसकी तरह हो गए थे?

3. लोग किन-किन चीज़ों का वर्णन करते हैं?

4. कीचड़ से क्या होता है?

5. कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पंसद करते हैं?

6. नदी के किनारे कीचड़ कब सुंदर दिखता है?

7. कीचड़ कहाँ सुदंर लगता है?

8. ‘पंक’ और ‘पंकज’ शब्द में क्या अंतर है?

Answer :

1. रंग की शोभा ने उत्तर दिशा में लाल रंग ने थोड़े समय के लिए लालिमा फैला दी।

2.बादल एकदम सफ़ेद कपास की तरह हो गए थे।

3.लोग आकाश, पृथ्वी, जलाशयों का वर्णन करते हैं।

4.कीचड़ से कपड़े गन्दे होते हैं, शरीर पर भी मैल चढ़ता है। परन्तु कीचड़ में कमल जैसा फूल भी होता है।

5.कीचड़ जैसा रंग कला प्रेमी, कलाकार और फोटोग्राफर बहुत पसंद करते हैं। गत्तों दिवारों और वस्त्रों पर भी यह रंग पसंद किया जाता हैं।

6. नदी के किनारे कीचड़ जब सूख जाता है तो उसमें आड़ी तिरछी दरारें पड़ जाती हैं। वह देखने में बहुत सुन्दर लगता है जैसे सुखाया हुआ हो। कभी-कभी किनारे पर समतल और चिकना फैला कीचड़ भी सुन्दर लगता है।

7.सूखा कीचड़ जब सूखकर ज्यादा ठोस हो जाए, और तब उसके ऊपर बगुले, पक्षी, गाय, बैल, भैंस, पाड़े, बकरी इत्यादि के पदचिन्ह उस पर अंकित होते हैं, तो वह और भी सुन्दर लगता है।

8.‘पंक’ का अर्थ है कीचड़ और पंक् + अज अर्थात् कीचड़ में उत्पन्न अर्थात कमल। पंक से सब घृणा करते हैं। पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है।


प्रश्न-अभ्यास (लिखित) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए

Question 1 :

कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों नहीं होती?

Answer :

कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति नहीं होती क्योंकि लोग ऊपरी सुंदरता देखते हैं। इसे गंदगी का प्रतीक मानते हैं। कोई कीचड़ में नहीं रहना चाहता, न कपड़े, न शरीर गंदा करना चाहता है। कभी किसी कवि ने भी कीचड़ के सौंदर्य के बारे में नहीं लिखा।


Question 2 :

 ज़मीन ठोस होने पर उस पर कि पदचिह्न अंकित होते हैं?नके

Answer :

ज़मीन ठोस होने पर उस पर पक्षी, गाय, बैल, भैंस, पाड़े, बकरी सीगों आदि के पदचिह्न अंकित होते हैं। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।


Question 3 :

 मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार न करता।

Answer :

यह दुर्भाग्य की बात है कि मनुष्य कीचड़ का तिरस्कार करता है। जब मनुष्य को यह भान हो जाता कि उसका अन्न और कई खाद्य पदार्थ कीचड़ में ही उत्पन्न होते हैं तो वह कीचड़ का तिरस्कार नहीं करते।


Question 4 :

 पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की क्या विशेषता है?

Answer :

पहाड़ लुप्त कर देने वाले कीचड़ की विशेषता है कि बहुत अधिक कीचड़ का होना। यह कीचड़ जमीन के नीचे बहुत गहराई तक होता है। ऐसा कीचड़ गंगा नदी के किनारे खंभात की खाड़ी सिंधु के किनारे पर होता है।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए

Question 1 :

कीचड़ का रंग किन-किन लोगों को खुश करता है?

Answer :

कीचड़ का रंग कलाकारों,चित्रकारों और मूर्तिकारों को खुश करता है। लोग इस रंग को पुस्तकों के गत्तों पर, दिवारों पर, कच्चे मकानों पर पंसद करते हैं। कपड़ों के रंग में भी इसे पंसद किया जाता है।


Question 2 :

कीचड़ सूखकर किस प्रकार के दृश्य उपस्थित करता है?

Answer :

कीचड़ सूखकर टुकड़ों में बँट जाता है, उसमें दरार पड़ जाती है। इनका आकार टेढ़ा-मेढ़ा होने से सुखाए हुए खोपरों जैसे सुन्दर लगते है। समतल किनारों का कीचड़ भी सूखता है तो बहुत सुन्दर लगता है क्योंकि इस पर पशु पक्षियों के पैर के चिह्न बन जाते हैं, जो बहुत सुन्दर लगते हैं। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो।


Question 3 :

सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य किन स्थानों पर दिखाई देता है?

Answer :

सूखे हुए कीचड़ का सौंदर्य नदियों के किनारे दिखाई देता है। कीचड़ जब थोड़ा सूख जाता है तो उस पर छोटे-छोटे पक्षी बगुले आदि घूमने लगते हैं। कुछ अधिक सूखने पर गाय,भैंस, भेड़, बकरियाँ भी चलने-फिरने लगते हैं। कीचड़ सूखकर टुकड़ों में बँट जाता है, उसमें दरार पड़ जाती है। इनका आकार टेढ़ा-मेढ़ा होने से सुखाए हुए खोपरों जैसे सुन्दर लगते है। ऐसा दृश्य लगता है कि यहाँ कोई युद्ध लड़ा गया हो। ये सारा दृश्य बहुत सुन्दर लगता है। कभी-कभी किनारे पर समतल और चिकना फैला कीचड़ भी सुन्दर लगता है।


Question 4 :

कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशून्य क्यों क हा है?

Answer :

कवि केवल बाहरी सौंदर्य पर ध्यान देते हैं आंतरिक सौंदर्य की ओर उनका ध्यान नहीं जाता। ‘पंक’ का अर्थ है कीचड़ और पंक् + अज अर्थात कीचड़ में उत्पन्न अर्थात् कमल। पंक से सब घृणा करते हैं। पंकज को सिर माथे पर लगाया जाता है। वे कमल को अपनी रचना में रखते हैं परन्तु पंक को अपनी रचना में नहीं लाते हैं। वे प्रत्यक्ष सोंदर्य की प्रशंसा करते हैं परन्तु उसको उत्पन्न करने वाले कारकों का सम्मान नहीं करते। कवियों का ऐसा दृष्टिकोण उनकी युक्तिशुन्यता को दर्शाता है।


Question 5 :

नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।

Answer :

नदी के किनारे कीचड़ जब सूखकर ठोस हो जाता है तो मदमस्त पाडे अपने सींगो से कीचड़ को रौंदकर आपस में लड़ते हैं तब नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है। अर्थात कीचड़ में छपे चिह्न उस युद्ध की सारी स्थिति का वर्णन कर देते हैं।


Question 6 :

“आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वसुदेव को तो नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किन्तु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कठ में बाँधकर फिरते हैं किंतु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते।” कस-से-कम इस विषय पर कवियों के साथ चर्चा न करना ही उत्तम !

Answer :

कवि पंक (कीचड़) से घृणा करते हैं। पंकज (कमल) को सिर माथे पर लगाया जाता है। कवि पंक को अपनी रचना में रखते हैं परन्तु पंक को अपनी रचना में नहीं लाते हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि कवि कीचड़ का तिरस्कार करता है। वासुदेव कृष्ण को कहते है और लोग उसकी पूजा करते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं के उनके पिता वासुदेव को भी पूजें। हीरे को मूल्यवान मानते है तो आवश्यक नहीं के कोयले को भी माने जहाँ हीरा उत्पन्न होता है। मोती को गले में धारण करते है परन्तु उसकी सीप को नहीं। कवि कहते है इस विषय में कवियों से चर्चा करना व्यर्थ हैं।


भाषा अध्ययन

Question 1 :

19निम्नलिखित शब्दों के तीन–तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए −
1.    जलाशय    –    ……………………
2.    सिंधु    –    ……………………
3.    पंकज    –    ……………………
4.    पृथ्वी    –    ……………………
5.    आकाश    –    ……………………

Answer :

1.    जलाशय    –    ताल, सरोवर, सर
2.    सिंधु    –    जलधि, सागर, रत्नाकर
3.    पंकज    –    कमल, जलज, अंबुज, राजीव
4.    पृथ्वी    –    भू, भूमि, धरा, वसुधा
5.    आकाश    –    नभ, गगन, व्योम, अंबर


Question 2 :

निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम भी लिखिए –
(क) कीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है। ___________
(ख) क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है? ___________
(ग) हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है। ___________
(घ) पदचिह्न उसपर अंकित होते हैं। ___________
(ङ) आप वासुदेव की पूजा करते हैं। ___________

Answer :

(क)    कीचड़ का नाम लेते सब बिगड़ जाता है।    का सबंध कारक
(ख)    क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है?    ने कर्ता कारक
(ग)    हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है।    हमारा संबध कारक, से करण कारक
(घ)    पदचिह्न उसपर अंकित होते हैं।    उस पर अधिकरण कारक
(ङ)    आप वासुदेव की पूजा करते हैं।    की सबंध कारक


Question 3 :

निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ से भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए –
आकर्षक    यथार्थ    तटस्थता    कलाभिज्ञ    पदचिह्न
अंकित    तृप्ति    सनातन    लुप्त    जाग्रत
घृणास्पद    युक्तिशून्य    वृत्ति    

Answer :

1.    आकर्षक    −    यह गमला बहुत आकर्षक है।
2.    अंकित    −    हमें वस्तु पर अंकित मूल्य पर ही वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
3.    घृणास्पद    −    वह बहुत ही घृणास्पद बातें करता है।
4.    यथार्थ    −    यथार्थ से हमेशा जुड़े रहना चाहिए।
5.    तृप्ति    −    मुख से पीड़ित व्यक्ति को भोजन दिया तो उसे तृप्ति हो गई।
6.    युक्तिशून्य    −    उसने बहुत ही युक्तिशून्य बातें की।
7.    तटस्थता    −    हमारा देश अक्सर बाह्रय युद्धों में तटस्थता की नीति बनाए रखता है।
8.    सनातन    −    भारत में बहुत लोग सनातन धर्म को मानते हैं।
9.    वृत्ति    −    वह बहुत अच्छी वृत्ति का व्यक्ति है।
10.    कलाभिज्ञ    −    कलाभिज्ञ गन्दगी में भी सुन्दरता देखते हैं।
11.    लुप्त    −    आजकल भारतीय संस्कृति और परम्पराएं लुप्त सी हो रही हैं।
12.    पदचिह्न    −    लोगों ने गाँधी जी के पदचिह्नों पर चलकर भारत माता की सेवा की।
13.    जाग्रत    −    आजकल टेलीवीजन पर लोगों को जाग्रत करने का प्रयास किया जा रहा है।


Question 4 :

चे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए −
(क) देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।
…………………………………………………………..
(ख) कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।
……………………………………………………………
(ग) हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।
……………………………………………………………

Answer :

 (क) देखते-देखते हिमालय आँखों से ओझल हो गया।
(ख) रात होने से पहले हमें घर पहुँचना चाहिए।
(ग) कमल कीचड़ में से ही पैदा होता है।


Question 5 :

न, नहीं, मत का सही प्रयोग रिक्त स्थानों पर कीजिए –
(क) तुम घर __________ जाओ।
(ख) मोहन कल __________ आएगा।
(ग) उसे __________ जाने क्या हो गया है?
(घ) डाँटो __________ प्यार से कहो।
(ङ) मैं वहाँ कभी__________जाऊँगा।
(च) __________वह बोला __________ मैं।

Answer :

 (क) तुम घर …मत… जाओ।
(ख) मोहन कल ..नहीं…. आएगा।
(ग) उसे ..न.. जाने क्या हो गया है?
(घ) डाँटो ..मत…. प्यार से कहो।
(ङ) मैं वहाँ कभी ..नहीं….. जाऊँगा।
(च) ..न… वह बोला ..न.. मैं।


Frequently Asked Questions

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Students can utilize the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 34 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.

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