NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13: Ravindra Kalekar—the textual readings on the literary and critical works of Ravindra Kalekar. The writings of Kalekar are known for their vibrant narrative style and their significant depth of thematic exploration. Two of his extraordinary stories coupled with in-depth literary approach and unique story-telling techniques are in this chapter. His different literature approaches and thematic concerns are bound to make this chapter valuable for Class 10 Hindi Sparsh 13 PDF.
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वज़ीर अली के अफसाने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
रॉबिनहुड की ही तरह वज़ीर अली भी साहसी, बहादुर और चकमा देने में माहिर था। वह कई दिनों से अंग्रेजों को चकमा दे रहा था और उनकी पकड़ में ही नहीं आ रहा था। कंपनी के वकील को उसने उसके घर में जाकर मार दिया था। इसलिए कर्नल को वज़ीर अली के बहादुरी भरे अफ़साने सुनकर रॉबिनहुड की याद आ जाती थी।
सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
सआदत अली नवाब आसिफ़उद्दौला का छोटा भाई था। जब तक नवाब आसिफ़उद्दौला की कोई संतान नहीं थी तब तक उसे नवाब बनने की पूरी आशा थी परन्तु वज़ीर के जन्म लेते ही उसकी आशाओं पर पानी फिर गया इसलिए वज़ीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत समझा?
सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
सआदत अली और कर्नल दोस्त थे। सआदत अली को कर्नल पर विश्वास भी था। सआदत अली को ऐशों आराम की जिंदगी बिताना पसंद था इसलिए वह खुद तो ऐशो आराम की जिंदगी बिताएगा साथ ही दोस्त और विश्वासपात्र होने के कारण कर्नल की जिंदगी भी बड़े आराम से गुजरेगी। इस तरह सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का मकसद अवध की धन-दौलत पर कब्ज़ा करना था।
कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की?
कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली आजमगढ़ भाग गया और वहाँ के नवाब से सहायता पाकर सुरक्षित घाघरा पहुँच गए और तब से वे जंगलों में रहकर अपनी शक्ति बढ़ाने लगें।
सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?
कर्नल जिस सवार को साधारण सिपाही समझ रहा था और जिसकी मदद से वह वज़ीर अली को पकड़ने का ख्वाब देख रहा था वो वास्तव में स्वयं वज़ीर अली था इसलिए सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का रह गया।
लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
लेफ्टिनेंट को कर्नल ने जब यह बताया कि वज़ीर अली ही नहीं बल्कि दक्षिण में टीपू सुलतान बंगाल में नवाब के भाई शम्सुद्दौला भी कंपनी के खिलाफ़ हैं और इन्होंने अफगानिस्तान के बादशाह शाहे-जमा को आक्रमण करने का न्योता भेजा है तब लेफ्टिनेंट को ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।
वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?
वज़ीर अली को उसके नवाबी पद से हटा दिया गया और बनारस भेज दिया गया था। फिर कुछ महिनों बाद उन्हें कलकत्ता बुलवाया तो वज़ीर अली ने कंपनी के वकील, जो कि बनारस में रहता था, उससे शिकायत की परन्तु उसने शिकायत सुनने की जगह वज़ीर अली को खूप खरी-खोटी सुनाई। इस पर वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने वकील का कत्ल कर दिया।
सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
सवार जो कि स्वयं वज़ीर अली ही था। कर्नल के खेमे में वेश बदलकर कर्नल को अपनी बातों से प्रभावित कर कर्नल को स्वयं को ही पकड़वाने की सहायता देने का जाल बिछाकर बड़ी ही चतुराई से कारतूसों को प्राप्त करता है।
वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
वज़ीर अली का निर्भयता से शत्रु के खेमे में अकेले जाना दुश्मनों से ही कारतूसों को प्राप्त करना, वकील की अपमानजनक बात को सहन न करना और उसी के घर में उसकी हत्या करना और देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तत्पर होना ये सभी वज़ीर अली की जाँबाजी को सिद्ध करते हैं।
गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफिला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।
इस पंक्ति का आशय यह है कि वज़ीर अली जैसे सवार के आने से काफ़िला के आने का प्रभाव उत्पन्न होता था।
मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।
इस पंक्ति का आशय यह है कि भले ही वज़ीर अली के पास मुठ्ठीभर आदमी थे परन्तु उसके साहस और जाँबाजी असख्य लोगों का मुकाबला कर सकती थी अर्थात् वज़ीर अली एक बहादुर, साहसी निर्भय और चालाक सिपाही था।
वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?
वज़ीर अली ने कई बरसों से अंग्रेजों की आँख में धूल झोंककर उनकी नाक में दम कर रखा था इसलिए वे वज़ीर से तंग आ चुके थे।
कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?
कर्नल ने सवार पर नज़र रखने इसलिए कहा ताकि वे ये देख सके कि वह किस दिशा की तरफ़ जा रहा है और इससे उन्हें वज़ीर अली के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हो सके।
कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली की गिरफ्तारी के लिए लगा हुआ था।
सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?
सवार स्वयंम वज़ीर अली था और अब तक उसे कोई पहचान नहीं पाया था साथ ही वह एक जाँबाज और बहादुर था इसलिए उसने कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है।
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतेज़ार, मुमकिन।
खिलाफ़ – विरूद्ध
पाक – पवित्र
उम्मीद – आशा
हासिल – मिलना
कामयाब – सफल
वजीफ़ा – परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि
नफ़रत – घृणा
हमला – आक्रमण
इंतेज़ार – प्रतीक्षा
मुमकिन – संभव।
आँखों में धूल झोंकना, कूटकूट कर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्काबक्का रह जाना।
मुहावरे |
वाक्य |
आँखों में धूल झोंकना |
शरारती बच्चें शिक्षक की आँखों में धूल झोंककर भाग खड़े हुए। |
कूट-कूट कर भरना |
बचपन से माता-पिता को अपने बच्चों में स्वाभिमान की भावना कूट-कूट कर भरनी चाहिए। |
काम तमाम कर देना |
देखते ही देखते उस शरारती लड़के ने नए खिलौने का काम तमाम कर दिया। |
जान बख्श देना |
हम भारतीय इतने दरियादिल हैं कि अपने दुश्मनों की भी जान बख्श देते हैं। |
हक्का-बक्का रह जाना |
नन्हें से बच्चे की चतुराई भरी बातें सुनकर घर आए मेहमान हक्के-बक्के रह गए। |
कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ सम्बन्ध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए –
(क) जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था।
(क) जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है। (सम्बन्ध कारक)
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई। (सम्बन्ध कारक, अधिकरण कारक)
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया। (कर्म कारक, अपादान कारक)
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी। (सम्प्रदान कारक, सम्बन्ध कारक)
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था। (अधिकरण कारक)
क्रिया का लिंग और वचन सामान्यत: कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;
जैसे –
सवार कारतूस माँग रहा था? (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे? (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना? (यहाँ क्रिया कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अत : कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म में से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ ने ‘ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए –
(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
घोड़े ने पानी पीया।
बच्चों ने दशहरे का मेला देखा।
रॉबिनहुड ने गरीबों की मदद की।
देश भर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह लगाइए –
(क) कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नज़र रखो ये किस तरफ़ जा रहा है
(ख) सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है
(ग ) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है
(क) कर्नल ने कहा- “सिपाहियों! इस पर नजर रखो, ये किस तरफ जा रहा है?”
(ख) सवार ने पूछा- “आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है?”
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे, चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था- “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।”
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