Orchids International School focuses on providing an all-rounded and interactive syllabus to its Class 9 students. One such great piece of work in that book is the chapter on Chapla Devi. This chapter familiarizes the students with the life and contribution of Chapla Devi and adds to their valuable understanding of Hindi literature and culture.
The NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10: Chapla Devi are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 10: Chapla Devi. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया ?
- बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए –
(1) अंग्रेज़ों के दोषी नाना साहब हैं। मकान का इसमें क्या दोष है?
(2) यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
(3) अंत में मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देकर कहा कि वो उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली है।
सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे ?
सर टामस ‘हे’ की मृत पुत्री मेरी मैना की प्रिय सखी थी। दूसरा कारण यह रहा होगा कि हे मैना के घर आते रहे थे और तब वे मैना को अपनी पुत्री के समान ही प्यार करते थे। मैना के रूप में उन्हें अपनी पुत्री मेरी की छवि दिखाई दी होगी और उनके मन में ममता जाग गई होगी। ये सभी कारण रहे होंगे कि हे के मन में मैना पर दया भाव उत्पन्न हुआ।
‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था – ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी’। इस वाक्य में’भारत सरकार’ से क्या आशय है ?
यहाँ भारत सरकार से आशय है – ब्रिटिश शासन के अंतर्गत चलने वाली भारत सरकार जिसे अंग्रेज़ अधिकारी चलाते थे।
मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों ?
मैना अपने मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि वह मकान उसकी पैतृक धरोहर थी। उसी में मैना की बचपन की, पिता की, परिवार की यादें समाई हुई थीं। वह उसके जीवन का भी सहारा हो सकता था। इसलिए वह उसे बचाना चाहती थी।
नाना साहब ने अंग्रेज सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी। अंग्रेज़ों के लिए वह राजमहल उनके दुश्मन नाना साहब की निशानी था। वे उनकी हर निशानी को मिट्टी में मिला देना चाहते थे, ताकि देश में फिर से कोई अंग्रेज़ों के विरुद्ध आवाज़ न उठाए।
मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ?
मैना महल के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहती थी पर पाषाण – हृदय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी। जनरल अउटरम के मन में भय रहा होगा कि अगर उसने नाना साहब की बेटी के प्रति ज़रा भी सहानुभूति दिखाई तो ब्रिटिश सरकार का गुस्सा उस पर फूट पड़ेगा। उसे इसके लिए दंड भी मिल सकता है। क्रोध से पागल सामान्य, अंग्रेज़ नागरिक भी उस पर नाराज़गी प्रकट करेंगे। इस कारण उसने मैना की यह छोटी-सी इच्छा भी पूरी न होने दी।
बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगें और क्यों ?
मैना की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) मैना एक वाक् चतुर बालिका थी।
(2) उसके मन में अपनी पैतृक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना थी।
(3) उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं था। वह साहसी थी।
(4) उसमें आत्मबलिदान की भावना प्रबल थी।
(5) मैना बहुत भावुक थी तभी मकान के जल जाने पर उसका मन दु:खी हो जाता है।
हम मैना की इन सारी विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे। उसकी ये विशेषताएँ उसे औरों से अलग बनाती है। इन गुणों से युक्त मनुष्य जीवन पथ पर कभी असफल नहीं होता है। उसे किसी भी प्रकार की शक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती है। अतः हम उसके इन गुणों को आत्मसात करके देश तथा परिवार का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगे।
स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी ?
स्वाधीनता आंदोलन को में समाज के लोगों को संदेश पहुँचने में लेखों की भूमिका महत्तवपूर्ण रही होगी। लोग जब अंग्रेज़ों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करूणा से भर उठता होगा और मैना के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा मिली होगी। यही भाव स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में मददगार सिद्ध हुआ होगा।
कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयारी करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़े।
यह आकाशवाणी का कानपूर चैनल है। आज रात्रि के संध्या समाचारों में मैनादेवी के बलिदान पर एक संक्षिप्त समाचार सुनाया जा रहा है। समाचार के प्रस्तुतकर्ता है श्री रवि वर्माजी। अत्यंत दुःख के साथ यह सूचित किया जाता है कि कल सांयकाल के समय मैनादेवी का दुखद अवसान हो गया है। समाचार यह है कि अंग्रेज जनरल अउटरम द्वारा बड़ी ही अमानवीयता के साथ मैनादेवी को जलती हुई आग में भस्म कर दिया गया। सारा शहर इस क्षोभ से अत्यंत क्रुद्ध तथा दुखी है। भले ही आज मैनादेवी इस नश्वर संसार को त्याग कर परमधाम में चली गईं है, परन्तु उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा आने वाले समय में देशवासियों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। धन्यवाद।
.इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप –
(क) कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
(ख) अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
-(क)
नवभारत टाइम्स
२५, सितम्बर २०१४
पहली ही कोशिश में मंगल तक पहुँचा भारत
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत ने नायाब उपलब्धि हासिल की है। भारतीय अनुसंधान संस्थान (इसरो) का मार्स ऑर्बिटर मिशन यानी मंगलयान सुबह 8 बजे करीब मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। यह उपलब्धि हासिल करने के बाद भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन गया, जिसने अपने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की है। एशिया से कोई भी देश यह सफलता हासिल नहीं कर सका है। चीन और जापान के अब तक प्रयास विफल रहे हैं, जबकि अमेरिका को मंगल तक पहुँचने के लिए सात प्रयास करने पड़े थे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और मावेन की टीम ने भारतीय यान के मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुँचने के लिए इसरो को बधाई दी है।
नवभारत टाइम्स
२९, सितम्बर २०१४
बाढ़ से एक लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान
श्रीनगरजम्मू कश्मीर सरकार ने आज कहा कि राज्य में बाढ़ के कारण 1,00,000 करोड़ रुपये के शुरूआती नुकसान का आकलन है। राज्य की उमर अब्दुल्ला सरकार ने उम्मीद जताई कि केंद्र प्रभावित लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मुहैया कराएगा।
मुख्य सचिव मोहम्मद इकबाल खानडे ने संवाददाताओं से कहा कि निजी कारोबार सहित बाढ़ के कारण एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ की वजह से हुए नुकसान के बारे में विस्तृत ज्ञापन तैयार करने की प्रक्रिया में है, जिसे इस सप्ताह के अंत तक केंद्र को दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘हम ज्ञापन तैयार करने की प्रक्रिया में है। इसे कैबिनेट मंजूर करेगा और सप्ताहांत तक केंद्र को भेजा जाना चाहिए। हम बहुत आशावादी हैं कि भारत सरकार प्रभावित लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहायता प्रदान करेगी।’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर राज्य में बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिए विशेष पैकेज का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने क्षतिग्रस्त प्रत्येक पक्के घर के लिए 5 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के घरों के लिए दो लाख रुपये मुआवजे का अनुरोध किया है।’
(ख) मुंबई एक्सप्रेस हाइवे पर मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। अमर, प्रेम और राज तीनों मंगलवार की रात गाड़ी से घर जा रहे थे तब पीछे से ट्रक ने गाड़ी में टक्कर मार दी जिससे वह पलट गया। हादसे में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने अमर को मृत घोषित कर दिया, जबकि प्रेम और राज की हालत गंभीर बनी हुई है।
आप किसी ऐसे बालक / बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो?
हमारा देश पहले से वीरांगनाओं का देश रहा है। आज भी इनकी कमी नहीं है। ऐसी ही एक बहादुर लड़की ने अपनी जान पर खेल कर अपने मात्र चार वर्ष के भाई की जान बचाई। दिल्ली की नव वर्ष की बालिका महिका अपने परिवार के साथ केदारनाथ मंदिर में प्रार्थना कर रही थी। अचानक प्राकृतिक विपदा आन पड़ी वह अपने परिवार से बिछड़ गई। चारो तरफ सिर्फ पानी नजर आ रहा था वैसे में उसे अपने छोटे भाई के रोने की आवाज आई तैरना न आने के बावजूद वह बिना कुछ सोचे पानी में कूद गई। अपने भाई को ढूँढ के सुरक्षित स्थान पर ले गई। तीन दिन तक वह भूखे प्यासे अपने भाई को पकड़े बैठी रहीं। उसे राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार देकर सम्मनित किया गया।
भाषा में वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग ७५-८० वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।
कानपूर में घटित हत्याकांड के बाद अंग्रेजी सैनिक दल बिठूर की ओर गया। बिठूर में स्थित नाना साहब का राजमहल अंग्रेजों द्वारा लूट लिया गया। लेकिन अंग्रेज अधिक नुकसान नहीं कर पाए।
इसके बाद अंग्रेजों ने तोप द्वारा नाना साहब के महल को उड़ा देना चाहा,तभी महल के बरामदे में एक सुंदर बालिका आकर खड़ी हो गई। यह देखकर अंग्रेजी सेना को हैरानी हुई क्योंकि महल को लूटते समय यह बालिका वहाँ दिखाई नहीं दी।
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Yes, the NCERT solution for Class 9 Chapter 10: Chapla Devi is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 10: Chapla Devi as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 10 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.