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The NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter 11 - Jo Dekhkar Bhi Nahin Dekhte are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.
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जिन लोगों के पास आँखें हैं वह सचमुच बहुत कम देखते हैं,हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
पंक्ति से हेलेन केलर का तात्पर्य है कि जब कोई वस्तु या इंसान हमारे साथ बहुत ही लंबे समय तक रहता है तो हमें उसकी कदर नहीं होती| जैसे कि पृथ्वी को हम निरंतर हर दिन अपनी आँखों से देखते हैं लेकिन फिर भी हमें उसके महत्व कदर करना नहीं सीखा |
प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
प्रकृति का जादू से तात्पर्य है कि प्रकृति हर दिन हर समय परिवर्तनों का खेल खेलती है कोई न कोई परिवर्तन होता ही रहते हैं|जैसे कि फल-फूल, पेड़ पौधे, झरना पशु पक्षी यह सब प्रकृति के ही जादू है|
कुछ खास तो नहीं’–हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
प्रकृति के इतने अद्भुत नजारे होने के बाद भी हेलन की मित्र कहती है कुछ खास नहीं दिख रहा है|हेलन को यह बात सुनकर आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह जानती थी कि जब कुछ हमारे पास लंबे समय तक रहता है तब हमें उसकी कदर नहीं होती |
हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
हेलेन केलर प्रकृति की चीजों को देखकर पहचान लेती थी जैसे कि भोजपत्र, पेड़ की चिकनी छाल, चीड की खुरदरी चाल ,टहनियों की नवीन कलियों ,फूलों की पंखुड़ियों को छूकर एवं सूंघ कर पहचान लेती थी |
जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है’। -तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है’ इसका तात्पर्य है कि प्रकृति के अद्भुत एवं मनमोहक चित्र या दृश्य को देखकर हमारा जीवन खुशियों एवं शांति से भर सकता है|
आज तुमने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मित्रों के साथ सामूहिक चर्चा करो।
आज मैं जब अपने ऑफिस से घर आ रही थी तो मैंने देखा कि सड़क में किसी बच्चे के साथ कार दुर्घटना हो गई थी और वहां पर अधिक भीड़ इकट्ठा हो रखी थी|
कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ?
कान से न सुन पाने से हमारी आसपास की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आएगा क्योंकि हमें लोग बोलते तो नजर आएंगे पर समस्या सुनाई नहीं देती इससे विचारों के आदान-प्रदान में कठिनाई होगी |
तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का मौका मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर, सूघकर, चखकर, छूकर अनुभव की जानेवाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो।
मैं उनसे पूछूँगी कि क्या आप किसी व्यक्ति की आवाज सुनकर उनका पता लगा लेते हैं कि वह कौन है? या कोई खाने की वस्तु को को छूकर या खाकर आपका नाम बता सकते हैं|
हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते हैं। ऐसी चीजों के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो-
1 सुनकर- गानों कि ध्वनि सुनकर , कौए की कर्कश ध्वनि सुनकर|
2 चखकर- मिठाई की मिठास, खटाई यानी इमली की खटास ,दवाई का कड़वापन|
3 सूँघकर- भोजन एवं फूलों की सुगंध
4.छूकर- फूलों को छूकर पता लगाना।
पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। बताओ कि किन चीजों का स्पर्श होता है
चिकना - घी,तेल, क्रीम, दूध की मलाई
चिपचिपा- गोंद
मुलायम - रेशमी कपड़ा
खुरदरा - पेड़ की छाल और चट्टान
सख्त- दीवार, पत्थर ,लोहा
अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा।
ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमशः किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो-
भाववाचक संज्ञा |
मूल शब्द |
संज्ञा विशेषण क्रिया |
मिठास |
मिठास |
विशेषण |
भूख |
भूख |
विशेषण |
शांति |
शांति |
विशेषण |
भोलापन |
भोला |
विशेषण |
बुढ़ापा |
बूढ़ा |
विशेषण |
घबराहट |
घबराना |
क्रिया |
ताज़गी |
ताज़ा |
क्रिया |
क्रोध |
क्रोध |
विशेषण |
मज़दूरी |
मज़दूर |
संज्ञा |
मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हैं।
उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो-
अवधि – हमारे प्रधानमंत्री के कार्यकाल की अवधि 5 वर्ष है
अवधी - अवध की भाषा को अवधी कहते हैं।
में - मैं और मेरे मित्र स्कूल में साथ खाते थे।
मैं - मैं चित्र बनाना पसंद करती हूँ।
मेल - हमें हमारे भाई-बहनों के साथ मेल से रहना चाहिए।
मैल - शिवानी के मन में किसी के प्रति मैल नहीं है।
ओर - वह बच्ची मेरी बिल्ली की ओर बड़े ध्यान से देख रही थी।
और - राहुल और सीता सगे भाई-बहन हैं।
दिन - आज का दिन बहुत सुहाना है।
दीन - हमें दीन-दुखियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
सिल - मेरी माँ आज भी सिल पर मसाला पिसती हैं।
शील - श्वेता शील स्वभाव की लड़की है।
इस तस्वीर में तुम्हारी पहली नज़र कहाँ जाती है?
इस तस्वीर में पहली नजर पेड़ों पर पड़ती है
गली में क्या-क्या चीजें हैं?
गली में साइकिल वाला और स्कूटर वाला खड़ा है दिल्ली के दोनों और बड़े बड़े वृक्ष लगे हुए हैं लोगों के घरों के बाहर कपड़े सूख रहे हैं , और एक पीले रंग का ऑटो रिक्शा भी खड़ा है |
इस गली में हमें कौन-कौन सी आवाजें सुनाई देती होंगी?
सुबह के वक्त- पशु पक्षियों की आवाज और गली में सामान बेचने वालों की आवाज
दोपहर के वक्त- कार मोटरसाइकिल की आवाजें, दुकानदारों की आवाज ,गली में रहने वाले लोगों का शोर!
शाम के वक्त - बच्चों के खेलने की आवाज और लोगों की बातचीत
रात के वक्त- जानवरों का शोर और काम पर से लौटने पारले लोगो काऔ शोर और उनके परिवहन का शोर|
अलग-अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?
अलग-अलग समय में गली की चहल-पहल में परिवर्तन आता होगा जैसे सुबह व शाम को रात में लोगों का आना-जाना बढ़ जाता है तथा दिन में वह रात को चहल-पहल कम हो जाती है गली के अंदर सामान्य फेरी वालों का आना जाना बदलता रहता है |
ये तारें गली को कहाँ-कहाँ जोड़ती होंगी?
इस गली के फोन की तारे इसे दूसरी गलियां तथा शहरों से जोड़ती है टीवी की केबल के माध्यम से दूर क्षेत्रों में प्रसारण किया जाता है |
साइकिल वाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?
साइकिल एक बच्चा चला रहा है और उसने स्कूल के कपड़े पहने हुए हैं इसका मतलब है स्कूल से घर आ रहा होगा|
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The NCERT solution for Class 6 Chapter 11: Jo Dekhkar Bhi Nahin Dekhte is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education.
Yes, the NCERT solution for Class 6 Chapter 11: Jo Dekhkar Bhi Nahin Dekhte is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.
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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 11: Jo Dekhkar Bhi Nahin Dekhte as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation.
Students can utilize the NCERT solution for Class 6 Hindi Chapter 11 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.