One can have a very enriching time doing so in the vast world of literature in Class 9, more so with invaluable resources like the Class 9 Hindi Kshitij 11 textbook. This volume travels into the works of Harishankar Parsai, one of the most celebrated writers, who is remembered as the wit and acerbity of his observations on society.
The NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 11 : Harishankar Parsai: are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं ?
प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ –
1. प्रेमचंद बहुत ही सीधा-सादा जीवन जीते थे वे गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।
2. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
3. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
4. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।
5. वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।
पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा ?
टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक है। इस पाठ में टीला शब्द सामाजिक कुरीतियों, अन्याय तथा भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि यह मानव के सामजिक विकास में बाधाएँ उत्पन्न करता हैं।
सही कथन के सामने (✔) का निशान लगाइए –
क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।
ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।
घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो ?
ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✔)
नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए -
(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।
(ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।
(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?
(क) यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज़्जत का महत्व सम्पत्ति से अधिक है। परन्तु आज की परिस्थिति में इज़्जत को समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोगों के सामने झुकना पड़ता है।
(ख) यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है।
(ग) प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें बल्कि ऐसे गलत व्यक्ति या वस्तु को पैर से सम्बोधित करना ही उसके महत्व के अनुसार उचित है।
पाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि ‘फोटो खिंचाने कि अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी ?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि’नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी,।’ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?
पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि ख़ास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर बाद में लेखक को ऐसा लगता है कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिल्कुल अलग है क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।
आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बात आकर्षित करती है ?
मुझे इस व्यंग्य की सबसे आकर्षक बात लगती है -विस्तारण शैली। तथा लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में महान साहित्यकार प्रेमचंद का चित्र प्रस्तुत किया है। इस पाठ में लेखक ने प्रेमचंद के साथ-साथ स्वयं पर भी व्यंग्य किया है। लेखक ने सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग्य द्वारा प्रहार किया है। इस पाठ की शुरुआत प्रेमचंद के फटे जूते से होती है और प्रेमचंद के पूरे व्यक्तित्व को उजागर कर देती है ।
प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।
हमारे एक पड़ोसी है। जो बहुत ही कंजूस है। यहाँ तक के बच्चों के खाने-पीने की चीजों में भी कटौती करते हैं। परंतु दुनिया में अपनी झूठी शान दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी नामचीन कम्पनियों के कपड़े ही पहनते। उनका यह दोघलापन मेरी समझ से परे है।
आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है ?
आज के समय में लोगों का दृष्टिकोण बहुत बदल गया है। यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज की दुनिया दिखावे की दुनिया बन गई है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है।
पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
मुहावरे |
अर्थ |
वाक्य में प्रयोग |
अटक जाना |
स्थिर हो जाना |
इस सुंदर कंगन पर मेरी दृष्टि अटक गई है। |
न्योछावर होना |
कुर्बान होना |
मंगल पांडे फ़िल्म देखने के बाद देश के लिए अपना सब कुछ अर्पण करने के साथ खुद भी न्योछावर होने का मन करता है। |
पछतावा होना |
पश्चाताप होना |
ऐसा कार्य करने के बाद आपको पछतावा तो होना ही चाहिए। |
रो पड़ना पीड़ा |
महसूस करना |
अपने पुत्र को चोट लगते देख माँ का मन रो पड़ा। |
लहुलुहान होना |
घायल होना |
कार दुर्घटना में ड्राइवर लहुलुहान हो गया। |
प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।
लेखक ने प्रेमचंद की विशेषताओं को प्रस्तुत करने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया है। वे इस प्रकार हैं -
(1) महान कथाकार
(2) उपन्यास-सम्राट
(3) युग-प्रवर्तक
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Yes, the NCERT solution for Class 9 Chapter 11: Harishankar Parsai is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Students can utilize the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 11 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.