NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14: Habib Tanveer

NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14: This great playwright and actor is analyzed in a lot of detail as to his works and contribution by Habib Tanveer. Tanveer's works in theatre are examined in the light of new forms of storytelling and the themes he used. This chapter analyzes the style of Tanveer in minute detail and his cultural significance. The Class 10 Hindi Sparsh 14 PDF proves useful for making out Tanveer's contributions towards the genre of literature and theatre.

Access Answers to NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14: Habib Tanveer

Students can access the NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 14: Habib Tanveer. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Habib Tanveer

Question 1 :

लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?

Answer :

लेखक की दृष्टि में सभ्यता और संस्कृति शब्दों का प्रयोग बहुत ही मनमाने ढ़ंग से होता है। इनके साथ अनेक विशेषण लग जाते हैं; जैसे – भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता इन विशेषणों के कारण शब्दों का अर्थ बदलता रहता है। और इन विशेषणों के कारण इन शब्दों की समझ और गड़बड़ा जाती है। इसी कारण लेखक इस विषय पर अपनी कोई स्थायी सोच नहीं बना पा रहे हैं।


Question 2 :

आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है ? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे ?

Answer :

आग की खोज मानव की सबसे बड़ी आवश्कता की पूर्ति करती है।
आग की खोज के पीछे अनेकों कारण हो सकते है सम्भवत: आग की खोज का मुख्य कारण रोशनी की ज़रुरत, पेट की ज्वाला, ठण्ड या जानवरों से बचाव की रही होगी। अंधेरे में जब मनुष्य कुछ नहीं देख पा रहा था या ठण्ड से उसका बुरा हाल था तब उसे आग की ज़रुरत महसूस हुई होगी। कच्चे माँस का स्वाद अच्छा न लगने के कारण उसे पका कर खाने की इच्छा से या खूँखार जानवरों को भगाने के लिए आग का आविष्कार हुआ हो।


Question 3 :

वास्तविक अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है?

Answer :

लेखक के अनुसार संस्कृत व्यक्ति वह है जो अपनी बुद्धि तथा विवेक से किसी नए तथ्य का अनुसन्धान और दर्शन करता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा। जैसे – न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। तथा जिसने भी अपनी योग्यता से सुई-धागे की खोज की हो वह भी संस्कृत व्यक्ति था।


Question 4 :

न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं ? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतो एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोगभी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों ?

Answer :

न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज भौतिक विज्ञान के विद्यार्थियों को इस विषय पर न्यूटन से अधिक सभ्य कह सकते हैं, परन्तु संस्कृत नहीं कह सकते। क्योकि वह केवल न्यूटन द्वारा दी गई जानकारी को बढ़ा रहे हैं। इसलिए वह न्यूटन से अधिक सभ्य है, संस्कृत नहीं।


Question 5 :

किन महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?

Answer :

निम्न महत्त्वपूर्ण आवश्यकताऑ की पूर्ति के किए सुई धागे का आविष्कार हुआ होगा –
(1) सुई-धागे का आविष्कार शरीर को ढ़कने तथा सर्दियों में ठंड से बचने के उद्देश्य से हुआ होगा।
(2) आवश्यकतानुसार शरीर को सजाने की जरूरत महसूस हुई होगी इसलिए कपड़े के दो टुकडों को एक करके जोड़ने के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा।
(3) शरीर की ठीक प्रकार से रक्षा की जा सके इसलिए भी शायद सुई-धागे की खोज हुई हो।


Question 6 :

मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई।

Answer :

(1) वर्ण व्यवस्था के नाम पर मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की जाती हैं।
(2) धर्म के नाम पर भी मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की जाती हैं जिसका परिणाम हम हिंदुस्तान तथा पाकिस्तान नामक दो देश के रूप में देखते हैं।


Question 7 :

मानव संस्कृत एक अविभाज्य वस्तु है। किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।

Answer :

मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण भी दिया है –
(1) संसार के मज़दूरों को सुखी देखने के लिए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया।
(2) सिद्धार्थ ने अपना घर केवल मानव कल्याण के लिए छोड़ दिया।
(3) जब जापान पर परमाणु बम गिराया गया तब सारी संस्कृतियों ने इसका विरोध किया।
(4) सांप्रदायिक हिंसा का सारा विश्व विरोधी है, तो सारा विश्व धर्म-भेद को भूलकर सारी संस्कृतियो की अच्छी बातों को खुले मन से स्वीकार करते हैं।


आशय स्पष्ट कीजिए -

Question 1 :

मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?

Answer :

मानव हमेशा से ही अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहा है इसलिए उसने मानवहित और आत्महित की दृष्टि से अनेकों आविष्कार किए हैं।
यह आविष्कार जब मानव कल्याण की भावना से जुड़ जाता है, तो हम उसे संस्कृति कहते हैं।
जब मानव की आविष्कार करने की योग्यता, भावना, प्रेरणा और प्रवृत्ति का उपयोग विनाश करने के लिए किया जाता है तब यह असंस्कृति बन जाती है। ऐसी भावनाओं को हम संस्कृति कदापि नहीं कह सकते।


रचना और अभिव्यक्ति

Question 1 :

लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।

Answer :

सभ्यता और संस्कृति एक दूसरे से अति सूक्ष्म रूप से जुड़े हैं, एक के अभाव में दूसरे को स्पष्ट करना कठिन हैं, जहाँ हम ये कह सकते हैं कि संस्कृति एक विचार है, तो वहीँ सभ्यता जीवन जीने की कला है।
संस्कृति जीवन का चिंतन और कलात्मक सृजन है, जो जीवन को समृद्ध बनाती है तथा मनुष्य के रहन-सहन का तरीका सभ्यता के अंतर्गत आता है।


Question 2 :

निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए –
गलत-सलत, महामानव हिन्दूमुस्लिम, सप्तर्षि, आत्म-विनाश, पददलित, यथोचित, सुलोचना।

Answer :

 

समस्त पद

विग्रह

समास

गलत-सलत

गलत हीगलत

अव्ययीभाव

महामानव

महान मानव

कर्मधारय

हिन्दू-मुस्लिम

हिन्दू और मुस्लिम

द्वंद्व

सप्तर्षि

सात ऋषियों का समूह

दिव्गु

आत्म-विनाश

स्वयं का विनाश

तत्पुरुष

पददलित

पद से दलित

तत्पुरुष

यथोचित

जैसा उचित हो

अव्ययीभाव

सुलोचना

सुन्दर नेत्रों वाली स्त्री

बहुव्रीहि

 


Enquire Now