Hindi and English are subjects that students often enjoy because they don't involve complex equations or numerical problem-solving. However, this can sometimes lead to students underestimating these subjects and missing out on marks they could easily attain. Hindi, in particular, requires students to dedicate time to reading, understanding, and learning.
The NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 – Bachpan are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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Students can access the NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 – Bachpan. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन-सी चीजें मज़ा ले - खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
लेखिका बचपन में अनारदाना का चूर्ण तथा चॉकलेट बहुत मज़े से खाती थी। उनमें से प्रमुख फलों के नाम कुछ इस प्रकार है-रसभरी, कसमल और काफ़ल।
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या क्या काम करती थीं?
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह ये कार्य किया करती थी जैसे जूतों को पोलिश करना, मोज़ो व स्टाकिंगों को धोना।
'तुम्हे बताऊंगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है। इस बात के लिए लेखिका क्या क्या उदाहरण देती है?
‘हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हों चुकी है इस बात से लेखिका कहती है कि अब बचपन की रूचियाँ बदल चुकी।अब कुल्फी की जगह आइसक्रीम, कचौड़ी समोसा की जगह पेटीज़ लेती जा रही है। शहतूत और फाल्से और खसखस के शरबत कोक और पेप्सी में बदल गए हैं। आज कल ग्रामोफ़ोन की जगह हर घर में रेडियो और टेलीविज़न आ गए हैं।
पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढ़ाते थे?
लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करने से लेखिका की आँखों की रोशनी कमज़ोर हो गई थी। चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें ये कहकर चिढ़ाते थे कि-
आँख पर चश्मा लगाया
ताकि सूझे दूर की
यह नहीं लड़की को मालूम
सूरत बनी लंगूर की।
लेखिका के बचपन में हवाई जहाज़ की आवाजें, घुड़सवारी, ग्रामोफोन और शोरूम में शिमला कालका ट्रैन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीज़े थीं। आज क्या क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
वर्तमान में मुझे डिजिटल घड़ी, मेट्रो ट्रैन, मिसाइल, बुलेट ट्रेन, मोबाइल आकर्षित करती हैं।
अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो।
मेरे बचपन की सबसे मनमोहक घटना यह है कि एक बार मैं अपने पिताजी के साथ गणतंत्र दिवस पर परेड देखने गया था वहाँ मैंने कई प्रकार की मिसाइल और झाँकिया देखी तथा पिताजी ने मुझे उन सभी के कार्य के बारे में बताया।
सन 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा। उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
सन 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रे लेकिन उस समय शिमला ज्यादा विकसित नहीं हुआ करता था उस समय शिमला में रेस्तराँ खुलना शुरू हुए थे। तब शिमला में अच्छे रास्ते नहीं थे इसलिए लोगों को दूसरी जगह जाने के लिए बहुत चढ़ाई करनी होती थी। शिमला रिज पर घुड़सवारी हुआ करती थी और वहाँ एक स्कैंडल पॉइंट भी हुआ करता था।
लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है अनुमान लगाओ कि सरवर कौन हो सकता है?
लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है,मेरे अनुमान से सरवर उनका कोई दोस्त या सहकर्मचारी हो सकता है जिसका कोई परिचय नहीं दिया गया है।
क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मरना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
भाववाचक संज्ञा |
क्रिया |
खाना |
खाऊँगी |
चढ़ाना |
चढ़ाई |
बताना |
बताऊँगी |
धोना |
धोऊँगी |
जाना |
जाऊँगी |
चार दिन कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो -
(क) दो किलो अनाज दे दो। -निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।-निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(ग) सभी लोग हँस रहे हैं।- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) कुछ बच्चे आ रहे हैं।- सार्वनामिक विशेषण
(ड) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।- गुणवाचक विशेषण
कपड़ों में मेरी दिलचस्पी मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में मेरी शब्द दिलचस्पी और मौसी संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी कभी विशेषण का काम भी करते हैं पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
(¡) छुटपन में 'हमने' शिमला रिज पर बहुत मज़ें किए हैं।
(ii) 'हमारा' घर माल से ज्यादा दूर नहीं था।
(iii) मुझे ‘अपने’ मोज़े और स्टॉकिंग भी याद है।
(iv) 'मैंने' रंगों की जमा कर ली है।
(v) जहाँ 'मेरा' पहला चश्मा बना था।
अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाये तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
मैं अपने लिए एक पारम्परिक वेशभूषा बनाऊँगी। पोशाक बनाने से पहले डिज़ाइन तैयार कर लेना चाहिए। पोशाक बनाते समय उसमें विभिन्न रंगो के सुई- धागे का सही प्रकार से प्रयोग करना होगा।
तीन - तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इक्क्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौनसा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है?
सूती कपड़ा = गर्मी
ऊनी कपड़ा = सर्दी
ऊनी कपड़े मोटे एवं ऊष्मीय होते हैं तथा सूती कपड़े हल्के और मुलायम होते हैं।
हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हों तो किसी कारखाने में जाकर भी जानकारी इक्क्ठा करो।
हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने का तरीका यह है कि इसमें कताई एवं बुनाई का प्रयोग किया जाता है। कताई में रुई से धागा बनाया जाता है तथा बुनाई में धागे से कपड़ा बनाया जाता है।
हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह तरह की पोशाकें प्रचलित हैं उसी प्रकार व्यंजन भी।जैसे- चूरमा, दाल-बाटी, लिट्टी चौका, बाजरे, मक्के की रोटी, कबाब, कचौड़ी, आदि प्रसिद्ध है। प्रचलित पोशाक धोती-कुर्ता, साडी, सूट, कुर्ता-पजामा, एरी चादर, शॉल आदि।
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The NCERT solution for Class 6 Chapter 2: Bachpan is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education.
Yes, the NCERT solution for Class 6 Chapter 2: Bachpan is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 2: Bachpan as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 2 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.