NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Premchand

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –

Question 1 :

 पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था?

 

Answer :

पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल की नोटिस में यह अंतर था कि जहाँ सरकार अपना भय दिखाकर जनता के ऊपर अपने मनमाने कानूनों को थोप रहीं थीं वहीँ पर आम जनता ऐसे कानूनों का उल्लघंन कर अपनी देशभक्ति का परिचय दे रही थी।

 


Question 2 :

26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गई?

 

Answer :

26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए कलकत्तावासियों ने अनेक तैयारियाँ की थी जैसे लोगों ने अपने मकानों को खूब सजाया था, शहर के प्रत्येक भाग में राष्ट्रीय झंडे लगाए गए थे, कुछ लोगों ने तो अपने घर और मकानों को ऐसे सजाया था जैसे स्वतंत्रता प्राप्त ही हो गई हो।

 


Question 3 :

 ‘आज जो बात थी वह निराली थी’ – किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है? स्पष्ट कीजिए।

 

Answer :

26 जनवरी का दिन अपने आप में ही निराला था क्योंकि इस दिन को निराला बनाने के लिए कलकत्तावासी हर संभव प्रयास कर रहे थे ।निषेधाज्ञा के बावजूद सैकड़ो लोग तीन बजे से ही पार्क में पहुँच रहे थे। स्त्रियाँ भी जुलूस में बढ़चढ़कर भाग ले रही थी।

 


Question 4 :

धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया?

 

Answer :

धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस पुलिस की जनता पर लाठियाँ बरसाने, लोगों के घायल होने और सुभाष बाबू की गिरफ्तारी के कारण टूट गया।

 


Question 5 :

डॉ. दासगुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी? स्पष्ट कीजिए।

 

Answer :

 उन लोगों की फोटो खींचने की वजह यह थी कि पूरा देश अंग्रेजी सरकार के इस अमानवीय कृत्य को देखे और प्रेरित होकर अंग्रेजों का विरोध करें और देश से अंग्रेजों को बाहर करने में अपना सहयोग दें।

 


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –

Question 1 :

सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?

 

Answer :

 सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की विशेष और बड़ी अहम् भूमिका रही है। स्त्रियों ने अपने-अपने तरीकों से जुलूस निकाला। जानकी देवी और मदालसा बजाज जैसी स्त्रियों ने जुलूस का सफल नेतृत्व किया। झंडोत्सव में पहुँचकर मोनुमेंट की सीढियों पर चढ़कर झंडा फहराकर घोषणापत्र पढ़ा। करीब 105 स्त्रियों ने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी और अंग्रेजों के अत्याचार का सामना किया।

 


Question 2 :

जुलूस के लालबाजार आने पर लोगों की क्या दशा हुई?

Answer :

जुलूस के लाल बाज़ार पहुँचते ही पुलिस ने जुलूस पर लाठियाँ बरसाना शुरू कर दिया। सुभाष बाबू को पकड़कर जेल भेज दिया गया। मदालसा बजाज भी पुलिस द्वारा पकड ली गई। इस जुलूस में कई लोग घायल और गिरफ्तार हो गए।

 


Question 3 :

 ‘जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।’ यहाँ पर कौन से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।

 

Answer :

यहाँ पर पुलिस कमिश्नर के द्वारा कानून को भंग करने की बात की गई है – इस कानून के अनुसार किसी भी प्रकार की सभा को आयोजित या उसमें भाग लेने की मनाही थी।

मेरे विचार से यह कानून भंग करना अति आवश्यक था क्योंकि यदि ऐसा न किया जाता तो देश में स्वंतन्त्रता की आग को और बढ़ावा न मिलता। साथ ही अंग्रेजों के कानून को भंग करना उनके लिए खुली चुनौती थी यह देश भारतीयों का था, है और रहेगा।

 


Question 4 :

बहुत से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया, बहुत-सी स्त्रियाँ जेल गईं, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में यह सब अपूर्व क्यों है? अपने शब्दों में लिखिए।

 

Answer :

मेरे अनुसार यह दिन अपूर्व इसलिए था क्योंकि इससे पहले कलकत्ता में इतने बड़े स्तर पर जुलूस नहीं निकाला गया था और न ही इस प्रकार से सरकार को खुली चुनौती दी गई थी। स्त्रियों का इतनी बड़ी संख्या में भाग लेना और अपनी गिरफ्तारी देना भी इस दिन को अपूर्व बनाता है।

 


निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए –

Question 1 :

खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले कहीं नहीं की गई थी।

Answer :

 इस पंक्ति का आशय यह है कि पुलिस कमिश्नर के नोटिस की परवाह न करते हुए कलकत्तावासियों ने अपनी निडरता, साहस, शक्ति और देशभक्ति का अनूठा परिचय दिया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब जनता ने सरकार को खुला चैलेंज देकर न केवल सभा आयोजित की बल्कि सरकार को उसकी हद भी दिखा दी।

 


Question 2 :

आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ है। बंगाल के नाम या कलकत्ता के नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है वह आज बहुत अंश में धुल गया।

 

Answer :

इस पंक्ति का आशय यह है कि इस आंदोलन के पहले यह कहा जाता था कि कलकत्तावासी देश के लिए अधिक कार्य नहीं करते हैं और यह बात यहाँ के निवासियों के लिए एक कलंक के समान थी परन्तु 26 जनवरी 1931 के दिन को यादगार और अपूर्व बनाकर कलकत्तावासियों ने इस कलंक को पूरी तरह से धो दिया।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –

Question 1 :

सुभाष बाबू के जुलूस का भार किस पर था?

 

Answer :

सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था।

 


Question 2 :

कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी 1931 का दिन क्यों महत्वपूर्ण था?

Answer :

कलकत्ता वासियों के किए 26 जनवरी 1931 का दिन इसलिए महत्त्वपूर्ण था क्योंकि पिछले वर्ष गुलाम भारत ने पहली बार इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया था और इस वर्ष कलकत्तावासी इस दिन की वर्षगाँठ मनानेवाले थे।

 


Question 3 :

विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई?

 

Answer :

 विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया साथ ही उनके साथ आए लोगों को मार-पीटकर उस जगह से हटा दिया गया।

 


Question 4 :

लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे?

Answer :

लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजानिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर अपनी देशभक्ति का प्रमाण, राष्ट्रीय झंडे का सम्मान तथा देश की स्वंत्रतता की ओर संकेत देना चाह रहे थे।

 


Question 5 :

पुलिस ने बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को क्यों घेर लिया था?

Answer :

 पुलिस ने बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को लोगों को स्वतंत्रता दिवस मनाने से रोकने के लिए घेर लिया था।

 


भाषा-अध्ययन

Question 1 :

नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए –

विद्या + अर्थी = विद्यार्थी

‘विद्या’ शब्द का अंतिम स्वर ‘आ’ और दूसरे शब्द ‘अर्थी’ की प्रथम स्वर ध्यनि ‘अ’ जब मिलते हैं तो वे मिलकर दीर्घ स्वर ‘आ’ में बदल जाते हैं। यह स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।

संधि शब्द का अर्थ है – जोड़ना। जब दो शब्द पास-पास आते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस प्रक्रिया को संधि कहते हैं। संधि तीन प्रकार की होती है – स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। जब संधि युक्त पदों को अलग- अलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं; जैसे – विद्यालय – विद्या +आलय

नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए –

1. श्रद्धा + आनंद

2. प्रति + एक

3. पुरुष + उत्तम

4. झंडा + उत्सव

5. पुन: + आवृत्ति

6. ज्योति: + मय

 

Answer :

1. श्रद्धा + आनंद =श्रद्धानंद

2. प्रति + एक = प्रत्येक

3. पुरुष + उत्तम =पुरुषोत्तम

4. झंडा + उत्सव =झंडोत्सव

5. पुन: + आवृत्ति =पुनरावृत्ति

6. ज्योति: + मय =ज्योतिमय

 


Question 2 :

 रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार होते हैं –

सरल वाक्य – सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है।

उदाहरण – लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।

संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है।

योजक शब्द – और, परंतु, इसलिए आदि।

उदाहरण – मोनूमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी।

मिश्र वाक्य – वह वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र वाक्य कहलाता है।

उदाहरण – जब अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उनको पकड लिया?

निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए

(क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया।

(ख) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।

(ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।

 

Answer :

 क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार जाकर गिरफ्तार हो गया।

ख) हज़ारों आदमियों की भीड़ होने पर लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।

ग) सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।

 


Question 3 :

 ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में से भी दो-दो सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए।

 

Answer :

सरल वाक्य

1. वे स्वभाव से अध्ययनशील थे।

2. इतिहास में रावण का हाल तो पढ़ा ही होगा।

संयुक्त वाक्य

1. उनकी नज़र मेरी ओर उठी और प्राण निकल गए।

2. मुद्रा कांतिहीन हो गई थी, मगर बेचारे फेल हो गए।

मिश्र वाक्य

1. मुझे कुछ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास हो जाऊँगा।

2. उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था, जब मैंने शुरू किया।

 


Question 4 :

निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार किया गया है।

(क) 1. कई मकान सजाए गए थे।

2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।

(ख) 1. बड़े बाजार के प्राय : मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।

2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।

3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।

(ग) 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।

2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।

 

Answer :

 (क)

1. कई मकान सजाए गए थे।

2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।

(ख)

1. बड़े बाजार के प्राय : मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।

2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।

3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।

(ग)

1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।

2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।

 


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