NCERT Solutions for class 10 Chapter 17: Mein Kyon Likhata Hun

Chapter 3, "Mein Kyon Likhata Hun," is an insightful essay by the renowned author and poet, Surendra Verma. This chapter explores the motivations behind writing and the significance of expression in one's life.

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Students can access the NCERT Solutions for class 10 Chapter 17: Mein Kyon Likhata Hun. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Mein Kyon Likhata Hun

Question 1 :

 लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन मेंकही ींअतिक मदद करिी है, क्य ीं?

 

Answer :

लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता हैजिसेअपनेसमक्ष होतेहुए देखतेहैपरन्तु अनुभूजत संवेदना और कल्पना के सहारेउस सत्य को आत्मसात कर लेतेहैजिसके पररणाम स्वरूप सामनेन होनेवाली घटनायेभी आँखोंके सामनेज्वलंत प्रकाश बन िाती हैजिसेजलखकर ही अपनी जववशता सेस्वतंत्रता पायी िा सकती है। उसकी अनुभूजत उसेजलखनेकेजलए प्रेणना देती हैव स्वयं सेपररजित होनेकेजलए भी जलखनेके जलए प्रेणना देती है। इसजलए लेखक ,लेखन के जलए अनुभूजत को अजिक महत्व देता है।

 


Question 2 :

 लेखक नेअपनेआपकय तहरयतिमा के तवस्फयट का भयक्ता कब और तकस िरह महसूस तकया?

 

Answer :

लेखक नेअपनी िापान यात्रा के समय एक पत्थर मेंमानव की छजव देखी। जवज्ञान का

जवद्यार्थी होनेके कारण वह यह िान गए जक जवस्फोट के समय पत्थर के पास कोई व्यक्ति खड़ा होगा। जवस्फोट सेजनकलेपदार्थथनेउस व्यक्ति को भाप बना जदया और पत्थर को िला जदया। इस प्रत्यक्ष अनुभूजत नेलेखक के हृदय को जहला जदया। इस प्रकार लेखक जहरोजशमा केजवस्फोट का भोिा बन गया।

 


Question 3 :

मैंक्य ींतलखिा हूँ? केआिार पर बिाइए तक-

 

 

Answer :

(क) लेखक कय कौन-सी बािेंतलखनेके तलए प्रेररि करिी हैं?

उत्तर: लेखक अपनेभीतर की जववशता की विह सेजलखनेकेजलए प्रेररत होता है। लेखक की अनुभूजत उसेजलखनेकेजलए प्रेररत करती हैवह स्वयं को िाननेके जलए भी जलखनेकेजलए प्रेररत होता है।

(ख) तकसी रचनाकार के प्रेणना स्त्रयि तकसी दूसरेकय कु छ भी रचनेके तलए तकस िरह उत्सातहि कर सकिी है?

उत्तर: जकसी भी रिनाकार को उसके भीतर की जववशता उसेजलखनेकेजलए प्रेणना देती हैपरन्तु कई बार उसेसम्पादको के दबाव मेंआकर एवंआग्रह मेंभी उसेजलखना पड़ता है। और कई बार प्रकाशक का तकािा और उसकी आजर्थथक जववशता भी उसेजलखनेके जलए प्रेररत करती है।

 


Question 4 :

कु छ रचनाकारय ींके तलए आत्मानुभूति/स्वयींके अनुभव केसाथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूणणहयिा है। येबाह्य दबाव कौन-कौन सेहय सकिेहैं?

 

Answer :

आत्मानुभूजत जकसी भी तरह की हो सकती हैिो हमेशा उसेजलखनेको प्रेररत करती है।परन्तुइसके सार्थ सार्थ दबाव भी महत्वपूणथहोतेहैयेदबाव खुद की आजर्थथक क्तिजत या सम्पादक का आग्रह या जिर प्रकाशक का तकािा भी हो सकता हैिो उसेजलखनेके जलए दबाव डालतेहै।

 


Question 5 :

क्ा बाह्य दबाव के वल लेखन सेजुडेरचनाकारय ींकय ही प्रभातवि करिेहैंया अन्य क्षेत्य ींसे जुडेकलाकारय ींकय भी प्रभातवि करिेहैं, कै से?

 

Answer :

बाहरी दबाव का प्रभाव हर क्षेत्र सेिुड़ेलोगो पर रहता हैउदाहरणार्थ -अजभनेता ,मंकलाकार ,नृतक इन सभी पर जनदेशक का दबाव रहता है। गायक पर श्रोताओ का दबाव बना रहता है। मूजतथकार पर मूजतथबनवानेवालेकी इच्छा का दबाव बना रहता है। इस प्रकार अलग अलग क्षेत्र सेिुड़ेलोगो पर बाहरी दबाव रहता है।

 


Question 6 :

तहरयतिमा पर तलखी कतविा लेखक के अींिः व बाह्य दयनय ींदबाव का पररणाम है, यह आप कै सेकह सकिेहैं?

 

Answer :

जहरोजशमा मेंहुए जवस्फोट सेपीजड़त लोगो को देखकर लेखक को अत्यंत दुुः ख हुआ और तब लेखक के मन मेंजलखनेकी प्रेणना उत्पन्न नही ंहुई परन्तुिब उसनेिलेपत्थर पर जकसी व्यक्ति की छाया को देखा तब उसको जहरोजशमा के जवस्फोट सेप्रभाजवत लोगो के ददथकी अनुभूजत हुई और लेखक को उसनेजलखनेके जलए प्रेररत जकया। इस प्रकार जहरोजशमा पर जलखी कजवता लेखक के अन्तुः व बाहरी दोनोंदबावो का पररणाम है।

 


Question 7 :

 तहरयतिमा की घटना तवज्ञान का भयानकिम दुरुपययग है। आपकी दृति मेंतवज्ञान का दुरुपययग कहाूँ-कहाूँतकस िरह सेहय रहा है।

 

Answer :

हमारी दृजि मेंजवज्ञान का दुरूपयोग जनम्नजलक्तखत रूपोंमेंअलग अलग क्षेत्रोंमेंहो रहा है-

• वतथमान समय मेंहर देश खुद को शक्तिशाली साजबत करनेमेंलगा हैजिसके जलए हर देश परमाणुजनमाथण मेंलगा हैजिससेआनेवाला भजवष्य घातक साजबत हो सकता है

• जवज्ञान नेकं प्यूटर का जनमाथण जकया और सार्थ ही इंटरनेट का भी जिससेसभी कायथिल्दी और आसानी सेहो िातेहैलेजकन कु छ लोग इनका दुरुपयोग कर साइबर क्राइम और वाइरस को िन्म देरहेहै।

• जवज्ञान नेयातायात के सािन सेहमारी यात्रा को तो सुगम बनाया हैपर सार्थ ही वातावरण को भी दू जित जकया है।

• जिजकत्सा के क्षेत्र मेंअल्ट्र ासॉउन्ड का दुरूपयोग कर गभथमेंपल रहेजलंग का परीक्षण कर िन्म सेपूवथही कन्याभूणथहत्या कर दी िाती है।

 


Question 8 :

 एक सींवेदनिील युवा नागररक की हैतसयि सेतवज्ञान का दुरुपययग रयकनेमेंआपकी क्भूतमका है?

 

Answer :

एक संवेदनशील नागररक होनेके नातेमैंयेकहना िाहँगा जक जवज्ञान का दुरूपयोग हो रहा हैयह कहना जबलकु ल ठीक हैपरन्तुहर व्यक्ति उसका दुरूपयोग कर रहा येकहना उजित नही ं क्ोंजक कु छ लोग इसके दुरूपयोग को रोकनेकेजलए भी कायथकर रहेहैिो इस प्रकार है-

• परमाणुसंजि के द्वारा परमाणुअस्त्र प्रयोगों पर रोक लगाना और हमेंइनका समर्थथन करना  िाजहए।

• बढ़तेप्रदू िण पर रोक लगानेकेजलए िनता को िागरूक करना जिसके जलए अनेक कायथक्रम और सभा आयोजित की िा सकती हैजिसमेंप्रदू िण की रोकर्थाम केजलए उपाए बतायेिा सकतेहै। इन काकथ मों मेंिाकर हम िनता को िागरूक कर सकतेहै।

• अंग प्रत्यारोपण पर जमजडया की सहायता सेरोक लगाना संभव हो पाया हैइसके जलए हमें मीजडया का सार्थ देना िाजहए और िहाँभी ऐसी गजतजवजि हो तुरंत मीजडया या कानून को उसकी नकारी देकर उनका सहयोग कर सकतेहै।

 


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