In NCERT Class 7 Hindi Vasant Chapter 2, the author eloquently portrays the profound connection he shared with his grandmother. His grandmother, a beacon of love, tenderness, and empathy, is at the center of this poignant narrative. The story is a heartfelt tribute to the author's Dadee Maa, recounting the significant role she played in his life and the family's life. The author reminisces about the fond memories he shared with his grandmother, cherishing them dearly.
The NCERT Solutions for Hindi for Class 7 वसंत-Chapter 2 दादी माँ are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solutions for Hindi for Class 7 वसंत-Chapter 2 दादी माँ. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों ?
दादी माँ का सरल एवं दयालु स्वभाव हमें अच्छा लगता है | दादी माँ वाणी से भले ही कठोर थी परंतु घर के सदस्यों एवं दूसरों की आर्थिक मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थी | रामी चाची का क़र्ज़ माफ़ कर उसे दस रुपये भी दिए ताकि उसकी बेटी के विवाह में किसी भी तरह की रूकावट नहीं आये | घरवालों की आर्थिक सहायता हेतु दादी माँ ने दादाजी के दिए हुए कंगन भी उन्हें दे दिए थे | इन्ही कारणों से हमे दादी माँ का यह स्वाभाव अच्छा लगता है |
लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?
लेखक को दादी माँ की याद के साथ - साथ अपने बचपन की स्मृतियाँ जैसे किनारों पर झाग भरे जलाशयों में कूदना , बीमार होने पर दादी का दिन - रात ख्याल रखना, किशन भैया की शादी पर औरतों द्वारा गीत व अभिनय के समय पकड़े जाने पर दादी माँ का उनका पक्ष लेना , दादी माँ के द्वारा रामी चाची की आर्थिक मदद करना और उनका हर काम में उपस्थित होना याद आ जाता है |
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?
दादाजी की मृत्यु के बाद लेखक के पिताजी ने संपत्ति का सही उपयोग नहीं किया था | दादाजी के श्राद्ध में दादी माँ के मना करने पर भी लेखक के पिताजी ने अतुल संपत्ति व्यय की जो घर की संपत्ति नहीं थी | इसी कारण से उनके घर स्थिति ख़राब हो गयी |
आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़े. जैसे- क्वार , आषाढ़,
माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है, लिखिए ।
a.क्वार - इस महीने गर्मी और सर्दी दोनों ही कम होती है |
b.आषाढ़ - यह महीना वर्षा का होता है और अगर वर्षा न हो तो गर्मी बढ़ जाती है |
c.माद्य - इस महीने बहुत अधिक सर्दी होती है |
'अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं '-लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि किस मौसम में कौन-कौन सी चीज़ें वशेष रूप से मिलती है?
क्वार के महीने में तरबूज , खरबूज, खालसे और लीची मिलते है |आषाढ़ के महीने में आड़ ,जामुन , चेरी और खीरा मिलते है|माघ के महीने में केले ,संतरे,कीवी और गुड़ मिलते है |
इस कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए, किन-किन पारिवारिक परिस्थितियों में गाँव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहाँ से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
गाँव के लोगों को शादी - विवाह के खर्च के लिए , खेती - बाड़ी करने के लिए , बच्चों की पढ़ाई के लिए , मकान /ज़मीन खरीदने या बनवाने के लिए , आदि के लिए ऋण लेना पड़ता है | यह ऋण उन्हें ज़मींदारो , बैंकों एवं गाँव के साहूकार से मिलता है |
घर पर होने वाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे क्या-क्या करते हैं? अपने और अपने मित्रों के अनुभवों के आधार पर लिखिए।
घर पर होने वाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे घर की सजावट करते हैं , घर में ख़ुशी का माहौल बनाते हैं , नए कपड़े पहनकर खूब मस्ती करते हैं और व्यंजनों का आनंद लेते हैं |
नीचे दी गई पंक्तियों पर ध्यान दीजिए
जरा-सी कठिनाई पड़ते
अनमना-सा हो जाता है।
सन-से सफ़ेद
समानता का बोध कराने के लिए सा, सी, से का प्रयोग किया जाता है। ऐसे पाँच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
a.नन्हा सा - कल मेरे आँगन में एक नन्हा - सा पक
b.प्यारी सी - फूल पर एक प्यारी - सी तितली बैठी है |
c.मिश्री सी - कोयल की मिश्री-सी गीत बड़ी आनंददायक होती है।
d.झील सी - उसकी आँखें झील - सी नीली थी |
e.पत्थर सा - उसका दिल पत्थर - सा कठोर है |
कहानी में छू-छूकर ज्वर का अनुमान करतीं, पूछ-पूछकर घरवालों को परेशान कर देतीं’-जैसे वाक्य आए हैं। किसी क्रिया को जोर देकर कहने के लिए एक से अधिक बार एक ही शब्द का प्रयोग होता है। जैसे वहाँ थक गया, उन्हें ढूंढ-ढूँढ़कर देख लिया। इस प्रकार के पाँच वाक्य बनाइए।
a.रोहन टीना को समझा - समझाकर थक गया परंतु वह नहीं मानी|
b.रीना और कार्तिक एक दूसरे को देख - देखकर हँस रहे थे|
c.भीड़ ने चोर को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया |4
d.सीमा फूट - फूटकर रोने लगी |
e.अखिल भाग - भागकर थक गया |
बोलचाल में प्रयोग होने वाले शब्द और वाक्यांश ‘दादी माँ’ कहानी में हैं। इन शब्दों और वाक्यांशों से पता चलता है कि यह कहानी किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित है। ऐसे शब्दों और वाक्यांशों में क्षेत्रीय बोलचाल की खूबियाँ होती हैं। उदाहरण के लिए-निकसार, बरह्मा, उरिन, चिउड़ा, छौंक इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है। इन शब्दों का उच्चारण अन्य क्षेत्रीय बोलियों में अलग ढंग से होता है; जैसे-चिउड़ा को चिड़वा, चूड़त्र, पोहा और इसी तरह छौंका को छौंक, तड़का भी कहा जाता है। निकसार, उरिन और बरह्मा शब्द क्रमशः निकास, उऋण और ब्रह्मा शब्द का क्षेत्रीय रूप हैं। इस प्रकार के दस शब्दों को बोलचाल में उपयोग होने वाली भाषा/बोली से एकत्र कीजिए और कक्षा में लिखकर दिखाइए।
माटी - मिट्टी , भाग - भाग्य , जमना - जमुना , छोरा - लड़का , काज - कार्य , प्रलै - प्रलय , तेरा - थारा , रिसतेदार - रिश्तेदार , घना - अधिक , स्नान - नहाना
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