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लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गाँधी जी ने क्या किया?
जब गाँधी जी को लंदन में भोज पर आमंत्रित किया गया तो वे वहाँ भोज के समय से पहले चले गए और वहाँ खाना बना रहे अन्य कर्मचारियों की मदद करने के लिए बर्तन धोने लगे। उन्होंने सब्जियों को काटने में भी लोगों की मदद की।
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने कौन-सा काम करवाया और क्यों?
आश्रम में अयर कॉलेज के छात्रों को गाँधी जी ने गेहूँ बीनने का काम दिया था। ऐसा करने के पीछे यह कारण था कि कॉलेज से आए छात्रों को अपने अंग्रेज़ी बोलने पर बहुत अभिमान था और गाँधी जी ने उनसे गेहूँ बीनने को कहकर उनके अभिमान को खत्म करने का प्रयास किया।
‘आश्रम में गाँधी कई ऐसे काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ में तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हो?
गाँधी जी द्वारा आश्रम में किए जाने वाले काम, जो आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं वो इसप्रकार हैं:
(क) गाँधी जी अपने बिस्तर और कमरे की साफ-सफाई स्वयं करते थे।
(ख) गाँधी जी कुएँ से पानी भरकर लाते थे, खाने के लिए आटा पिसते थे तथा सब्जीयों को काटने का काम भी करते थे।
(ग) गाँधी जी झूठे बर्तन भी धोते थे।
गाँधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया?
गाँधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध छुड़वाने के लिए रात्रि में बच्चे को अपने पास सुलाने लगे और यदि रात में बच्चे की आँख खुलती और वह रोता तो गाँधी जी उसको दूध पिलाते थे जिससे वह चुप होकर सो जाता था। यही उन्होंने 15 दिनों तक लगातार किया और अंततः बच्चे की आदत छूट गई
आश्रम में काम करने या करवाने का कौनसा तरीका गाँधी जी अपनाते थे? इस पाठ को पढ़कर लिखो।
गाँधी जी अपने सारे काम खुद ही करते थे, वह दूसरे से अपना कोई भी काम नहीं करवाते थे। उन्हें यह बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था कि कोई और उनके हिस्से का काम करे। अपना काम करने के अलावा वह दूसरों के कामों में भी उनकी सहायता करते थे। आश्रम में काम करने वाले कर्मचारियों को वह अपना नौकर नहीं समझते थे बल्कि उनको अपने परिवार का सदस्य मानते थे।
गाँधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने का क्या लाभ है? लिखो।
गाँधी जी हमेशा पैदल इसलिए चलते थे क्योंकि वह ये जानते थे कि पैदल चलने के बहुत सारे लाभ हैं। पैदल चलने से हमारे शरीर का व्यायाम हो जाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। पैदल चलने से हमारे शरीर में रक्त का संचार भी तेजी से होता है और यदि हम घास में नंगे पैरों से चले तो उससे हमारी आँखों की रौशनी भी ठीक होती है।
अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन-कौन से सदस्य अक्सर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो-
काम |
मैं |
माँ |
पिता |
भाई |
बहन |
चाचा |
दादी |
अन्य |
1. घर का सामान लाना |
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2. घर की सफाई करना |
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3. बिस्तर रखना |
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4. खाना बनाना |
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5. कपड़े धोना |
अब यह देखो कि कौन सबसे ज्यादा काम करता है और कौन सबसे कम। कामों का बराबर बंटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर कक्षा में बताओ।
काम |
मैं |
माँ |
पिता |
भाई |
बहन |
चाचा |
दादी |
अन्य |
1. घर का सामान लाना |
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2. घर की सफाई करना |
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3. बिस्तर रखना |
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4. खाना बनाना |
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5. कपड़े धोना |
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मेरी माँ, मेरे पिता और मेरी बहन सबसे अधिक काम करते हैं। जबकि मैं, मेरा भाई, मेरे चाचा और मेरी दादी सबसे कम काम करते हैं। मेरे हिसाब से हम काम को दिन के आधार पर बाँट सकते हैं।
गाँधी जी अपने साथियों की जरूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ।
गाँधी जी को कोई और उनका काम करे यह इसलिए पसंद नहीं था क्योंकि वह दूसरों के ऊपर निर्भर नहीं होना चाहते थे। वह ये जानते थे कि यदि कोई उनकी सहायता करता है तो वह उन्हें कमजोर समझेगा और ये उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं था।
नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गाँधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ।
नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गाँधी जी ऐसा इसलिए मानते होंगे क्योंकि हमारे समाज में नौकरों के साथ बहुत ही खराब व्यवहार किया जाता है परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे भी एक मनुष्य हैं और उनकी भी भावनाएँ होती हैं इसलिए हमें नौकरों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा हम अपने परिवार के लोगों के साथ करते हैं। हमें उनसे प्रेम से बात करनी चाहिए।
गाँधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज है। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गाँधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गाँधी जी का एक दिन कैसे गुजरता होगा, इस ओर अपनी कल्पना से लिखो।
गाँधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज है। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गाँधी जी को लिखने का समय रात में ही मिलता होगा। गाँधी जी सुबह-सुबह उठकर टहलने के लिए जाते होंगे, फिर स्नान करने के बाद वह प्राथना करते होंगे। प्राथना करने बाद गाँधी जी आश्रम की रसोई में जाकर यह सुनिश्चित करते होंगे कि किसी को कोई काम करने में मदद चाहिए या नहीं और वह वहाँ सबकी सहायता करते होंगे। इसके बाद वह लोगों के साथ मिलकर गेहुँ बीनते होंगे। संध्या के समय वह राजनीतिक विषयों पर लोगों के साथ चर्चा करते होंगे। पूरे दिन इतना व्यस्त रहने के बाद वह रात को ही लेखन का कार्य करते होंगे। इसी तरह गाँधी जी अपने पूरे दिन में सदैव व्यस्त ही रहते थे। कोई ऐसा क्षण नहीं होता था जब वह आराम करते रहते थे।
पाठ में बताया गया है कि गाँधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर में और स्कूल के छात्रावास से गाँधी जी का आश्रम किस तरह अलग था? कुछ वाक्यों में लिखो।
घर में हम बस अपने माता-पिता द्वारा बताई गई बातों को ही सुनते और समझते हैं। वहाँ हमें देश-दुनिया का ज्ञान नहीं होता जबकि स्कूलों में हमें किताबों से मिलने वाले ज्ञान को भी बताया जाता है जो हमारा रोजगार का साधन बनता है परन्तु वहाँ पर हमें हमारी संस्कृति और हमारे मानसिकता को अच्छा बनाने वाली बातें नहीं बताई जाती है। गाँधी जी के आश्रम में बच्चों को हर प्रकार के ज्ञान से अवगत कराया जाता था। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जाता था। वह वहाँ किसी पर भी निर्भर नहीं रहते थे। उन्हें सभी तरह के गुण भी सिखाए जाते थे।
ऐसे कामों की सूची बनाओ जिन्हें तुम हर रोज खुद कर सकते हो।
ऐसी काम जिन्हें हम रोज खुद से कर सकते हैं वो इसप्रकार हैं:
अपने कमरे को खुद से साफ करना, अपने सभी चीज़ों को सही जगह पर रखना, खाना खुद परोसना, बर्तनों को धोना, अपने जूतों को साफ करके सही जगह पर रखना, घर के कामों में परिवार के सदस्यों की सहायता करना आदि।
(क) ‘पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है, जैसे ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। ये बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?
(ख) हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द भंडार भी होते हैं। पिछले पृष्ठ पर लिखे शब्दों के सम्बन्ध दो अलग-अलग कामों से हैं। पहचानो कि दिए गए शब्दों के सम्बन्ध किन-किन कामों से हैं।
(क)
रोपाई
उत्तर: रोपना
कटाई
उत्तर: काटना
सिंचाई
उत्तर: सींचना
सिलाई
उत्तर: सिलना
कताई
उत्तर: कातना
रँगाई
उत्तर: रँगना
(ख)
रोपाई, सिंचाई, कटाई कृषि में उपयोग किया जाता है और कताई, रँगाई, सिलाई वस्त्रों को बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। आस-पास के बड़ों से या दर्जी से इस शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।
(ख) नीचे दिए गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।
(क)
तुरपाई
उत्तर: हाथ से की गई सिलाई को तुरपाई कहते हैं।
बखिया
उत्तर: मशीन से होने वाली वाली को बखिया कहते हैं।
कच्ची सिलाई
उत्तर: पक्की सिलाई खोलने के बाद जो सिलाई की जाती है उसे कच्ची सिलाई कहते हैं।
चोर सिलाई
उत्तर: वो सिलाई जो बाहर से नहीं दिखती उसे चोर सिलाई कहते हैं।
(ख)
कालिख
उत्तर: स्त्रीलिंग
भराई
उत्तर: स्त्रीलिंग
चक्की
उत्तर: स्त्रीलिंग
रोशनी
उत्तर: स्त्रीलिंग
सेवा
उत्तर: स्त्रीलिंग
पतीला
उत्तर: पुल्लिंग
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The NCERT solution for Class 6 Chapter 15: Naukar is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education.
Yes, the NCERT solution for Class 6 Chapter 15: Naukar is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 15: Naukar as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 15 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.