At Orchids International School, we’re dedicated to providing students with the best resources for their academic journey. For those in Class 9, the study of Kshitij 22 is an essential part of the curriculum, offering a comprehensive overview of significant literary works.
The NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 22: Ajesh Joshi are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 22: Ajesh Joshi. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने पर हमारे मन-मस्तिष्क में बाल मजदूरी का चित्र उभरता है। मन में यह विचार आते है कि कब इन बच्चों की यह दयनीय दशा समाप्त होगी। कब हमारा भारत सही मायनों में एक संपन्न और प्रगतिशील देश कहलाएगा जहाँ हर एक बच्चा काम के बजाए पाठशाला जाएगा और अपने सपनों को साकार करेगा।
कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए ?
बच्चों की इस स्थिति के लिए समाज जिम्मेवार है। समाज को इस समस्या से जागरूक करने के लिए तथा ठोस समाधान ढूँढने के लिए बात को प्रश्न रूप में ही पूछा जाना उचित होता है। क्योंकि यदि हम इन्हें विवरण की तरह पूछते हैं तो समस्या पर कोई ध्यान नहीं देता।
सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं ?
सुविधा तथा मनोरंजन के उपकरणों से वंचित होने का एक मात्र कारण समाज में व्याप्त वर्ग विभेद है। निम्नश्रेणी के बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब है। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वे आय का ज़रिया मात्र बनकर रह गए हैं। जहाँ जीविका के लिए आर्थिक तंगी हो वहाँ मनोरंजन के साधन तथा जीवन के अन्य सुख-सुविधाओं की कल्पना करना भी असंभव जान पड़ता
है।
सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं ?
सुविधा तथा मनोरंजन के उपकरणों से वंचित होने का एक मात्र कारण समाज में व्याप्त वर्ग विभेद है। निम्नश्रेणी के बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब है। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वे आय का ज़रिया मात्र बनकर रह गए हैं। जहाँ जीविका के लिए आर्थिक तंगी हो वहाँ मनोरंजन के साधन तथा जीवन के अन्य सुख-सुविधाओं की कल्पना करना भी असंभव जान पड़ता
है।
दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं ?
इस प्रकार की उदासीनता के कई कारण हो सकते हैं जैसे –
1) आज के मनुष्य का आत्मकेंद्रित होना। वे केवल अपने और अपने बच्चों के बारे में ही सोचते हैं।
2) जागरूकता तथा जिम्मेदारी की कमी के कारण लोग सोचते हैं कि यह उनका नहीं सरकार का काम है।
3) व्यस्तता के कारण भी आज के लोग अपनी ही परेशानियों में इस कदर खोये हुए हैं कि उन्हें दूसरे की समस्या से कोई सरोकार नहीं होता है।
4) लोगों को कम कीमत में अच्छे श्रमिक मिल जाते हैं इसलिए भी वे इसके विरूद्ध कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं।
आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
शहर में अक्सर बच्चे –
(1) दुकानों में काम करते नज़र आते हैं।
(2) ढ़ाबों में बरतन साफ़ करते नज़र आते हैं।
(3) बड़े-बड़े दफ्तरों में चाय देते नज़र आते हैं।
(4) बस में भी काम करते हैं।
(5) घरों में अक्सर कम उम्र के बच्चे ही काम करते देखे गए हैं।
बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
बच्चे समाज का भविष्य, आईना और देश की प्रगति का एक अहम् हिस्सा होते हैं। यदि समाज के इस सबसे महत्त्वपूर्ण अंग को यदि आप उचित देखभाल और अवसर प्रदान नहीं करेगें तो समाज प्रगति कैसे करेगा। सभी बच्चे एक समान होते हैं, उन्हें उनके बचपन से वंचित रखना अपने आप में घोर अपराध तथा अमानवीय कर्म है। इसलिए बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है।
काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।
मुझे यदि इस तरह बाल मजदूरी करनी पड़े तो मैं अपने आप को हीन समझने लगूँगा। जिस घर में मै काम कर रहा हूँगा जब मैं वहाँ अपनी ही उम्र के बच्चों को देखूँगा कि वे किस तरह मजे और आराम का जीवन व्यतीत कर रहे है तो मुझे अत्यंत खेद होगा। माता-पिता की आर्थिक परेशानियों के प्रति सहानुभूति की अपेक्षा रोष उत्पन्न होने लगेगा मेरा आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगेगा। मेरे मन में तरह-तरह के प्रश्न उभरने लगेंगे। मेरा मन हमेशा अशांत और दुखी रहने लगेगा।
आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए ? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए ?
हमारे विचार से बच्चों को काम पर नहीं भेजना चाहिए क्योंकि उनके छोटे से मस्तिष्क में इस घटना का दुखद प्रभाव पड़ सकता है, जो धीरे-धीरे बढ़कर विद्रोह का रुप धारण कर सकता है। इसी तरह के बच्चे आर्थिक अभाव तथा सामाजिक असमानता के कारण आगे चलकर आतंकवादी, चोरी जैसे गलत कामों को अंजाम दे सकते हैं। इससे समाज की हानि हो सकती है।
सबसे पहले तो समाज की यह कोशिश होनी चाहिए कि ऐसे बच्चों को अन्य सभी बच्चों की तरह पढ़ने-लिखने तथा समाज के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए या फिर उनकी सहायता करने के लिए सरकार तथा समाज से सहायता की माँग करनी चाहिए।
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The NCERT solution for Class 9 Chapter 22: Ajesh Joshi is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education.
Yes, the NCERT solution for Class 9 Chapter 22: Ajesh Joshi is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 22: Ajesh Joshi as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 22 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.