NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 : Mahadevi Varma

This is the exciting journey through the Class 9 Hindi curriculum at Orchids International School, where it literally brings literature alive. In Class 9, the student makes acquaintance with the mesmerizing world of Mahadevi Varma, many a powerful poet whose poems have touched the heart of many a reader.

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The NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 : Mahadevi Varma are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.

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Students can access the NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 : Mahadevi Varma. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Mahadevi Varma

Question 1 :

लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई ?

Answer :

लेखिका को उर्दू-फ़ारसी में बिल्कुल रुचि नहीं थी। उनके शब्दों में – “ये (बाबा) अवश्य चाहते थे कि मैं उर्दू-फ़ारसी सीख लूँ, लेकिन वह मेरे वश की नहीं थी।” इसलिए जब उन्हें उर्दू पढ़ाने के लिए मौलवी साहब घर में आए तो लेखिका चारपाई के नीचे छिप गई।


Question 2 :

‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।’ इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि –
(क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी?
(ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं?

Answer :

(क) उस समय, अर्थात् सन् 1900 के आसपास भारत में लड़कियों की दशा बहुत शोचनीय थी। लोगों का दृष्टिकोण बहुत बुरा था। प्रायः लड़कियों को जन्म देते ही मार दिया जाता था। उन्हें बोझ समझा जाता था। यदि उनका जन्म हो जाता था तो पूरे घर में मातम छा जाता था। लड़के को ही महत्त्व दिया जाता था। महादेवी वर्मा अपने एक संस्मरण में लिखती हैं – “बैंड वाले, नौकर-चाकर सब लड़का होने की प्रतीक्षा में खुश बैठे रहते थे। जैसे ही लड़की होने का समाचार मिलता सब चुपचाप विदा हो जाते।” ऐसे वातावरण में लड़कियों के पालन-पोषण तथा पढ़ाई-लिखाई आदि पर ध्यान नहीं दिया जाता था। समाज में बाल-विवाह, दहेज-प्रथा तथा सती-प्रथा जैसी कुरीतियाँ फ़ैली हुई थी।

(ख)  आज लड़कियों के जन्म के संबंध में स्थितियाँ थोड़ी बदली हैं। आज शिक्षा के माध्यम से लोग सजग हो रहें हैं। लड़का-लड़की का अंतर धीरे-धीरे हो रहा हैं। आज लड़कियों को लड़कों की तरह पढ़ाया-लिखाया भी जाता है। परंतु लड़कियों के साथ भेदभाव पूरी-तरह समाप्त नहीं हुआ है। आज भ्रूण-हत्याएँ हो रही हैं, इस लिए सरकार कड़े कानून बना रहीं है।

 


Question 3 :

लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?

Answer :

 पहले हिंदु-मुस्लिम को लेकर इतना भेदभाव नहीं था। हिंदु और मुस्लिम दोनों एक ही देश में प्रेम पूर्वक रहते थे। स्वतंत्रता के पश्चात् हिंदु और मुस्लिम संबन्धों में बदलाव आ गया है। आपसी फूट के कारण देश दो हिस्सों में बँट गया − पाकिस्तान मुस्लिम प्रधान देश के रुप में प्रतिष्ठित है तथा हिंदुस्तान में हिंदुओं का वर्चस्व कायम है। ऐसी परिस्थिति में हिंदु तथा मुस्लिम दो अलग-अलग धर्मों के लोगों का प्रेमपूर्वक रहना स्वप्न समान प्रतीत होता है।


Question 4 :

जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसे क्यों कहा है ?

Answer :

पहले हिंदु और मुस्लिम दो सम्प्रदायों में आज के जैसा भेदभाव नहीं था। उदाहरणस्वरूप – ज्वारा के नवाब के साथ महादेवी वर्मा के पारिवारिक संबंध सगे-संबंधियों से भी अधिक बढ़कर थे। जवारा की बेगम स्वयं को महादेवी की ताई समझती थी तथा उन्होंने ही इनके भाई का नामकरण भी किया। वे हर त्योहार पर उनके साथ घुलमिल जाती थी। बेगम साहिबा के घर में अवधी बोली जाती थी। परन्तु हिंदी और उर्दू भी चलती थी। पहले वातावरण में जितनी निकटता थी, वह अब सपना हो गई है। ऐसे में आत्मीय संबंधों की आज के समय में कल्पना भी नहीं की जा सकती।


रचना-अभिव्यक्ति

Question 1 :

 महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे / करेंगी ?

Answer :

यदि मेरे सामने देशहित का प्रश्न आता या किसी विपत्ति को दूर करने का प्रश्न आता तो मैं अपना चाँदी का कटोरा अवश्य दे देती। बेशक मुझे अपने पुरस्कार के प्रति प्रेम है परन्तु देश प्रेम के आगे उसका कोई मूल्य नहीं।


Question 2 :

ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं / होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती ?

Answer :

 ज़ेबुन्निसा के स्थान पर मैं यदि महादेवी वर्मा को सहायता करती तो उनसे निम्नलिखित अपेक्षाएँ रखती –
1. प्रेम और आदर की भी अपेक्षा करती।
2. पढ़ाई में सहायता चाहती।
3. उनकी स्वरचित कविताएँ सुनने की अपेक्षा रखती।
4. उनसे कविता लिखने का प्रोत्साहन पाना चाहती।


Question 3 :

लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।

Answer :

 मेरी मातृभाषा हिंदी है। लेखिका ने क्रास्थवेट गल्स कॉलेज में पाँचवीं में प्रवेश लिया। यहाँ देश के विभिन्न भागों से छात्राएँ पढ़ने आती थीं।यहाँ पर ये छात्राएँ अपनी-अपनी मातृ भाषा में बातें करती थीं। यहाँ हिंदी, मराठी, अवधी, बुंदेली और ब्रजभाषा आदि भाषाएँ सुनने मिलती थी। सब हिंदी और उर्दू का अध्ययन करती थीं। इस प्रकार छात्रावास का परिवेश बहुभाषी था।

 


Question 4 :

महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए ।

Answer :

एक दिन की बात है, मैं और मेरा मित्र पाठशाला से घर लौट रहे थे। हमें सड़क पार करनी थी। मैं आगे था मैंने ठीक से सड़क पार कर ली परंतु तब तक सिगनल हरा हो गया और वाहन तेज़ गति से आगे बढ़ने लगे। मेरे मित्र ने सड़क के दोनों ओर देखा ही नहीं और लापरवाही से सड़क पार करने लगा। कार चालाक ने बड़ा प्रयास किया कि मेरे मित्र को समय रहते सूचित किया जा सके परन्तु ऐसा नहीं हो पाया। कार चालाक ने मेरे मित्र को बचाने के प्रयास में कार को इधर-उधर घुमाने का प्रयास किया। इस प्रयास में उसकी कार हमारे विद्यालय के पास एक पेड़ से जा टकराई। इस टक्कर में कार चालक बुरी तरह घायल हो गया।

उसे गंभीर चोटें आईं थीं। संयोग से पास ही अस्पताल होने के कारण कार चालक को चिकित्सा सुविधा समय रहते उपलब्ध करवाई जा सकी और उसकी जान बच गई। इस घटना ने मेरे होश उड़ा दिए। मेरे मित्र को भी बहुत ग्लानि का अनुभव हुआ। उस दिन के बाद मैंने सड़क पार करते हुए कभी लापरवाही नहीं बरती। यह घटना मेरे लिए अविस्मरणीय घटना बन गई।


Question 5 :

 महादेवी ने कवि-सम्मेलनों में कविता-पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का जिक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उस पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए।

Answer :

४ अगस्त,२०-
आज हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया गया। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मुझे अपने मित्र के साथ नृत्य प्रस्तुत करना था। हमारा नृत्य तीसरा था। हम कार्यक्रम शुरू होने पहले वस्त्र और आभूषण के साथ सुसज्ज हो गए थे। पर जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ मेरे दिल कई धड़कने बढ़नी लगी। मैंने पहली बार ऐसे कार्यक्रम में नाम लिखवाया था। और देखते-देखते हमारा नाम पुकारा गया। जैसे ही हम मंच पर गए सबने तालियों से हमें प्रोत्साहन दिया। मुझ में धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ता गया और में नृत्य में लीन हो गया। सब को हमारा नृत्य बहुत अच्छा लगा। यह दिन मुझे हमेशा याद रहेंगा।


भाषा-अध्ययन

Question 1 :

पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए – विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।

Answer :

 • विद्वान – विदुषी (विपरीतलिंग)
• अनंत – अंत
• निरपराधी – अपराधी
• दंड – पुरस्कार
• शांति – बेचैनी

 


Question 2 :

निराहारी – निर्‌ + आहार + ई
सांप्रदायिकता – सम्प्रदाय + इक + ता
अप्रसन्नता – अ + प्रसन्न + ता
अपनापन – अपना + पन
किनारीदार – किनारा + ई + दार
स्वतंत्रता – स्वतंत्र + ता

Answer :

निराहारी – निर्‌ + आहार + ई
सांप्रदायिकता – सम्प्रदाय + इक + ता
अप्रसन्नता – अ + प्रसन्न + ता
अपनापन – अपना + पन
किनारीदार – किनारा + ई + दार
स्वतंत्रता – स्वतंत्र + ता

 


Question 3 :

पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए –
पूजा-पाठ                                                           पूजा और पाठ

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…………………                                               …………………

…………………                                               …………………

…………………                                               …………………

Answer :

(1) पूजा-पाठ = पूजा और पाठ
(2) उर्दू-फ़ारसी  = उर्दू और फ़ारसी
(3) पंचतंत्र  = पाँच तंत्रो से बना है जो
(4) दुर्गा-पूजा = दुर्गा की पूजा
(5) छात्रावास  = छात्रों का आवास

 


Question 4 :

 निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए –
निराहारी, साम्प्रदायिकता, अप्रसन्नता, अपनापन, किनारीदार, स्वतंत्रता

Answer :

-उपसर्ग –
(1) अन् – अन्वेषण, अनशन
(2) अ – असत्य, अन्याय
(3) सत् – सत्चरित्र, ,सत्कर्म
(4) स्व – स्वराज, स्वाधीन
(5) दुर् – दुर्जन, दुर्व्यवहार

प्रत्यय −
(1) दार – किनारेदार, दुकानदार
(2) हार – पालनहार, तारनहार
(3) वाला – फलवाला, मिठाईवाला
(4) अनीय – दर्शनीय, आदरनीय

 


Frequently Asked Questions

The NCERT solution for Class 9 Chapter 7 : Mahadevi Verma is important as it provides a structured approach to learning, ensuring that students develop a strong understanding of foundational concepts early in their academic journey. By mastering these basics, students can build confidence and readiness for tackling more difficult concepts in their further education. 

Yes, the NCERT solution for Class 9 Chapter 7 : Mahadevi Verma is quite useful for students in preparing for their exams. The solutions are simple, clear, and concise allowing students to understand them better. They can solve the practice questions and exercises that allow them to get exam-ready in no time.

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Yes, students must practice all the questions provided in the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 7 : Mahadevi Verma as it will help them gain a comprehensive understanding of the concept, identify their weak areas, and strengthen their preparation. 

Students can utilize the NCERT solution for Class 9 Hindi Chapter 7 effectively by practicing the solutions regularly. Solve the exercises and practice questions given in the solution.

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