The detailed life and work of Prahlad Agarwal, a man who excelled in most areas, especially technology and social welfare, are given by NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 Prahlad Agarwal. Usefulness and innovativeness in contributions and approaches while dealing with the improvement in societal conditions come bare to the person after the useful and innovative contribution of Agarwal. The PDF of Sparsh 11 of class 10 Hindi offers details about his career and how his work has had an impact in sectors like education and technology.
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जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में बताया कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है।
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकठ्ठा हो गई थी?
ख्यूक्रिन नाम के एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया था और उसकी चीख पुकार के कारण काठगोदाम के पास भीड़ इकठ्ठा हो गई थी।
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
ख्यूक्रिन पेशे से सुनार था इसलिए उसका काम भी पेचीदा था यदि उसकी उँगली ठीक न होती तो वह काम नहीं कर पाता। अत: उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान होता।
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
कुत्ते के काटने पर ख्यूक्रिन ने उसकी टांग पकड़ ली थी और उसे वह घसीट रहा था इसलिए कुत्ता किकिया रहा था।
बाजार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
बाज़ार में इंस्पेक्टर ओचुमेलाँव और उनका सिपाही गश्त लगा रहे थे वे किसी का भी सामान जब्त कर लेते थे साथ ही उस समय खरीदारों की कमी के कारण भी बाज़ार के चौराहे पर ख़ामोशी थी।
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी?
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की यह दलील दी कि कामकाजी तथा उसका काम पेचीदा होने के कारण यदि उसकी उँगली ठीक नहीं होती तो उसके काम का हरजाना होगा इसलिए उसे कुत्ते के मालिक से मुआवज़ा मिलना चाहिए।
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का कारण बताया कि वह तो चुपचाप अपना काम कर रहा था तभी अचानक से इस कुत्ते ने आकर उसकी उँगली काट ली।
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता रहता है इसने जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी इसलिए कुत्ते ने इसे काट दिया होगा क्योंकि बिना कारण तो कुत्ता किसे काटता नहीं है। इस तरह येल्दीरिन ने ओचुमेलाँव की हाँ में हाँ मिलाकर ख्यूक्रिन को दोषी ठहराया।
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है’?
वास्तव में ओचुमेलॉव एक चापलूस किस्म का व्यक्ति था इसके जरिए वह जनरल साहब की नजर में ऊपर उठना चाहता था और एक बेहतर इंस्पेक्टर साबित होना चाहता था।
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
ख्यूक्रिन कहाँ तो अपनी उँगली के लिए हरजाना माँगने की बात कर रहा था परन्तु यहाँ तो ओचुमेलॉव ने जनरल को खुश करने के लिए उल्टे उस पर ही दोष मढ़ दिया जिसके कारण सारी खड़ी भीड़ ख्यूक्रिन पर हँसने लगी।
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
ओचुमेलॉव को जब पता चलता है कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है तो वह उन्हें खुश करने के लिए ख्यूक्रिन पर ही सारा दोष मढ़ देता है और कहता है कि किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी।
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
ओचुमेलॉव एक दोहरे व्यक्तित्व, चापलूस, शातिर और मौका परस्त चरित्र का व्यक्ति है। वह एक कर्तव्यहीन इंसान है अपने फायदे के लिए वह लोगों के साथ अन्याय करता है,अपने पद का लाभ उठाते हुए वह एक आम इंसान को उचित न्याय नहीं दिलवाता है उल्टे दोषी व्यक्ति को खुश करने का प्रयास करता है।
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है – ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आया और क्यों?
ओचुमेलॉव पहले जिस कुत्ते को भद्दा, मरियल और आवारा कुत्ता कहता है परन्तु जैसे ही उसे पता चलता है कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है उसी कुत्ते को वह सुन्दरडॉगी कहकर संबोधित करने लगता है और कुत्ते को उसके मालिक तक पहुँचवा देता है।
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है .. ।’ समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है?
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है..।’ समाज की वास्तविक कटु सच्चाई की ओर संकेत करता है। आज भी हमारे समाज में ऊँचे पद का रौब, भाई भतीजावाद, पक्षपात, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी विद्यमान है। आज भी लोग जान-पहचान ऊँचे ओहदों का प्रयोग करके कई सारे गलत कामों को अंजाम देते हैं।
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
इस कहानी का शीर्षक गिरगिट इसलिए रखा गया होगा क्योंकि जिस प्रकार गिरगिट समयनुसार अपना रंग बदलने में माहिर है ठीक उसी प्रकार ओचुमेलॉव भी मौके के अनुसार अपना रंग बदल देता है।
इस पाठ के लिए कुछ अन्य नाम अवसरवादी, चापलूसी या रंग-बदलू आदि भी हो सकते है।
मेरे अनुसार यह सारे शीर्षक पाठ को दिए जा सकते हैं क्योंकि आज के इस अवसरवादी युग में सभी उचित समय और मौके को देखकर अपने स्वभाव में परिवर्तन कर देते हैं ।
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्टकीजिए।
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की भ्रष्टाचार, चापलूसी और अवसरवादिता आदि विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है। आज भी हमारे समाज में उपर्युक्त सभी विसंगतियादेखने को मिलती है। कमजोर लोगों को न्याय प्राप्त नहीं होता।ऊँचे ओहदों का इस्तेमाल कर लोग अनैतिक कार्य करते हैं और कानून को ठेंगा दिखाते हैं। सच्ची राह पर चलनेवाले ईमानदार व्यक्ति को अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
इस पंक्ति का आशय यह है कि कुत्ता अपने ऊपर आनेवाले संकट से घबराया हुआ था।
कानून सम्मत तो यही है… कि सब लोग अब बराबर हैं।
इस पंक्ति का यह आशय है कि कानून की नज़र में सभी लोग बराबर होते हैं। न्याय गरीब और अमीर नहीं देखता है। सभी को उचित न्याय पाने का हक़ है।
हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है।.
इस पंक्ति का आशय यह है कि बाज़ार के पसरे हुए सन्नाटे में अचानक ख्यूक्रिन के चिल्लाने के कारण भीड़ जमा हो गयी थी और यह भीड़ किसी भी जनशांति को भंग करने कीक्षमता रखती है।
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाइए –
(क) माँ ने पूछा बच्चों कहाँ जा रहे हो
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ
(क) माँ ने पूछा, “बच्चों कहाँ जा रहे हो?”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम! यह क्या हो गया?
(घ) रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा, “ठहर, तुझे अभी मजा चखाता हूँ।”
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए –
• मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
• यह तो अति सुंदर ‘डॉगी’ है।
• कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश ‘निपात’ कहलाते हैं जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल देते हैं। वाक्य में इनसे पता चलता है कि किस बात पर बल दिया जा रहा है औरवाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायताकरते हैं उन्हें निपात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि
ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
ही – भूकंप आते ही दीवार में दरार पड़ गई।
भी – आप कल भी दूध दे जाना।
तो – तुमने तो संदेश नहीं दिया।
तक – राधा ने मेरी तरफ़ देखा तक नहीं।
भी – वह खेल में भी अच्छा है।
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छाँटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1. मजा चखाना – अपने दुश्मनों को मजा चखाना हमें बखूबी आता है।
2. काट खाना – बीमारी के दिनों में रीना सभी को काट खाने के लिए दौड़ती थी।
3. त्योरियाँ चढ़ाना – बच्चे की शरारत को देखकर पिता की त्योरियाँ चढ़ने लगीं।
4. मत्थे मढ़ना – अपनी गलतियों को मेरे मत्थे मढ़ने की चेष्टा मत करो।
5. फायदा उठाना – गाँववाले रामू की भलमनसाहत का गलत फायदा उठाते हैं।
6. गाँठ बाँधना – माता-पिता की दी हुई नसीहतों को गाँठ बाँधकर रखना चाहिए।
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-
(क) .. + भाव = ..
(ख) ..+ पसंद = ..
(ग) ..+ धारण = ..
(घ) ..+ उपस्थित = ..
(ङ) .. + लायक = ..
(च) .. + विश्वास = ..
(छ) .. + परवाह = ..
(ज) ..+ कारण = ..
(क) दुर् + भाव = दुर्भाव
(ख) ना + पसंद = नापसंद
(ग) निर् + धारण = निर्धारण
(घ) अन्+ उपस्थित = अनुपस्थित
(ङ) ना + लायक = नालायक
(च) अ + विश्वास = अविश्वास
(छ) ला + परवाह = लापरवाह
(ज) अ + कारण = अकारण
नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए –
मदद + … =….
बुद्धि + … = ….
गंभीर + … = ….
सभ्य + … = ….
ठंड + … = ….
प्रदर्शन + … = ….
मदद+गार = मददगार
बुद्धि+मान = बुद्धिमान
गंभीर+ता = गंभीरता
सभ्य+ता = सभ्यता
ठंड+अक = ठंडक
प्रदर्शन+ई = प्रदर्शनी
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए –
(क) दुकानों में ऊँघते हुए चेहरे बाहर झाँके।
(ख) लाल बालोंवाला एक पाही चला आ रहा था।
(ग) यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है।
(घ) एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
(क) ऊँघते हुए चेहरे – संज्ञा पदबंध
(ख) लाल बालोंवाला – विशेषण पदबंध
(ग) कोई शरारत करता रहता है – क्रिया पदबंध
(घ) तीन टाँगों के बल – क्रिया विशेषण पदबंध
आपके मोहल्ले में लावारिस? आवारा कुतों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अत:लोगों की सुरक्षा कोध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
सरला भवन
रामनगर
पुणे
दिनांक -22 अगस्त 2014
सेवा में,
नगर निगम अधिकारी
पुणे नगर निगम
पुणे
विषय : आवारा कुत्तों की समस्या हेतु पत्र।
महोदय
इस पत्र के द्वारा अपने इलाके में बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ।
हमारे इलाके में कई दिनों से न जाने कहाँ से ये आवारा पशु घूम रहे हैं जिसके कारण आम नागरिकों को काफ़ी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों तथा बुजर्गोंका घर से निकलना दूभर हो रखा है। ये पशु राहगीरों के पास से खाने-पीने की सामग्री प्राप्त करने के लिए उनके ऊपर भौकने लगते हैं तो कभी झपट भी पड़ते हैं।
अत:आप से आशा करते हैं कि आप इन आवारा पशुओं को पकड़वाने और हमें इस समस्या से निजात दिलवाने के लिए जल्द-से जल्द कोई कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
रमेश
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