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क्या लाल का व्यवहार सरकार के विरूद्ध षड्यंत्रकारी था?
हमने पाठ का अध्यन किया हैं यदि पाठ के आधार पर कहा जाए तो लाल का व्यवहार क्रांतिकारी प्रवृति का था। लाल के जीवन का मुख्य उद्देश्य केवल अपने देश को आजाद करवाना था तथा लाल हमेशा इसके लिए प्रयत्नशील रहते थे। लाल के बढ़ते क्रांतिकारी प्रयत्नों के कारण अंग्रेजी सरकार ने उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया। अंग्रेजी सरकार के इस व्यवहार पश्चात भी लाल ने उनके विरूद्ध किसी प्रकार का षडयंॠ नहीं रचा। लाल की क्रांतिकारी प्रवृति और कार्यों कि वजह से अंग्रजों ने उन्हें फसा दिया। अगर देखा जाए तो हमारे अनुसार हम लाल कि क्रांतिकारी कार्यों को षडयंत्रकारी नहीं कहा जा सकता।
पूरी क्रांति में जानकी न तो शासन – तंत्र के समर्थन में हैं और न विरोध में, किन्तु लेखक ने उसे कहानी का केंद्र नहीं रखा बल्कि कहानी का शीर्षक बना दिया?
कहानी में जानकी के चरित्र को कुछ अलग तरीके से दर्शाया गया हैं जानकी किसी भी प्रकार के शासन – तंत्र का हिस्सा नहीं हैं।जानकी केवल अपनी संतान से प्रेम और अपनी संतान का चिंतन करने वाली मां है। सामाजिक तौर पर कहा जाए तो एक मां को शासन से किसी प्रकार का सम्बन्ध नहीं होता उस केवल अपनी संतान से ही सबसे अधिक प्रेम होता। जानकी शासन, स्वतंत्रता, राजनीति सभी से अनजान। वह अपने व्यक्तित्व के माध्यम से बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्रेम को दिखाती हैं तथा यही बात उसे शासन से अलग करती है। जानकी न तो शासन तंत्र का समर्थन करती हैं और उसका विरोध करती हैं। जानकी की समझ और भावनाए ठीक उसी प्रकार हैं जिस तरह एक आम व्यक्ति की समाज से तर्क द्वारा वरदान के रूप में प्राप्त होता है। इसलिए यह कहानी राम के साथ आरंभ जरूर होती है परन्तु यह उसकी मा के आस पास ही घूमती रहती हैं। इसलिए जानकी को लेखक द्वारा कहानी का शीर्षक बनाया गया है।
चाचा जानकी और लाल के प्रति सहानुभूति तो रखता है परन्तु वह डरता भी हैं। उनका यह डर किस बात का हैं तथा क्यों?
लेखक ने कहानी में चाचा के चरित्र को एक आम आदमी के रूप में दर्शाया है तथा चाचा को देश में हो रही घटनाओं ने किसी प्रकार का लेना – देना नहीं है, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि देश आजाद रहे या गुलाम उन्हें केवल खुद से तथा अपने परिवार से ही सम्बन्ध हैं। चाचा लाल और जानकी के पड़ोसी हैं इसलिए उन्हें उनसे सहानुभूति तो हैं पर उन्हें डर भी हैं। चाचा नहीं चाहते कि जानकी और लाल किसी भी प्रकार के सरकारी लगदो में पड़े। चाचा यह जानते हैं की अंग्रेजी सरकार ने लाल को बिना किसी गलती के गिरफ्तार किया हैं परन्तु फिर भी चाचा इसके उत्तर में कुछ नहीं के रहे। चाचा विरोध इसलिए नहीं करते क्यूंकि उन्हें लगता है अगर वह विरोध करेंगे तथा जानकी और लाल का साथ देंगे तो उन्हें भी अंग्रेजी सरकार का प्रकोप झेलना पड़ेगा।वह किसी भी प्रकार के लफड़े में नहीं पड़ना चाहते थे क्योंकि वह अपने परिवार को इस मामले से दूर ही रखना चाहते हैं।इसलिए चाचा को उन दोनों से सहानुभूति तो हैं परन्तु कोई उसके खिलाफ कदम नहीं लेते।
इस कहानी में दो तरह की मानसिकताओं का दर्शाया गया है जिसमें एक का प्रतिनिधित्व लाल करते हैं तथा दूसरी का का चाचा। आपके अनुसार कौन सही है और कौन गलत तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
कहानी के आधार पर कहा जाए तो हमारे अनुसार लाल सही हैं क्योंकि वह उन युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें देशप्रेम की भावना हैं तथा अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।कहानी में देखा जाए तो लाल देश को आज़ादी दिलाने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं, परंतु वह अपनी मां जानकी के प्रति बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं। देश के प्रति ऐसी भावना रखना गलत नहीं है परन्तु देश को आज़ादी दिलवाने में कितने लोगों ने अपनी जानकौ खोया है। कहानी के आधार चाचा की मानसिकता को देखा तथा सोचा जाए तो यह निष्कर्ष निकलता हैं की यदि चाचा जैसे ही सभी लोग सोचे तो देश को आज़ादी का ही नहीं मिल पाती और हम आज भी गुलाम ही होते। इसलिए हमारे अनुसार लाल की मानसिकता श्रेष्ठ हैं क्योंकि लाल सदैव देश को आज़ाद करवाने तथा केवल देश के बारे में सोचते हैं और चाचा केवल अपने और अपने परिवार के बारे में।
उन लड़कों ने यह कैसे सिद्ध किया की जानकी केवल माता नहीं भारत माता हैं। कहानी के आधार पर उसका चरित्र चित्रण कीजिए ।
लड़कों को हमेशा से जानकी के रूप में भारत माता दिखाई देती थी इसलिए लड़के जानकी को भारत माता कहकर पुकारते थे। जानकी बूढ़ी हो चुकी हैं तथा उसके बाल भी सफेद हो गए हैं लड़के उसके सफेद बालों को हिमालय का दर्जा देते हैं। बुढापे के कारण जानकी के मुंह पर झुरिया आ गई है लड़के उसकी झुर्रियों को भारत में बहने वाली नदियों के साथ तुलना करते हैं। जानकी की ठोड़ी देख कर उन्हें कन्या कुमारी का एहसास होता है।कहानी के आधार पर जानकी का चरित्र चित्रण कुछ इस प्रकार हैं –
कहानी में जानकी को सादी महिला के रूप में प्रदर्शित किया है जिससे समाज से कोई लेना देना नहीं है उसके लिए उसके बच्चे ही सब कुछ हैं।
जानकी ममता से पूर्ण हैं जितना प्रेम उसे उसके पुत्र से हैं उतना उसके मित्रो सें भी हैं।
जानकी अपने पुत्र और उसके मित्रो के लिए भोजन बनती हैं जिसमें उसकी सारी पूंजी खर्च हो जाती है। इस आधार पर कहा जाए तो जानकी खुश मिजाज और तायागमई हैं।
जानकी स्वाभिमानी महिला हैं वह अपने लिए और बच्चो के लिए खुद ही सारा कार्य करती वह किसी से मदद नहीं लेती तथा किसी से भी दया कि उम्मीद नहीं करती।
विद्रोही की मां से सम्बन्ध राख के कौन अपनी गर्दन मुसीबत में डालेगा।इस कथन के आधार पर इस समय की शासन – व्यवस्था और समाज – व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
उस समय के परिस्थितियों से समाज भी बेहाल था और सभी लोग भी डरते थे। क्रांतिकारियों का साथ देकर या उनकी मदद करके मुसीबत को आमन्त्रित करने के समान था। शासन प्रणाली को जिस पर संदेह होता वह उसे पकड़ लेती थी। अंग्रेजो का मानना था कि उनके विरोध में उठती आवाज़ को बन्द करना ही उनके लिए बेहतर हैं।समाज केवल अपने बारे में सोचता था समाज स्वार्थी प्रवृति का था।सभी लोग केवल अपने और अपने परिवार के बारे में सोचते थे।कोई भी लाला और उसकी मां की मदद नहीं करता था। इससे पता चलता है कि इस समय अपशिष्ट शासन प्रणाली और सामाजिक प्रणाली थी।
चाचा ने पेंसिल से लिखा हुआ लाल का नाम पुस्तक से क्यों मिटाना चाहा?
अपनी किताब पर लाल का नाम देख कर चाचा ने उसे मिटाना चाहा इसके कारण इस प्रकार हैं –
किताब पर नाम देख कर चाचा को अपनी लाचारी और डर का एहसास हुआ।
लाल का नाम देख कर उन्हें पीड़ा हुई क्योंकि लाल ने खुद को देश को समर्पित किया और उसकी मा असहाय थी और लेखक उनकी मदद भी नहीं कर पा रहे थे।
उनकी आंखों के सामने अंग्रेजी सरकार का चेहरा याद आया जिसने चाचा को डरा दिया।
चाचा असहाय थे और लाल का नाम देख कर उन्हें और असहाय महसूस हुआ कि वह कितने लाचार हैं कि उनकी मदद नहीं कर पा रहे।
ऐसे दुष्ट व्यक्ति – नाशक राष्ट्र के सर्वनाश में भी मेरा हाथ हो ' के माध्यम से लाल क्या कहना चाहते हैं?
भारत माता की छवि ठीक उसी प्रकार हैं जिस तरह की छवि देवी के लिए हमारे मन में हैं।बच्चा जब भी आंखें खोलता है अपने आप को मा कि गोद में ही पता हैं और फिर उससे ही निहारता रहता है।इसी प्रकार जब से हम पैदा हुए हैं तभी से भारत मां ने हमें अपनी गोद में ले लिया है।भारत मां की छवि मा से अधिक हैं कम नहीं।समय के साथ संतान अपनी मा की इज्जत करना भूल रहे हैं तो वह भारत मा की कहा से करेंगे। इसका फायदा उठा कर देशद्रोही देश को बेचकर का रहे हैं। अतः ' नमन तुझे के में भारत, तू तो मेरी जान है पुत्र अगर गलती भी करे फिर भी तू महान हैं।
जानकी जैसी भारत माता हमारे बीच बनी रहे , बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ के संदर्भ में विचार कीजिए।
स्त्री को कोई भी रूप हो , वह खुद कहती हैं, ' अपनी बेटी बचाओ, बेटी का अध्यन करो, बेटी नहीं तो सृजन नहीं , दुनिया नहीं । जानकी मां एक ऐसी मा हैं जो बच्चे की मृत्यु तक रक्षा करती हैं। वह अपने बेटे के साथ साथ उसके दोस्तों को भी प्यार करती हैं उके लिए खाना बनाती हैं।इसी तरह ,महिलाएं जन्म लेती रहे तो हमारा देश फिर से महान बन जाएगा।
क्या पुलिस के साथ दोस्ती रखनी चाहिए या नहीं? अपनी राय लिखिए।
हम अगर किसी से दोस्ती करते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कौन हैं क्या हैं। हम दोस्ती व्यक्ति के व्यवहार और उसके व्यक्तित्व के कारण करते हैं न कि उसके पैसे और न ही उसकी हैसियत से ।मित्रता करने के लिए हमें साफ दिल होना चाहिए मन में किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए।किसी पुलिस वाले से दोस्ती करना गलत नहीं परन्तु हम अगर उसकी वेदी का लाभ उठाने के लिए करते हैं तो वह गलत हैं। दोस्ती किसी कि स्तिथि को देख कर नहीं करनी चाहिए यही दोस्ती कि असली पहचान हैं।
लाल और उसके साथियों से क्या प्रेरणा मिलती है?
लाल और उसके साथियों से हमें बोहत सी प्रेरणा मिलती है जैसे –
हमें गलत का साथ नहीं देना चाहिए।
निरंकुश शासन का बिना डरे विरोध करना चाहिए, जो नागरिकों के हित को नुकसान पहुंचाती हैं।
देश के लिए बलिदान देना चाहिए।
लाल और उसके कभी भी बलिदान देने से नहीं हिचकिचाते वें हमेशा तैयार रहते हैं। तथा सीखते हैं कि अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमें गुलामी से आज़ाद होने के लिए हर मुमकिन प्रयास करना चाहिए।
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