NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 40: Nazeer Akbarabadi

This epitomizes the rich literary world in Hindi that Class 9 entails. One of the thrilling, as well as eye-opening, literature pieces to go through in this year is "Sparsh" Chapter 40, which plunges into the works of the great poet Nazeer Akbarabadi. This leaves no doubt for Class 9 Hindi Sparsh 40 PDF looking to understand better the inimitable approach of Akbarabadi and his poetic genius. His works have gained great admiration for the vibrancy with which they capture details of mundane life.

Download PDF For NCERT Solutions for Hindi Nazeer Akbarabadi

The NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 40: Nazeer Akbarabadi are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.

Download PDF

Access Answers to NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 40: Nazeer Akbarabadi

Students can access the NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 40: Nazeer Akbarabadi. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Nazeer Akbarabadi

Question 1 :

पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।

Answer :

पहले छंद में कवि की दृष्टि आदमी के निम्न रूपों का बखान करती है –
बादशाह, गरीब व दरिद्र आदमी, मालदार, एकदम कमज़ोर मनुष्य का, स्वादिष्ट भोजन करनेवाले का, सूखी रोटियाँ चबानेवाला मनुष्य का।


Question 2 :

चारों छंदों में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

Answer :

सकारात्मक रूप                                                    नकारात्कम रूप
1. एक आदमी शाही किस्म के ठाट-बाट भोगता है।   1. दूसरे आदमी को गरीबो में दिन बिताने पड़ते हैं।
2. एक आदमी मालामाल होता है                            2. दूसरा आदमी कमज़ोरी झेलती है।
3. एक स्वादिष्ट भोजन खाता है।                             3. दूसरा सूखी रोटियाँ चबाता है।
4. एक धर्मस्थलों में धार्मिक पुस्तकें पढ़ता है             4. दूसरा धर्मस्थलों पर जूतियाँ चुराता है।
5. एक आदमी जानन्योछावर करता है                     5. दूसरा जान से मार डालता है।
6. एक शरीफ सम्मानित है                                    6. दूसरा दुराचारी दुरव्यवहार करने वाला


Question 3 :

‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती है?

Answer :

‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति धारणा बनती है कि प्रत्येक मनुष्य स्वभाव से अलग होता है। कोई अति साधन-संपन्न है तो कोई अत्यंत गरीब। मनुष्य अपने व्यवहार से अच्छा-बुरा बनता है। यहाँ पर कुछ लोग निहायती शरीफ़ होते हैं तो कुछ लोग हद दर्जें के कमीने होते हैं।


Question 4 :

इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

Answer :

पगड़ी भी आदमी को उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो वो भी आदमी
मुझे यह पंक्तियाँ इसलिए अच्छी लगती है क्योंकि इन पंक्तियों से एक तो अच्छे-बुरे दोनों तरह के आदमियों का पता चलता है और इससे हमें यह सीख भी मिलती है कि हमें किस तरह का इंसान बनना है।


Question 5 :

 आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

Answer :

इस दुनिया में हर एक आदमी की प्रवृत्ति अलग होती है। कुछ लोगों की प्रवृत्ति दूसरों की मदद, भाईचारे की भावना फैलाना, सर्वस्व अर्पित करना होता है। वहीँ दूसरी ओर कुछ लोगों की प्रवृत्ति हिंसात्मक, मुसीबतें बढ़ाने वाली, गलत राह की ओर ले जाने वाली आदि होती है। लेखक के कहने का तात्पर्य यह है कि इस संसार में विरोधाभास पाया जाता है जहाँ एक ओर मनुष्य दूसरों के दुखों का कारण बनता है वही पर दुःख निवारण भी करता है। अत:आदमी में कई तरह की प्रवृत्तियाँ पाई जाती है।


Question 6 :

दुनिया में बादशाह है सो वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा सो है वो भी आदमी

Answer :

 यहाँ पर कवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रूपों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इस संसार में जो बादशाह की हैसियत रखता है वो भी इंसान ही है और जो बिल्कुल गरीब या भिखारी है वो भी आदमी ही है।


Question 7 :

अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वो भी आदमी
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपजीर

Answer :

यहाँ पर कवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रूपों का वर्णन करते हुए कहते हैं कि कुछ लोग निहायती शरीफ़ तो कुछ लोग कमीने स्वभाव के होते हैं। बादशाह से लेकर व़जीर तक सब मनमाने काम करनेवाले आदमी ही होते हैं।


Question 8 :

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग को स्पष्ट कीजिए –
पढ़ते है आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनको ताड़ता है सो वो भी आदमी

Answer :

हाँ पर कवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रूपों पर व्यंग
करते हुए कहते हैं मस्जिद में नमाज़ पढ़ने और
सुननेवाले सभी आदमी ही होते हैं और इनकी जूतियाँ
चुरानेवाले भी आदमी ही होते है और इन जैसे चोरों पर
नज़र रखनेवाले भी आदमी ही होते हैं अर्थात् एक ही स्थान पर आपको अनगिनत आदमी देखने को मिल जाएँगे।


Question 9 :

पगड़ी भी आदमी को उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो वो भी आदमी

Answer :

यहाँ पर कवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रूपों पर व्यंग करते हुए कहते हैं वह मनुष्य ही है जो दूसरों के अपमान करने का मौका नहीं छोड़ता वही दूसरी और मदद के किए पुकारनेवाला और उसकी सहायता करनेवाला भी आदमी ही है अर्थात् सभी का स्वभाव और व्यवहार अलग होता है।


Question 10 :

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
राज़(रहस्य)
राज(शासन)
ज़रा(थोड़ा)
जरा(बुढ़ापा)
फ़न(कौशल)
फन(साँप का मुँह)
फ़लक(आकाश)
फलक(लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ़ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

Answer :

ज़ – ज़मीन, मज़दूर
फ़ – रफ़्तार, फ़रक


Question 11 :

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
(क) टुकडे चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वरना
(ड.) तेग मारना

Answer :

(क) टुकड़े चबाना − मज़दूर मेहनत करके भी सूखे टूकड़े चबाता है।
(ख) पगड़ी उतारना − ठाकुर दास ने भरी पंचायत में मोहनदास की पगड़ी उतारने में कोई कसर न छोड़ी।
(ग) मुरीद होना − उसकी बातें सुनकर मैं तो उसका मुरीद बन गया।
(घ) जान वारना − गणेश अपने भाई पर जान वारता है।
(ङ) तेग मारना − दुष्ट स्वभाव के लोग ही दूसरों को तेग मारते हैं।

 


Enquire Now