NCERT Solutions Class 11 Hindi Vitan Chapter 3 Alo Aandhari

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Alo Aandhari

Question 1 :

“ तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो।” जेठू का यह कथन, रचना संसार के किस सत्य को उद्घाटित करता है? 

 

Answer :

जेठू के इस कथन से,यह समझा जा सकता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो, मनुष्य की इच्छा शक्ति यदि प्रबल हो तो वह अपनी इच्छाशक्ति से कोई भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

आशापूर्णा देवी एक सामान्य गृहिणी थी जो पूरे दिन घर के कामों में व्यस्त रहा करती थी। उन्हें लिखने का बहुत शौक था। जब पूरा परिवार सोता था, तब वह लिखा करती थी। वह स्वयं लिख लिख कर एक बहुत ही प्रसिद्ध कथाकार बन गई। हां, यह बात सत्य है कि उनकी अपेक्षा बेबी की स्थिति बहुत खराब है। बेबी वित्तीय संकट से जूझ रही है। लेकिन, यदि वह हमेशा लिखते रहेगी तो अपने लेखन शैली को और बेहतर बना सकती है। यदि बेबी खुद को व्यस्त जीवन से निकाल पाए तो वह अपने आप एक प्रसिद्ध लेखिका बन सकती है।

 


Question 2 :

 बेबी की जिंदगी में, तातुश का परिवार ना आया होता तो उसका जीवन कैसा होता? कल्पना करके लिखिए। 

 

Answer :

 बेबी के जीवन मे बहुत परेशानियां थी। पति के जाने के पश्चात उस पर मानव दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेबी ने बहुत परेशानियां झेली। उसके साथ-साथ उसके बच्चे भी थे। सभी का बहुत बुरा स्थिति था। परंतु जब से बेबी तातुश के परिवार से मिली, उसे भोजन, आवाज आदि समस्याओं से मुक्ति मिल गई। उसके बच्चों का पालन पोषण भी अच्छे तरीके से होने लगा।यदि तातुश का परिवार उसके जीवन में ना आया होता, तो उसका जीवन नरक के समान हो जाता। उसके बच्चों को भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती। उसके बच्चों को भी छोटी उम्र में ही कहीं काम करना पड़ता। बेबी का समाज में रहना बहुत मुश्किल हो जाता। उसे लोगों के द्वारा आपत्तिजनक बातें सुनने को मिलती। उसका बड़ा बेटा शायद ही उसे मिल पाता। उसके पिता भी उसे याद नहीं करते और इसी तरह उसे अपनी मां के मृत्यु की खबर भी नहीं मिलती। उसका और उसके बच्चों का जीवन चुनौतीपूर्ण एवं धूमिल हो जाता।

 


Question 3 :

पाठ के किन अंशों से समाज की यह सच्चाई उजागर होती है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं है। क्या वर्तमान समय में स्त्रियों कि इस सामाजिक स्थिति मे कोई परिवर्तन आया है? तर्क सहित उत्तर दीजिए। 

 

Answer :

हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि पुरुष के बिना, महिला का कोई अस्तित्व नहीं है। समाज की यह सच्चाई, पाठ के निम्नलिखित भागो से पता चलती है:-

  1. “ मुझे उस घर में बच्चों के साथ अकेला रहते देखकर, सभी लोग पूछते थे कि, क्या आप यहां अकेले रहती हैं?, आपके पति कहां रहते हैं?, आप यहां कितने समय से है?, आपके स्वामी यहां क्यों नहीं रहते हैं?, आप यहां क्या करते हैं?, क्या आप यहां अकेले रह पाएंगे?, ऐसी बातों को सुनकर, कोई भी आवाज उठाना नहीं चाहेगा। बच्चों को साथ लेकर मैं उसी वक्त काम खोजने निकल गई।”

  2. “ अगर किसी दिन उसके यहां से लौटने में देर हो जाती, तो हर कोई मेरी तरफ ऐसे देखता कि मानो मैं कोई अपराध करके आ रही हूं। यहां तक कि मुझे यदि बाजार में कोई भी वस्तु खरीदने जाना होता था तो मकान मालिक की महिला कहती थी, ‘ हर दिन कहां जाती हो?, तेरा तो स्वामी है नहीं, तुम अकेली हो। तुम्हें इतना घूमने की आवश्यकता क्यों है?’, मैं सोचती थी कि अगर मेरा स्वामी मेरे साथ नहीं है, तो क्या मैं अकेले घूम नहीं सकती? उसके साथ रहने के बावजूद भी मुझे शांति तो नहीं मिली। यह सब के बाद भी मैंने पाड़े के लोगों की क्या-क्या बातें नहीं सुनी।

  3. “ यदि किसी दिन काम से घर पहुंचने में देरी हो जाती तो मकान मालिक की महिला उसका कारण पूछने लगती।”

  4. “ जब मैं काम पर जाती थी, तो आसपास के लोग एक दूसरे से कहते थे कि, इस लड़की का स्वामी यहां नहीं रहता, यह बच्चों के साथ अकेली रहती है।, दूसरे लोग उनकी बातें सुनकर मुझे बताना चाहते थे। वह मुझसे बात करने की कोशिश करते थे। वह पानी पीने के बहाने से मेरे घर आ जाते थे।”

  5. “ जब मैं बच्चों के साथ कहीं बाहर जाती थी, तो लोग बहुत सी बातें करते थे। मुझे देखकर कितने लोग सिटी बजाते थे और ताना मारा करते थे।”

  6. “ मुझे लगा कि क्या यह सब इतना आसान है? घर में कोई आदमी नहीं है, तो क्या इसलिए मुझे सब से सब कुछ स्वीकार करना पड़ेगा?”

वर्तमान समय में महिलाओं की सामाजिक स्थिति में बहुत बदलाव आया है। वह अपने पैरों पर खड़ी है और कई तरह के काम करती है। महानगरों में तो कितनी अविवाहित महिला अकेले रह कर अपना जीवन खुशी से जीती है।

 


Question 4 :

अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफर में, बेबी के सामने, रिश्तो की कौन सी सच्चाई उजागर होती है? 

 

Answer :

 पति से अपना रिश्ता टूटने के बाद, अपनों से लेकर तातुश के घर तक, बेबी ने रिश्ते की सच्चाई जानी। उसने जाना की रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं, अन्यथा रिश्तो में दरार पड़ जाती है। पति के चले जाने के बाद, वह अकेली और असहाय हो गई थी। वह बच्चों के साथ किराए के घर में अकेले रहने लगी थी। हालांकि, भाई और रिश्तेदार उसके घर के पास ही रहते थे, परंतु फिर भी कोई उसकी मदद नहीं करता था। कोई उससे मिलने भी नहीं आया। यहां तक कि उसे अपनी मां की मृत्यु की खबर 6 महीने के बाद अपने पिता से मिली। बाहरी लोगों ने ही उसकी ज्यादातर सहायता की। सुनील नामक एक युवक ने उसे  तातुश के घर में काम दिलवाया। तातुश ने उसे अपनी बेटी की तरह माना और उसकी बहुत सहायता की। उन्हीं के प्रोत्साहन के कारण, वह एक लेखिका बन गई। इसी तरह, दिल में इतने होने के कारण ही, रिश्ते बनते हैं। रिश्तो में स्नेह और मदद की भावना हमेशा होनी चाहिए।

 


Question 5 :

 इस पाठ से घरों में काम करने वालों के जीवन की जटिलताओं के बारे में पता चलता है। घरेलू नौकरों को, और किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पर विचार कीजिए।

 

Answer :

इस पाठ से हमें घर में काम करने वाले नौकरों के जीवन की जटिलताओं का पता चलता है। कुछ परेशानी, जिसका उन्हें सामना करना पड़ता है, निम्नलिखित है:-

  1. घरेलू नौकरी में वित्तीय सुरक्षा नहीं मिलती है। उन्हें नौकरी पर से कभी भी निकाला जा सकता है।

  2. उन्हें गंदे एवं सस्ते घरों में रहना पड़ता है क्योंकि वह ज्यादा किराया देकर अच्छा मकान लेने में सक्षम नहीं होते हैं।

  3. मालिक के घरों मे इनका शारीरिक शोषण भी होता है। ज्यादातर, लड़किया शारीरिक शोषण का शिकार होती हैं। 

  4. दूसरों के घर में काम करने वाली औरतों के प्रति दूसरे लोगों का व्यवहार आपत्तिजनक होता है।

  5. किसी पर्व-त्योहार में, उनका काम दोगुना हो जाता है। मालिक अपने नौकरों को घर की साफ सफाई में लगा देते हैं। घर के मालिक नौकरों के पर्व के बारे में नहीं सोचते।

  6. दूसरों के घर में काम करने वाली औरतों के बच्चों को पर्याप्त भोजन एवं शिक्षा नहीं मिल पाती। यहां तक कि बच्चों को भी कम उम्र से ही काम करना पड़ता है।

 


Question 6 :

आलो-अंधारी रचना, बेबी के व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दों को समेटे हुए हैं। किन्हीं दो समस्याओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

 

Answer :

 'आलो- आंधारि', लेखक की आत्मकथा है। इसके साथ लेखक हमें एक अनोखी दुनिया भी दिखाती है। इस पाठ में हमें एक ऐसी दुनिया देखने को मिलती है, जो हमारे पड़ोस में ही है परंतु उसमें ताक झाक करना असंवेदनशील माना जाता है। इस पाठ के दो प्रमुख समस्याएं निहित है:

क: परित्यक्त महिला की स्थिति:- इस रचना में बेबी एक परित्यक्त महिला है। वह एक किराए के घर में रहती है और अपना पालन पोषण करने के लिए दूसरों के घर में काम करती है। उसके प्रति अन्य लोगों का व्यवहार बहुत ही खराब प्रतीत होता है। हर व्यक्ति, एक अकेली औरत को असहाय समझता है और उसका शोषण करना चाहता है। इस पाठ में भी, बेबी का मानसिक और आर्थिक रुप से शोषण किया गया है। बेबी के सहायता के लिए कोई भी आगे नहीं आता।

ख:- गंदी बस्तियां - इस पाठ में, मलिन बस्तियों और उसके आसपास के गंदे क्षेत्रों की खुलकर चर्चा की गई है। यह बस्तियां,  नीचे तबके में रहने वाले लोगों के लिए है। इन बस्तियों में गरीब लोग रहते हैं और यहां शौचालय की भी सुविधा नहीं है। महिलाओं को इस मामले में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे गंदे इलाके में बसी हुई इस बस्तियों में कई बीमारियों का भी खतरा होता है। सरकारें भी इन सब चीजों के प्रति अपनी आंखें बंद कर कर रखती है।

 

 


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