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गिल्लू किन-किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
जब लेखिका मोटर दुर्घटना में आहत होकर अस्पताल से घर आई तब गिल्लू लेखिका के सिरहाने इस तरह बैठा रहता जैसे कोई परिचारिका सेवा कर रही हो और अपने नन्हे -नन्हे पंजों से लेखिका के बालों को सहलाता। लेखिका को उसका हटना परिचारिका के हटने के समान लगता था।
सोनजुही मे लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
सोनजुही की पिली काली मनमोहक होती है और गिल्लू उसकी लताओं में छिपकर बैठ जाता था और लेखिका के पास आते ही कूद कर कंधे पर बैठ जाता था। सोनजुही में लगी पीली कली लेखिका को गिल्लू को याद दिलाती थी।
पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है ?
पितरपक्ष में कौए के माध्यम से अपने पुरखों को तृप्त करने के लिए कौए को भोजन कराना और कौए का बोलना किसी के आने का समाचार होता है, यह उसके प्रति आदर व्यक्त करता है। अतः उसकी कर्कश आवाज़ सुन कर उसे उड़ा देना उसके प्रति अनादर का भाव प्रकट करता है ।
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार याकि गया?
लेखिका गिलहरी के बच्चे को उठाकर जिसको कौए ने घायल कर दिया था अपने कमरे मे ले आई। पहले उसके रक्त को साफ किया और फिर पेंसिलीन का लेप लगाया। रूई की बत्ती बनाकर उसे दूध मे भिगोया और बच्चे का मुँह खोलकर दूध पिलाने का प्रयास किया। कई घंटे उपचार के बाद बच्चे का मुँह खुला तो रुई के फाहे से पानी पिलाया। इस तरह गिलहरी के बच्चे का उपचार किया गया।
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
लेखिका का ध्यान आकिर्षत करने के लिए गिल्लू दौड़ता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ नहीं लेती और वह लेखिका के पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता, उसी तेजी से उतरता अत: भूख लगने पर चिक-चिक करता और लेखिका से काजू और विस्कुट लेकर शांत होता।
गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया ?
जब नीम और चमेली की गंध लेखिका के कमरे में आने लगी और गिल्लू के जीवन में प्रथम बसंत आया एवं बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके गिल्लू से न जाने क्या कहने लगी। ऐसे में गिल्लू का जाली से बाहर झांकते देखकर लेखिका को लगा कि इसे अब मुक्त कर देना चाहिए। लेखिका ने जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर जाने लगा।
गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समीप है?
गिलहरियों की उमर दो वर्ष की होती है और गिल्लू भी दो वर्ष का हो चुका था। उसने दिन भर कुछ भी न खाया, न ही बाहर घूमने गया। रात को आपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आ गया और ठंडे पंजों से लेखिका की उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया और हमेशा के लिए सो गया।
‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया' का आशय स्पष्ट कीजिए।
सूर्य की पहली किरण के साथ ही गिल्लू ने दम तोड़ दिया था। अतः लेखिका को विश्वास है कि गिल्लू की आत्मा किसी अन्य जीव के रूप में जन्म लेने को तैयार है।
सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
गिल्लू की की समाधी सोनजुही की लता के नीचे बनाई गई क्योंकि एक तो गिल्लू को यह लता बहुत पसंद थी दूसरा इसलिए कि यह लेखिका को संतोष देता था कि किसी बसंती दिन गिल्लू जूही के छोटे से पत्ते के रूप में जरूर खिलेगा और जुही के पीले फूल मे गिल्लू की आभा प्रकट होगी।
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