NCERT Solutions for Class 10 Hindi chapter 16 – Sana Sana Haath Jodi

The poem describes the experiences and feelings of children as they play and interact with the world around them. It emphasizes the joy and simplicity of childhood, where children express their dreams and aspirations with sincerity. The poet uses vivid imagery to illustrate the playful nature of children and their untainted view of life.

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Students can access the NCERT Solutions for Class 10 Hindi chapter 16 – Sana Sana Haath Jodi. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Exercise Questions

Question 1 :

झिलझिलातेझितार ोंकी र शनी िेंनहाया गोंत क लेखिका क झकि तरह िम्म झहत कर रहा था?

Answer :

राझि के ििय आििान ऐिा प्रतीत ह रहा था िान िारेतारेझििरकर नीचेझििझििा रहे थे। दू र ढलान लेती तराई पर झितार ोंके गुच्छेर शझनय ोंकी एक िालर-िी िना रहेथे।रात के अन्धकार िेंझितार ोंिेझिलझिलाता गोंत क लेखिका क जादुई एहिाि करा रहा था। उिेयह जादू ऐिा िम्म झहत कर रहा था झक िान उिका आखित्व स्थझगत िा ह गया ह , िि कु छ अथथहीन िा था। उिकी चेतना शून्यता क प्राप्त कर रही थी। वह िुि की अतीोंझियता िेंडू िी हुई उि जादुई उजालेिेंनहा रही थी ज उिेआखिक िुि प्रदान कर रही थी। 

 


Question 2 :

इि यािा–वृत्ताोंत िेंलेखिका नेझहिालय केझजन–झजन रूप ोंका झचि िीोंचा है, उन्हेंअपनेशब् ों िेंझलखिए। 

 

Answer :

इि यािा वृताोंत िेंलेखिका नेझहिालय के पल-पल पररवझतथत ह तेरुप क देिा है। ज् ों-ज् ों ऊाँ चाई पर चढतेजाएाँझहिालय झवशाल िेझवशालतर ह ता चला जाता है। झहिालय कहीोंचिक हरे रोंग का ि िा कालीन ओढेहुए, त कहीोंहल्का पीलापन झलए हुए प्रतीत ह ता है। चार ोंतरफ झहिालय की गहनति वाझदयााँऔर फू ल ोंिेलदी घाझियााँथी। कहीोंप्लास्टर उिडी झदवार की तरह पथरीला और देिते-ही-देितेिि कु छ ििाप्त ह जाता हैिान झकिी नेजादूकी छडी घूिा दी ह । 

कभी िादल ोंकी ि िी चादर के रूप िें,िि कु छ िादलिय झदिाई देता हैत कभी कु छ और। किाओ िेआगेिढनेपर पूरी तरह िफथ िेढके पहाड झदि रहेथे। चार ोंतरफ दू ि की िार की तरह झदिनेवालेजलप्रपात थेत वहीोंनीचेचााँदी की तरह कौोंि िारती झतिा नदी। झजिनेलेखिका के ह्रदय क आनन्द िेभर झदया। ियों क इि पझवि वातावरण िेंपाकर भावझवभ र ह गई झजिने उनके ह्रदय क काव्यिय िना झदया। 

 


Question 3 :

 गोंत क क ‘िेहनतकश िादशाह ोंका शहर‘ क् ोंकहा गया? 

 

Answer :

गोंत क क िुोंदर िनानेकेझलए वहााँकेझनवाझिय ोंनेझवपरीत पररखस्थझतय ोंिेंअत्यझिक श्रि झकया है। पहाडी क्षेि के कारण पहाड ोंक कािकर रािा िनाना पडता है। पत्थर ोंपर िैठकर औरतेंपत्थर त डती हैं। उनके हाथ ोंिेंकु दाल व हथौडेह तेहैं। कईय ोंकी पीठ पर िाँिी ि करी िें उनके िच्चेभी िाँिेरहतेहैंऔर वेकाि करतेरहतेहैं। हरे-भरेिागान ोंिेंयुवझतयााँि कुपहनेचाय की पझत्तयााँत डती हैं। िच्चेभी अपनी िााँके िाथ काि करतेहैं। यहााँजीवन िेहद कझठन हैपर यहााँके ल ग ोंनेइन कझठनाईय ोंके िावजूद भी शहर के हर पल क िुििूरत िना झदया है। इिझलए लेखिका नेइिे‘िेहनतकश िादशाह ोंका शहर’ कहा है।


Question 4 :

कभी श्वेत त कभी रोंगीन पताकाओोंका फहराना झकन अलग–अलग अविर ोंकी ओर िोंके त करता है?

Answer :

िफे द िौद्ध पताकाएाँशाोंझत व अझहोंिा की प्रतीक हैं, इन पर िोंि झलिेह तेहैं। यझद झकिी िुखद्धस्ट की िृत्युह ती हैत उिकी आिा की शाोंझत के झलए 108 श्वेत पताकाएाँफहराई जाती हैं। कई िार झकिी नए कायथके अविर पर रोंगीन पताकाएाँफहराई जाती हैं। इिझलए येपताकाएाँ,  श क व नए कायथके शुभाोंरभ की ओर िोंके त करतेहैं।

 


Question 5 :

झजतेन नागेनेलेखिका क झिखिि की प्रकृ झत, वहााँकी भौग झलक खस्थझत एवों जनजीवन के िारे िेंक्ा िहत्वपूणथजानकाररयााँदीों, झलखिए।

Answer :

१) नागेके अनुिार झिखिि िेंघाझियााँ, िारेरािेझहिालय की गहनति घाझियााँऔर फू ल ों िेलदी वाझदयााँझिलेंगी। 

२) घाझिय ोंका िौोंदयथदेितेही िनता हैं। नागेनेिताया झक वहााँकी िूििूरती, खििज़रलैंड की िूििूरती िेतुलना की जा िकती है। 

३) नागेके अनुिार पहाडी राि ोंपर फहराई गई ध्वजा िुखद्धस्ट की िृत्युव नए कायथकी शुरूआत पर फहराए जातेहैं। ध्वजा का रोंग श्वेत व रोंग-झिरोंगा ह ता है। 

४) झिखिि िेंभी भारत की ही तरह घूितेचक्र के रूप िेआस्थाएाँ, झवश्वाि, अोंिझवश्वाि पाप-पुण्य की अविारणाएाँव कल्पनाएाँएक जैिी थीों। 

५) वहााँकी युवझतयााँि कुनाि का झिखिि का पररिान डालती हैं। झजििेंउनके िौोंदयथकी छिा झनराली ह ती है। वहााँके घर, घाझिय ोंिेंताश के घर ोंकी तरह पेड के िीच छ िे-छ िेह तेहैं। ६) वहााँके ल ग िेहनतकश ल ग हैंव जीवन काफी िुखिल ोंभरा है। 

७) खियााँव िच्चेिि काि करतेहैं। खियााँिेिर िुनती हैं, घर िाँभालती हैं, िेती करती हैं, पत्थर त ड-त ड कर िडकेंिनाती हैं। चाय की पझत्तयााँचुननेिाग़ िेंजाती हैं। िच्च ोंक अपनी किर पर कपडेिेंिााँिकर रिती हैं। 

८) िच्च ोंक िहुत ऊाँ चाई पर पढाई वेझलए जाना पडता हैक् ोंझक दू र-दू र तक क ई स्कू ल नहीोंहै। इन िि के झवषय िेंनागेलेखिका क िताता चला गया। 

 


Question 6 :

 ल ोंग स्टॉक िेंघूितेहुए चक्र क देिकर लेखिका क पूरेभारत की आिा एक-िी क् ोंझदिाई दी ? 

 

Answer :

लेखिका झिखिि िेंघूिती हुई कवी-ल ोंग स्टॉक नाि की जगह पर गई। ल ोंग स्टॉक के घूितेचक्र के िारेिेंझजतेन नेिताया झक यह ििथचक्र है, इिक घुिानेिेिारेपाप िुल जातेहैं। िैदानी क्षेि िेंगोंगा के झवषय िेंऐिी ही िारणा है। लेखिका क लगा झक चाहेिैदान ह या पहाड,  तिाि वैज्ञाझनक प्रगझतय ोंके िावजूद इि देश की आिा एक जैिी है। यहााँल ग ोंकी आस्थाएाँ,  झवश्वाि, पाप-पुण्य की अविारणाएाँऔर कल्पनाएाँएक जैिी हैं। यही झवश्वाि पूरेभारत क एक ही िूि िेंिााँि देता है। 

 


Question 7 :

 झजतेन नागेकी गाइड की भूझिका के िारेिेंझवचार करतेहुए झलखिए झक एक कु शल गाइड िें क्ा गुण ह तेहैं?

Answer :

नागेएक कु शल गाइड था। वह अपनेपेशेके प्रझत पूरा ििझपथत था। उिेझिखिि के हर क नेकेझवषय िेंभरपूर जानकारी प्राप्त थी इिझलए वह एक अच्छा गाइड था। एक कु शल गाइड िें झनम्नझलखित गुण ोंका ह ना आवश्यक है– 

१) एक गाइड अपनेदेश व इलाके के क ने-क नेिेभली भााँझत पररझचत ह ता है, अथाथतजउिेिम्पूणथ

जानकारी ह नी चाझहए। 

२) उिेवहााँकी भौग झलक खस्थझत, जलवायुव इझतहाि की िम्पूणथजानकारी ह नी चाझहए। ३) एक कु शल गाइड क चाझहए झक व अपनेभ्रिणकताथके हर प्रश् ोंके उत्तर देनेिेंिक्षि ह । ४) एक कु शल गाइड क अपनी झवश्विनीयता का झवश्वाि अपनेभ्रिणकताथक झदलाना आवश्यक है। तभी वह एक आिीय ररश्ता कायि कर अपनेकायथक कर िकता है। 

५) गाइड क कु शल व िुखद्धिान व्यखि ह ना आवश्यक है। ताझक ििय पडनेपर वह झवषि पररखस्थझतय ोंका िािना अपनी कु शलता व िुखद्धिानी िेकर िके व अपनेभ्रिणकताथकी िुरक्षा कर िके । 

६) एक कु शल गाइड की वाणी क प्रभावशाली ह ना आवश्यक हैइििेपूरी यािा प्रभावशाली िनती हैऔर भ्रिणकताथकी यािा िेंरूझच भी िनी रहती है। 

७) वह याझिय ोंक रािेंिेंआनेवालेदशथनीय स्थल ोंकी जानकारी देता रहे। ८) वहााँके जन-जीवन की झदनचयाथिेअवगत कराए। 

९) रािेिेंआए प्रत्येक दृश्य िेपयथिक ोंक अवगत कराए। 

 


Question 8 :

प्रकृ झत उि अनोंत और झवराि िरूप क देिकर लेखिका क कै िी अनुभूझत ह ती है?

Answer :

झहिालय का िरुप पल-पल िदलता है। प्रकृ झत इतनी ि हक हैझक लेखिका झकिी िुत-िी िाया और छाया के िेल क देिती रह जाती है। इि वातावरण िेंउिक अदज भुत शाखि प्राप्त ह  रही थी। इन अदज भुत व अनूठेऩार ोंनेलेखिका क पल िाि िेंही जीवन की शखि का अहिाि करा झदया। उिेऐिा लगनेलगा जैिेवह देश व काल की िरहद ोंिेदू र,िहती िारा िनकर िह रही ह और उिकी िन के िारा िैल और वािनाएाँइि झनिथल िारा िेंिह कर नष्ट ह गई ह ।

प्रकृ झत के उि अनोंत और झवराि िरुप क देिकर लेखिका क लगा झक इि िारेपररदृश्य क वह अपनेअोंदर ििेि ले। उिेऐिा अनुभव ह नेलगा वह चीरकाल तक इिी तरह िहतेहुए अिीि आिीय िुि का अनुभव करती रहे। 

 


Question 9 :

प्राकृ झतक िौोंदयथके अलौझकक आनोंद िेंडू िी लेखिका क कौन-कौन िेदृश्य िकि र गए ?

Answer :

लेखिका झहिालय यािा के दौरान प्राकृ झतक िौोंदयथके अलौझकक आनन्द िेंडू िी हुई थी परिुजीवन के कु छ ित्य ज वह इि आनन्द िेंभूल चूकी थी, अकस्मातजवहााँके जनजीवन नेउिे िकि र झदया। वहााँकु छ पहाडी औरतेंज िागथिनानेकेझलए पत्थर ोंपर िैठकर पत्थर त ड रही थीों। वेपत्थर त डकर िाँकरेराि ोंक चौडा कर रही थीों। उनके क िल हाथ ोंिेंकु दाल व हथौडेिे ठाठे(झनशान) पड गए थे। कईय ोंकी पीठ पर िच्चेभी िाँिेहुए थे। इनक देिकर लेखिका क  िहुत दुि हुआ। 

वह ि चनेलगी की यह पहाडी औरतेंअपनेजान की परवाह न करतेहुए िैलाझनय ोंके भ्रिण तथा िन रोंजन केझलए झहिालय की इन दुगथि घाझिय ोंिेंिागथिनानेका कायथकर रही है। िात आठ िाल के िच्च ोंक र ़ तीन-िाढेतीन झकल िीिर का िफर तय कर स्कू ल पढनेजाना पढता है। यह देिकर लेखिका िन िेंि चनेलगी झक यहााँके अलौझकक िौोंदयथके िीच भूि, िौत, दैन्य और झजजीझवषा के िीच जोंग जारी है। 

 


Question 10 :

 िैलाझनय ोंक प्रकृ झत की अलौझकक छिा का अनुभव करवानेिेंझकन-झकन ल ग ोंका य गदान ह ता है, उल्लेि करें। 

 

Answer :

 िैलाझनय ोंक प्रकृ झत की अलौझकक छिा का अनुभव करानेिेंिििेिडा हाथ एक कु शल गाइड का ह ता है। ज अपनी जानकारी व अनुभव िेिैलाझनय ोंक प्रकृ झत व स्थान के दशथन कराता है। कु शल गाइड इि िात का ध्यान रिता हैझक भ्रिणकताथकी रूझच पूरी यािा िेंिनी रहेताझक भ्रिणकताथके भ्रिण करनेका प्रय जन िफल ह । अपनेझिि ोंव िहयाझिय ोंका िाथ पाकर यािा और भी र िाोंचकारी व आनन्दियी िन जाती है। वहााँके स्थानीय झनवाझिय ोंव जन जीवन का भी िहत्वपूणथस्थान ह ता है। उनके द्वारा ही इि छिा के िौोंदयथक िल झिलता हैक् ोंझक यझद येना ह ों त व स्थान नीरि व िेजान लगनेलगतेहैं। तथा िरकारी ल ग ज व्यवस्था िेंिोंलग्न ह तेउनका िहत्त्वपूणथय गदान ह ता हैं। 

 


Question 11 :

“झकतना कि लेकर येििाज क झकतना अझिक वापि लौिा देती हैं।” इि कथन के आिार पर स्पष्ट करेंझक आि जनता की देश की आझथथक प्रगझत िेंक्ा भूझिका है?

Answer :

पत्थर ोंपर िैठकर श्रझिक िझहलाएाँपत्थर त डती हैं। उनके हाथ ोंिेंकु दाल व हथौडेह तेहैं। कइय ोंकी पीठ पर िाँिी ि करी िेंउनके िच्चेभी िाँिेरहतेहैंऔर वेकाि करतेरहतेहैं। हरे-भरे िागान ोंिेंयुवझतयााँि कुपहनेचाय की पझत्तयााँत डती हैं। िच्चेभी अपनी िााँके िाथ काि करते हैं। इन्ही की भााँझत आि जनता भी अपनी िूलभूत आवश्यकताओोंकी पूझतथके प्रयाि िेंजीझवका

रूप िेंदेश और ििाज के झलए िहुत कु छ करतेहैं। िडके, पहाडी िागथ, नझदय ों, पुल आझद िनाना। िेत ोंिेंअन्न उपजाना, कपडा िुनना, िान ों,कारिान ोंिेंकायथकरके अपनी िेवाओोंिे 

राष्टरआझथथक िदृढता प्रदान करके उिकी रीढ की हड्डी क िजिूत िनातेहैं। हिारेदेश की आि जनता झजतना श्रि करती है, उिेउिका आिा भी प्राप्त नहीोंह ता परिुझफर भी व अिाध्य कायथक अपना कतथव्य ििि कर करतेहैं। व ििाज का कल्याण करतेहैंपरिु िदलेिेंउन्हेंियों नाििाि का ही अोंश प्राप्त ह ता है। देश की प्रगझत का आिार यहीोंआि जनता हैझजिके प्रझत िकारािक आिीय भावना भी नहीोंह ती। यझद येआि जनता ना ह त देश की प्रगझत का पझहया रुक जाएगा। 

 


Question 12 :

आज की पीढी द्वारा प्रकृ झत के िाथ झकि तरह का खिलवाड झकया जा रहा है। इिेर कनेिें आपकी क्ा भूझिका ह नी चाझहए।

Answer :

प्रकृ झत के िाथ खिलवाड करनेके क्रि िेंआज की पीढी पहाडी स्थल ोंक अपना झवहार स्थान िना रही है। इििेवहााँगोंदगी िढ रही है। पवथत अपनी िभाझवक िुोंदरता ि रहे है।कारिान ोंिेझनकलनेवालेजल िेंितरनाक कै झिकल व रिायन ह तेहैंझजिेनदी िेंप्रवाझहत कर झदया जाता है। िाथ िेंघर ोंिेझनकला दू झषत जल भी नझदय ोंिेंही जाता है। झजिके कारण हिारी नझदयााँलगातार दू झषत ह रही हैं। वन ोंकी अन्धाोंिुि किाई िेिृदा का किाव ह नेलगा हैज  िाढ क आिोंझित कर रहा है। दू िरेअझिक पेड ोंकी किाई नेवातावरण िेंकािथनडाइ आक्साइड की अझिकता िढा दी हैझजििेवायुप्रदू झषत ह ती जा रही है। 

हिेंझनम्नझलखित भूझिका झनभानी चाझहए – 

१) हि ििक झिलकर अझिक िेअझिक पेड ोंक लगाना चाझहए। 

२) पेड ोंक कािनेिेर कनेकेझलए उझचत कदि उठानेचाझहए ताझक वातावरण की शुद्धता िनी रहे। 

३) हिेंनझदय ोंकी झनिथलता व िच्छता क िनाए रिनेकेझलए कारिान ोंिेझनकलनेवालेप्रदू झषथत जल क नझदय ोंिेंडालनेिेर कना चाझहए। 

४) नझदय ोंकी िच्छता िनाए रिनेकेझलए, ल ग ोंकी जागरूकता केझलए अनेक कायथक्रि ोंका आय जन ह ना चाझहए। 

 


Question 13 :

 प्रदू षण के कारण स्न फॉल िेंकिी का झजक्र झकया गया है। प्रदू षण के और कौन-कौन िे दुष्पररणाि िािनेआयेहैं, झलिें। 

 

Answer :

आज की पीढी के द्वारा प्रकृ झत क प्रदू झषत झकया जा रहा है। प्रदू षण का िौिि पर अिर िाफ झदिाई देनेलगा है। प्रदू षण के चलतेजलवायुपर भी िुरा प्रभाव पड रहा है। कहीोंपर िाररश अझतररि ह जाती हैत झकिी स्थान पर अप्रत्याझशत रूप िेिूिा पड रहा है। गिी के िौिि िें गिी की अझिकता देितेिनती है। कई िार त पारा अपनेिारेररकाडथक त ड चुका ह ता है। िझदथय ोंके ििय िेंया त कि िदी पडती हैया कभी िदी का पता ही नहीोंचलता। येिि प्रदू षण के कारण ही िम्भव ह रहा है।

प्रदू षण के कारण वायुिण्डल िेंकािथनडाइआक्साइड की अझिकता िढ गई हैझजिके कारण वायु प्रदू झषत ह ती जा रही है। इििेिााँि की अनेक ोंिीिाररयााँउत्पन्न ह नेलगी है। प्रदू षण के कारण पहाडी स्थान ोंका तापिान िढ गया है, झजििेस्न फॉल कि ह गया। ध्वझन प्रदू षण िेशाोंझत भोंग ह ती है। ध्वझन-प्रदू षण िानझिक अखस्थरता, िहरेपन तथा अझनोंिा जैिेर ग ोंका कारण िन रहा है। जलप्रदू षण के कारण िच्छ जल पीनेक नहीोंझिल पा रहा हैऔर पेि िम्बन्धी अनेक ोंिीिाररयााँ उत्पन्न ह रही हैं। 

 


Question 14 :

 ‘किाओ’ पर झकिी दू कान का न ह ना उिके झलए वरदान है। इि कथन के पक्ष िेंअपनी राय व्यि कीझजए। 

 

Answer :

‘किाओ’ पर झकिी भी दुकान का न ह ना उिके झलए वरदान हैक् ोंझक अभी यह पयथिक स्थल नहीोंिना। यझद क ई दुकान ह ती त वहााँिैलाझनय ोंका अझिक आगिन शुरू ह जाएगा। और वेजिा ह कर िाते-पीते, गोंदगी फै लाते, इििेगोंदगी तथा वहााँपर वाहन ोंके अझिक प्रय ग िेवायु िेंप्रदू षण िढ जाएगा। लेखिका क के वल यही स्थान झिला जहााँपर वह स्न फॉल देि पाई। इिका कारण यही था झक वहााँप्रदू षण नहीोंथा। अतः ‘किाओ ‘पर झकिी भी दुकान का न ह ना उिके झलए एक प्रकार िेवरदान ही है। 

 


Question 15 :

प्रकृ झत नेजल िोंचय की व्यवस्था झकि प्रकार की है? 

 

Answer :

प्रकृ झत नेजल िोंचय की व्यवस्था नायाि ढोंग िेकी है। प्रकृ झत िझदथय ोंिेंिफथ के रूप िेंजल िोंग्रह कर लेती हैऔर गझिथय ोंिेंपानी केझलए जि िाझह-िाझह िचती है, त उि ििय यही िफथ झशलाएाँझपघलकर जलिारा िन के नझदय ोंक भर देती है। नझदय ोंके रूप िेंिहती यह जलिारा अपनेझकनारेििेनगर तथा गाव ोंिेंजल-िोंिािन के रूप िेंतथा नहर ोंके द्वारा एक झविृत क्षेि िें झिोंचाई करती हैंऔर अोंत िेंिागर िेंजाकर झिल जाती हैं। िागर िेझफर िेवाष्प के रूप िेंजल चक्र की शुरुआत ह ती है। िचिुच प्रकृ झत नेजल िोंचय की झकतनी अदज भुत व्यवस्था की है।


Question 16 :

देश की िीिा पर िैठेफौजी झकि तरह की कझठनाइय ोंिेजूितेहैं? उनके प्रझत हिारा क्ा उत्तरदाझयत्व ह ना चाझहए?

Answer :

‘िाना िाना हाथ ज झड’ पाठ िेंदेश की िीिा पर तैनात फौझजय ोंकी चचाथकी गई है। विुत: िैझनक अपनेउत्तरदाझयत्व का झनवाथह ईिानदारी, ििपथण तथा अनुशािन िेकरतेहै। िैझनक देश की िीिाओोंकी रक्षा केझलए कझििध्द रहतेहै। देश की िीिा पर िैठेफौजी प्रकृ झत के प्रक प क िहन करतेहैं। हिारेिैझनक ों(फौजी) भाईय ोंक उन िफथ िेभरी ठों ड िेंझठठु रना पडता है। जहााँपर तापिान शून्य िेभी नीचेझगर जाता है। वहााँनि ोंिेंिून क जिा देनेवाली ठों ड ह ती है। वह वहााँिीिा की रक्षा केझलए तैनात रहतेहैंऔर हि आराि िेअपनेघर ोंपर िैठेरहतेहैं। ये जवान हर पल कझठनाइय ोंिेजूितेहैंऔर अपनी जान हथेली पर रिकर जीतेहैं। हिेंिदा उनकी िलािती की दुआ करनी चाझहए। उनके पररवारवाल ोंके िाथ हिेशा िहानुभूझत, प्यार व िम्मान के िाथ पेश आना चाझहए।

 


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