NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 32 Gazal

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Students can access the NCERT Solutions Class 11 Hindi Chapter 32 Gazal. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Gazal

Question 1 :

 आखिरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई है। क्या उसका आशय एक खास तरह में फुलेदर वृक्ष से है या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित है? समझाकर लिखें। 

 

Answer :

गुलमोहर फूलों का पेड़ होता है लेकिन इस गज़ल में गुलमोहर स्वाभिमान का प्रतीक है। इस गज़ल के माध्यम से कवि हमें यह सन्देश देना चाहता है कि हमें गुलमोहर से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपना जीवन में हर पल स्वाभिमान से जीना चाहिए। 


Question 2 :

पहले शेर में चिराग शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवम् काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्त्व है? 

 

Answer :

पहले शेर में चिराग शब्द को बहुवचन रूप में अर्थात “चिरागों” का उपयोग किया गया है। यहाँ चिरागों से तात्पर्य सुख-सुविधाओं से है। दूसरी बार चिराग शब्द को एकवचन में ही प्रयोग किया गया है। चिराग से तात्पर्य सीमित सुख-सुविधा से है। इन दोनों ही शब्दों को प्रयोग करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। इस गज़ल में चिरागों शब्द हमारी कल्पना को और चिराग शब्द हमारी वास्तविकता को दिखाने का कार्य करता है। यहाँ हम देखते हैं कि एक ही शब्द के वचन रूप को बदलने से उसका अर्थ भी बदल जाता है। 

 


Question 3 :

गज़ल के तीसरे शेर को गौर से पढ़े। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है? 

 

Answer :

इस गज़ल के तीसरे शेर में दुष्यंत का इशारा उन लोगों की तरफ है जिनके भीतर उत्साह को कमी होती है। ऐसे व्यक्ति जीवन की किसी भी परिस्थिति चाहे वो अच्छी हो या बुरी उसमें खुद को ढाल लेते हैं। उन्हें न्याय या अन्याय से कोई फर्क नहीं पड़ता है, वह बस अपने आप से नाता रखते हैं। यही कारण है कि अफसर और नेता जनता का फायदा उठाने सफल होते है।


Question 4 :

आशय स्पष्ट करें।

 

तेरा निज़ाम है सिल दे ज़ुबान शायर की,

ये ऐहतियात जरूरी है इस बहर के लिये।

 

Answer :

इन पंक्तियों को शासक वर्ग लिये व्यंग्य के रुप में लिखा गया है। शायरों के गज़लों या उनकी कविाओं को सत्ता में बैठें लोग हमेशा ही दबाते रहते हैं। ऐसा वह इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें यह डर लगता है कि कहीं उनकी सत्ता की शक्ति उनसे ना छीन जाए परंतु यह बात बिल्कुल ही सही नहीं है। लोकतंत्र में जनता को अपनी बात स्वतंत्र रूप से रखने का अधिकार होता है। 

 


Question 5 :

दुष्यंत की इस गज़ल का मिज़ाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।

 

Answer :

दुष्यंत इस गज़ल के माध्यम से समाजिक और राजनीतिक बदलाव लाने चाहते हैं। दुष्यंत देश में हो रहे अन्याय को देख कर चिंतित है और समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं। देश में बढ़ते भ्रष्टचार से दुष्यंत निराश है और वह आम आदमी को इस गज़ल के जरिए प्रेरित करना चाहते हैं जिससे वह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाये। कवि सत्ता के विरूद्ध आम लोगों में आक्रोश पैदा करना चाहते हैं। 

 


Question 6 :

हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन 

दिल को खुश रखने को गालिब ये अच्छा ख्याल है

दुष्यंत की गज़ल का चौथा शेर पढ़े और बताएं कि गालिब के उपयुक्त शेर से वह किस तरह जुड़ता है? 

 

Answer :

 दुष्यंत की गज़ल का चौथा शेर है:-

खुदा नहीं, न सही, आदमी का ख्वाब सही, 

 कोई हसीन नज़ारा तो है नज़र के लिए। 

यह शेर पूरी तरह से गालिब के शेर से प्रभावित है। दोनों का मतलब एक ही है। गालिब “जन्नत” को और दुष्यंत भगवान को मानवीय कल्पना मानते हैं। दोनों ही इनके अस्तित्व को मन को संतुष्ट करने वाले कारण के रूप में मानते हैं।

 


Question 7 :

‘यहां दरखतों के साए में धूप लगती है’ यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहां इंसाफ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नाकित अधूरे वाक्यों को पूरा करें। 

1) यह ऐसे नाते रिश्तों पर लागू होता है,………

2) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है,………

3) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है,………

4) यह ऐसे पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है,………

 

Answer :

1) यह ऐसे नाते रिश्तों पर लागू होता है, जिनमें प्यार नहीं होता।

 

2)  यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, जहां विद्या के नाम पर अविद्या सिखाई जाती है।

 

3) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, जहां इलाज की जगह रोग बढ़ता है। 



4) यह ऐसे पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, जहां सुरक्षा के बजाय भय मिलता है।


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