NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 37: Kavya Khand

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Kavya Khand

Question 1 :

यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया।

Answer :

प्रस्तुत पंक्तियों द्वारा कवि यही कहना चाहता है कि आज के इस बदलते परिवेश में स्मृतियों के सहारे नहीं जीया जा सकता है क्योंकि आज प्रतिदिन दुनिया का नक्शा बदलता रहता है। समय की गतिशीलता के साथ दुनिया भी गतिशील होती जा रही है।


Question 2 :

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए −


(क) नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
(ख) कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?
(ग) कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?
(घ) ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?
(ङ) कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर क्यों इशारा किया है?
(च) इस कविता में कवि ने शहरों को किस विडंबना की ओर संकेत किया है?

Answer :

(क) नए बसते इलाके में कवि रास्ता भूल जाता है क्योंकि वहाँ पर प्रतिदिन नए मकान बनते चले जा रहे हैं। इन मकानों के बनने से पुराने पेड़, खाली ज़मीन, टूटे-फूटे घर सब कुछ खतम हो गए हैं। नए इलाके में नित्य नई इमारतें बनती जा रही हैं। कवि अपने ठिकाने पर पहुँचने के लिए निशानियाँ बनाता है, वे जल्दी मिट जाती हैं। इसी लिए कवि रास्ता भूल जाता है।

(ख) इस कविता में निम्नलिखित पुराने निशानों का उल्लेख है −
पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ज़मीन का खाली टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला मकान आदि।

(ग) कवि एक घर पीछे या दो घर आगे इसलिए चल देता है क्योंकि उसे नए इलाके में उसके घर पहुँचने तक की जो निशानियाँ थी वे सब मिट चुकी थीं। उसने कई निशानियाँ बना रखी थी; जैसे – एक मंजिले मकान की निशानी बिना रंगवाला लोहे का फाटक। लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं बचा था। प्रतिदिन आ रहे थे परिवर्तनों के कारण वह अपना घर नहीं ढूढ़ पाया। और आगे पीछे निकल जाता है।

(घ) वंसत का गया पतझड़ और बैसाख का गया भादों को लौटा से अर्थ है कि ऋतु परिवर्तन में समय लगता है। कवि काफी समय बाद घर लौटा है। पहले जो परिवर्तन महीनों में होते थे, अब वह दिनों में हो जाते हैं और कवि तो काफी समय बाद आया है।

(ङ) कवि ने इस कविता में समय की कमी की ओर इशारा किया क्योंकि उसने अपना घर ढूँढ़ने में काफी समय बर्बाद कर दिया। प्रगति की इस दौड़ में व्यक्ति अपनी पहचान भी भूल गया है। समय का अभाव रहता है इसलिए किसी से आत्मीयता भी नहीं बना पाता है।

(च) इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि जीवन की सहजता समाप्त होती जा रही है, बनावटी चीज़ों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा है। सब आगे निकलना चाहते हैं, आपसी प्रेम, आत्मियता घटती जा रही है। लोगों की और रहने के स्थान की पहचान खोती जा रही है। स्वार्थ केन्द्रित लोगों के पास दूसरे के लिए समय ही नहीं है। आज की चीज़ कल पुरानी पड़ जाती है, कुछ भी स्थाई नहीं है।


Question 3 :

 समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

Answer :

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने समय की कमी की ओर इशारा किया है। समय की गतिशीलता के कारण पहचान के पैमाने बदल चूके हैं क्योंकि आज कुछ भी स्थायी नहीं है। परन्तु इस बदलते परिवेश में भी अभी भी एक आशा की किरण बची हुई है कि कहीं से कोई पुराना परिचित मिल जाय और सहायता कर दे।

 


Question 4 :

‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

Answer :

खुशबू रचते हाथ अपना जीवनयापन बड़ी ही निम्न परिस्तिथियों में करते हैं। खुशबू रचनेवाले हाथ बदबूदार, तंग और नालों के पास रहते हैं। इनका घर कूड़े-कर्कट और बदबू से भरे गंदे नालों के पास होता है यहाँ इतनी बदबू होती है कि सिर फट जाता है। ऐसी विषम परिस्तिथियों में खुशबू रचनेवाले हाथ रहते हैं।


Question 5 :

कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है?

Answer :

कविता में निम्न प्रकार के हाथों की चर्चा हुई है – उभरी नसों वाले हाथ, पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, गंदे कटे-पिटे हाथ, घिसे नाखूनों वाले हाथ, जूही की डाल से खूशबूदार हाथ,जख्म से फटे हाथ आदि।


Question 6 :

कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’?

Answer :

 कवि ने ऐसा इसलिए कहा कि गंदगी में जीवन व्यतीत करनेवाले लोगों के हाथ खुशबूदार पदार्थों की रचना करते हैं। क्योंकि ये लोग स्वयं बदहाली और विषम परिस्थितियों में अपना जीवन बिताते हैं परन्तु दूसरों का जीवन खुशहाल बनाते हैं।
यहाँ पर कवि श्रमिकों की प्रशंसा नहीं करना चाहता है बल्कि वह यह कहना चाहता है कि हमें उनकी दशा सुधारने की बात सोचनी चाहिए। हमें भी अपना नैतिक कर्तव्य समझकर ऐसे मजदूर वर्ग के लिए कार्य करना चाहिए।


Question 7 :

 जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है?

Answer :

जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का माहौल बड़ा ही गंदगी से भरा और प्रदूषित होता है। इनका घर कूड़े कर्कट, बदबूदार, तंग और बदबू से भरे गंदे नालों के पास होता है। यहाँ इतनी बदबू होती है कि सिर फट जाता है। ऐसी विषम परिस्तिथियों में रहने के बाद भी ये दूसरों के जीवन में खुशबू बिखरने का काम करते हैं।

 


Question 8 :

 इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Answer :

इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य समाज के उपेक्षित मजदूर वर्ग की दयनीय दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना है। कवि का उद्देश्य यह है कि जो समाज हमारे लिए सुन्दर-सुन्दर वस्तुओं का निर्माण करती है वो स्वयं इस प्रकार का उपेक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर क्यों है? इस कविता के द्वारा कवि श्रमिकों की इसी दयनीय दशा को सुधारना चाहता है। वह चाहता है कि इनके रहने की दशा को स्वास्थ्यप्रद बनाया जाए। इनके गली-मोहल्ले की उचित साफ़-सफ़ाई का प्रबंध किया जाए। साथ ही इन्हें इनके काम के लिए इतनीमज़दूरी तो मिलनी ही चाहिए जिससे वे ठीक प्रकार रह सकें।


Question 9 :

पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ

Answer :

निम्न पंक्तियों के जरिए कवि ने हमारा ध्यान उन बच्चों और महिलाओं की ओर आकर्षित करना चाहा है जिनके हाथ पीपल के नए पत्तों और जूही की डाल के समान सुन्दर और खुशबूदार हैं। परन्तु गरीबी के कारण ये अत्यंत श्रम करने के लिए मजबूर हैं।


Question 10 :

दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ

Answer :

 कवि कहता है कि खुशबू रचने वाले हाथ अर्थात् अगरबत्ती बनाने वाले लोग स्वयं कितने गंदे और बदबूदार वातावरण में रहते हैं, इसकी कल्पना करना भी कठिन है। पर इस गंदगी में रहकर भी इनके हाथ में कमाल का जादू है ये खुशबूदार अगरबत्तियों को बनाते हैं। स्वयं बदहाल हैं लेकिन दूसरों के जीवन को महकाते हैं।


Question 11 :

 कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?

Answer :

 कवि ने इस कविता में गलियों, नालों, नाखूनों, गंदे हाथ, अगरबत्तियाँ, मुहल्लों, गंदे लोग’ जैसे बहुवचन’ शब्दों का प्रयोग किया है क्योंकि ऐसे लोग, स्थान, वस्तुएँ एक नहीं अनेकों होती हैं। ऐसे गरीब और उपेक्षित लोग अनेक स्थानों पर काम करते दिखाई देते हैं।


Question 12 :

कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है।

Answer :

कवि ने हाथों के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रोयग किया है −
1. उभरी नसों वाले हाथ
2. गंदे नाखूनों वाले हाथ
3. पत्तों से नए हाथ
4. खुशबूदार हाथ
5. गंदे कटे पिटे हाथ
6. फटे हुए हाथ
7. खुशबू रचते हाथ

 


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