Chapter 9, "Chidiya ki Bachchi," reflects the bird's simplicity, her aversion to confinement, and her longing for independence. It also starkly portrays human cruelty driven by insatiable greed. NCERT Solutions for Class 7 Hindi, Chapter 9, "Chidiya ki Bachchi," is presented in a clear and easily comprehensible language. The complete solutions are readily accessible, aiding students in their preparation for the final examination. These solutions, elucidated by seasoned educators, provide concise and comprehensive answers. Vedantu offers access to Chapter 9 solutions for Class 7 Vasant, both online and offline, ensuring continued access to these resources.
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किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन सम्पन्नता से भरा हुआ था और किन बातों से पता चलता है कि वह सुखी नहीं था?
निम्नलिखित बातो से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन सम्पन्नता से भरा हुआ है --
a.माधवदास ने अपनी संगमरमर की नयी कोठी बनवाई थी | जिसके सामने एक बहुत सुहावना बगीचा भी बनवाया था |
b.माधवदास के पास धन की भी कोई कमी नहीं थी |
c.वह उस चिड़िया को भी धन का लोभ देते हुए कहता है कि “वह उसके रहने के लिए सोने का पिंजरा बनवा देगा |”
कई बातों से पता चलता है वह सुखी नहीं था जैसे कि उसके पास किसी भी वस्तु की कमी नही थी लेकिन वह इतनी बड़ी कोठी में अकेला रहता था यही कारण था की वह सुखी होकर भी सुखी नहीं था|
माधवदास क्यों बार -बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है ? क्या माधवदास निस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था ? स्पष्ट कीजिये |
माधवदास बार-बार चिड़िया को कह रहा था कि यह बगीचा तुम्हारा ही है | वह ऐसा इसलिए कह रहा था क्योंकि वह उस छोटी- सी, प्यारी -सी चिड़िया को अपने पास पिंजरे में कैद रखना चाहता था ताकि वह चिड़िया उसका मन बहला सके | अतः, माधवदास यह सब स्वार्थ भाव से बोल रहा था अगर वह निस्वार्थी होता तो वह चिड़िया को जबरदस्ती पकड़ कर अपने पास रखने की कोशिश नहीं करता |
माधवदास के बार- बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख -सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी | दूसरी तरफ माधवदास की नज़र मे चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था| माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या -क्या थे ? अपने शब्दों मे लिखिए |
चिड़िया और माधवदास दोनों के मनोभाव एक दूसरे से विपरीत थे | चिड़िया एक आज़ाद पक्षी है जिसे खुले आसमान में उड़ना पसंद है, अपनी माँ के साथ रहना पसंद है। चिड़िया के लिए सोने -चांदी से ज्यादा महत्वपूर्ण उसकी आज़ादी और उसकी माँ का स्नेह था | इसके विपरीत माधवदास ,जो एक स्वार्थी व्यक्ति था जिसके लिए धन -सम्पत्ति , सुख -सुविधाएं ही जीवन जीने के लिए जरुरी है नाकि प्रेम |
कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हे कैसा लगा ? चालीस -पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए |
कहानी के अंत मे हमने देखा की नन्ही चिड़िया कैसे भी करके उस सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलती है |कहानी का यह एक सुखद अंत था क्योकि अगर वह चिड़िया पकड़ी जाती तो इसका परिणाम बुरा होता | लेकिन वह चिड़िया अब आज़ाद है और अपनी माँ के साथ खुश है । कहानी के अंत में चिड़िया के बचने से मुझे बहुत ख़ुशी हुई | चिड़िया सिर्फ छोटी और प्यारी ही नहीं बल्कि वह बहादुर भी थी।
‘ माँ मेरी बाट देखती होगी ‘_ नन्ही चिड़िया बार -बार इसी बात को कहती है | आप अपने अनुभव के आधार पर बताइये की हमारी ज़िंदगी में माँ का क्या महत्व है ?
हमारे जीवन की आधार है माँ | माँ के बिना जीवन असंभव है | माँ सर्वोपरि है | हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे प्यारी है | माँ हमारी पहली दोस्त है , माँ हमारी पहली गुरु है, अर्थात माँ ईश्वर के सामान है | माँ अपने बच्चे की खुशी में खुश होती है, दुःख में दुखी होती है | हम अपने माँ के ऋणी है उनका ऋण हम नहीं चूका सकते हैं क्योंकि हमारी माँ हमसे अपार प्रेम करती है| वो भी नि:स्वार्थ भाव से इसलिए वह चिड़िया बार- बार अपनी माँ को याद करती है |
इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यो ?
इस कहानी का शीर्षक हम ‘ जीवन का असली सुख ‘ रख सकते हैं क्योंकि इस कहानी में हमने जिंदगी जीने के दो भिन्न नजरिये पढ़े हैं |
इस कहानी मे आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती हैं | मधुमक्खी चींटिया ग्रह – नक्षत्रो तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीजों मे हमे अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है | इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रुप आपको कहाँ -कहाँ देखने को मिलता है ? उदाहरण देकर बताइए |
इस तरह का स्वाभाविक अनुशासन हमे निम्न रूपों में देखने मिलता है जैसे हर दिन सूर्य का अपने निश्चित समय पर निकलना , पृथ्वी का अपनी धूरी पर लगातार चक्कर लगाना ,पशु -पक्षी का विचरण करने के बाद शाम को अपने घरौंदे में वापस आ जाना | इन प्राकृतिक रूपो में कभी परिवर्तन नहीं होता |
सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएं देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या स्वीकार करेंगे ? आपको अधिक प्रिय क्या होगा_ ‘ स्वाधीनता ‘ या ‘ प्रलोभनवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है की पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता | नीचे दिए गये कारणों को पढ़े और विचार करे _
क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वंय दुखी होता है , वह किसी को सुखी नहीं कर सकता |
ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता|
ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता |
हर तरह की सुख सुविधाएं मिलने के बाद भी हर व्यक्ति को उसकी आज़ाद जिन्दगी ज्यादा प्यारी होती है | पराधीन व्यक्ति के पास हर तरह की सुख सुविधाएं क्यों ना हो लेकिन वह सुख सुविधाएं हमे आराम दे सकती है लेकिन सुकून नहीं , क्योंकि पराधीन व्यक्ति ऐसी सुविधाओं में हर समय घुट घुट कर जीने पर विवश होता है |
आपने गौर किया होगा कि मनुष्य पशु पक्षी – इन तीनो में ही माँएँ अपने बच्चो का पूरा -पूरा ध्यान रखती है | प्रकृति की इस अदभुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दो मे लिखिए |
एक माँ और बच्चे का रिश्ता बहुत गहरा होता है इसलिए इन दोनों का प्रेम हर जीव में दिखता है| माँ कितनी भी पीड़ा सहकर एक बच्चे को पालती -पोसती है | अपनी प्रेम रूपी छाया में रखकर हर दुःख और परेशानी से बचाती है इसलिए माँ अनमोल है |
(i) पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए है _
क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी |
ख) कभी पर हिलाती थी |
ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से चिपक गई|
• तीनो ‘ पर ’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए है | इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘ पर ‘ प्रयोग कर तीन वाक्य बनाइए जिनमे अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हों |
(ii) पाठ मे तैनें छनभर खुश करियो – तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रुप में तूने, क्षणभर ,खुश करना लिख -बोले जाते है लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं कहीं इनके प्रयोग होते है | इस तरह के कुछ अन्य शब्दो की खोज कीजिये |
(i) क) मेज़ पर (के ऊपर ) किताब रखी है |
ख) चिड़िया के पर (पंख ) बहुत सुन्दर है |
ग) पर (लेकिन )मैं नहीं आ सकती |
(ii) 1. दियो – देना |
2.आइओ – आना |
3. जइओ – जाना |
4.कारिओ – करना |
5. मन्नै- मैंने |
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