NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev

NCERT Solutions for Class 11 will act as a guide to understand minute details of Hindi literature. Precisely, Class 11 Hindi Aroh Chapter 33 is a step toward understanding the fathomless works of Akkamahadev necessary for the students to attain milestones. The chapter has been really helpful to provide insights into the literature by Akkamahadev and hence forms an essential part of the curriculum. These insights are always needed, and hence for easy reference, we provide the Class 11 Hindi Aroh Chapter 33 PDF. We at Orchids International School bring to the fore such types of resources which go a long way in establishing a very strong foundation for the students as far as their Hindi literature is concerned, thereby allowing them to excel in their examinations.

Download PDF For NCERT Solutions for Hindi Akkamahadev

The NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.

Download PDF

Access Answers to NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev

Students can access the NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Akkamahadev

Question 1 :

लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियां बाधक होता है – इस संदर्भ‌ में अपने तर्क दीजिए।

 

Answer :

इंद्रियां सबसे महत्वूर्ण तत्व हैं जिसके बिना मनुष्य की परिकल्पना असंभव है।इसके बिना मानव केवल पशु है क्योंकि यह इंद्रियां मनुष्य को दिव्य बनती हैं और शीर्ष पर पहुंचती है।यह इंद्रियां है जो मनुष्य को इतना नीचे गिर देती हैं कि वह उठ नहीं पता। इंद्रियां जीवन पथ से भटकाती है उसका काम बस खुद को संतुष्ट करना है। इंद्रियां वासना के जाल ने उलझाकर मनुष्य को लक्ष्य पथ से भटकाती रहती हैं। विशेष रूप से ईश्वर प्राप्ति के मार्ग में इंद्रिय सबके बड़ी बाधा बन जाती हैं।यह साधक को संसार के मोह में उलझाए रखती है और उसे भक्ति के मार्ग बढ़ने नहीं देती। इसलिए यह बिल्कुल सच है कि लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियां बाधक होती है।

 


Question 2 :

ईश्वर के लिए किस दृष्टांत का प्रयोग किया गया है। ईश्वर और उसके साम्य का आधार बताइए।

 

Answer :

कविता में कवयित्री ईश्वर को अपने आराध्य मानती है। ईश्वर से अपना सब कुछ छीन लेने को कहती है जिससे कवयित्री का अंधरूनी अहंकार नष्ट हो सके।कवयित्री ने जूही के फूलों को ईश्वर जैसा बताया है। कवियत्री कहती है कि ईश्वर और जुही के फूल बहुत ही समान है।ईश्वर सभी व्यक्ति को बिना भेदभाव एक जैसा फल देता है उसी प्रकार जूही के फूल बिना किसी भेदभाव के सभी को समान रूप से ख़ुशबू प्रदान करते हैं। जिस प्रकार जूही के फूल सुंदर, सुगंधित और कोमल होते हैं उसी प्रकार भगवान में भी अनंत गुण होते हैं। 

 


Question 3 :

 ओ चराचर! मत चूक अवसर- इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

 

Answer :

भारतीय दर्शन के अनुसार मानव – जन्म सौभग्य की बात है।जन्म – मरण एक चक्र है जो निरंतर चलता रहता है।इस चक्र से मुक्ति का एकमात्र उपाय भगवान की भक्ति है। उपरोक्त पंक्तियों में, कवियत्री संसार के प्रत्येक व्यक्ति को भगवान की भक्ति करने कि प्रेरणा देती हैं। कवियत्री ने मानव जीवन का लाभ उठाने को कहा है।वह मानव जीवन को भगवान की भक्ति में लीन होने को कहती है।यदि मानव इंद्रियों के जाल में फंसेगा तो सांसारिक मोह माया से  बाहर नहीं निकल पाएगा और भगवान की प्राप्ति नहीं कर पाएगा।अत: समय रहते इसका मानव को लाभ उठा लेना चाहिए।

 


Question 4 :
NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev
Answer :

NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 33 Akkamahadev

Question 5 :

'अपना घर ‘ से क्या तात्पर्य है?इसे भूलने की बात क्यों कही गई है?

 

Answer :

यहां ‘ अपना घर ‘ मोह – माया से ग्रसित जीवन को संदर्भित करता है। व्यक्ति इस घर के मोह – माया के जाल में फांस जाता है और भगवान को पाने में लक्ष्य से पीछे रह जाता हैं। कवयित्री इस जीवन को छोड़ने की बात करती हैं क्योंकि भगवान की प्राप्ति के लिए इस मोह – माया के जीवन को त्यागना होगा ।यह भगवान की भक्ति में सबसे बड़ी बाधा है।अपने घर से निकलने के बाद ही भगवान के घर में क़दम रखा जा सकता है। कवयित्री का मानना है कि मनुष्य को इस मोह – माया की दुनिया से दूर रहना चाहिए और भगवान की भक्ति करनी चाहिए ।भगवान की प्राप्ति के लिए इस मोह – माया के संसार का त्याग करना होगा तभी उसका जीवन सफल रहेगा ।

 


Question 6 :

दूसरे वचन में ईश्वर से क्या कामना की गई है और क्यों? 

 

Answer :

दूसरे वचन में, कवयित्री ईश्वर से चाहती है कि ईश्वर उनसे सब कुछ छीन ले,इन शब्दों में कवयित्री ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना को व्यक्त कर रही हैं।कवयित्री सांसारिक चिजो को पूरी तरह से छोड़ना चाहती है। कवयित्री चीजों को इस प्रकार से छोड़ना चाहती है कि उसे कुछ खाने को भी ना मिले और भीख मांगने पड़े। जब ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होगी तो उसका आंतरिक अहंकार नष्ट हो जाएगा और वह ईश्वर भक्ति के लिए समर्पित हो जाएगी। कवियत्री ईश्वर भक्ति को पाने के लिए अपना सब कुछ छोड़ने को तैयार है। वह सांसारिक मोह माया से दूर हो जाना चाहती है और अपने भीतर के अहंकार को नष्ट करना चाहती है। दूसरे बच्चन की कामना के माध्यम से कवयित्री ईश्वर में लीन होना चाहती है।

 


Question 7 :

 क्या अक्क महादेवी को कन्नड़ कि मीरा कहा जा सकता है? चर्चा करें।

 

Answer :

जी हाँ!अक्क  महादेवी को कन्नड़ की मीरा कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार अक्क महादेवी ने अपने सांसारिक जीवन को त्यागकर भगवान को ही अपना आराध्य माना था उसी प्रकार मीरा ने भी अपने सांसारिक जीवन को छोड़कर सिर्फ़ भगवान को चुना था। इन दोनों ने अपने सुख-दुख का साथी ईश्वर को माना था। इन दोनों ने ही विवाह नहीं किया था, भगवान को ही अपना सब कुछ मान लिया था। यहाँ तक कि ऐसा कहा जाता है कि मीराबाई ने श्रीकृष्ण को ही अपना पति माना था और उम्रभर उनकी पूजा की थी।

 


Enquire Now