The NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9: Sitaram Saksariya describes in detail the extraordinary personality of Sitaram Saksariya, a very well-known personality for his services and contributions to the area of social reform and education. The journey of Saksariya, right from a very low background to evolving into one of the highest echelons in the country as a social activist, occupies center stage. Ever since his contributions for the world, he has been tirelessly working to ensure that there is improved education that would eventually lead to the uplifting of the society. The PDF for Class 10 Hindi Sparsh 9 shows extensive talks of his socio-economic contributions and gained accomplishments.
Students can access the NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9: Sitaram Saksariya. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.
निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
तताँरा एक नेक, मददगार युवक था। वह सदैव दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहता था। अपने नहीं बल्कि समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना चाहता था। जहाँ कहीं भी मुसीबत आती वह दौड़ा-दौड़ा चला जाता था। उसके इन्हीं मानवीय गुणों के कारण निकोबार के लोग तताँरा को पसंद करते थे।
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का मत था कि उसकी तलवार भले साधारण लकड़ी की थी पर तलवार में अद्भुत, विलक्षण और दैवीय शक्ति थी।
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया।
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से जवाब दिया कि वह कौन है, उसे क्यों घूर रहा है और उसके इस तरह असंगत प्रश्नों के उत्तर वह क्यों दे? वह अपने गाँव के अतिरिक्त किसी अन्य युवक के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं है और यह बात वह भी जानता है।
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार की सदियों से चल रही रुढ़िवादी परम्परा में परिवर्तन आया। उन दोनों की मृत्यु के पश्चात् गाँव वाले दूसरे गाँववालों से भी वैवाहिक सम्बन्धों को स्थापित करने लगे।
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का विश्वास है कि पहले यह दोनों द्वीप एक ही थे जो तताँरा वामीरो की असफल प्रेम की त्रासदी के फलस्वरूप दो अलग-अलग द्वीपों में बदल गए।
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
तताँरा दिनभर के अथक परिश्रम करने के बाद समुद्र किनारे टहलने निकलता है। उस समय सूरज डूबने का समय हो रहा था। समुद्र से ठंडी बयारें चल रही थी। पक्षियों के घोसलों में लौटने का समय भी हो चला था इसलिए उनकी आवाजें धीरे-धीरे कम हो गई थीं। सूरज की अंतिम किरणें समुद्र पर प्रतिबिम्ब अंकित कर रही थी।
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
वामीरो के मिलने के पश्चात् तताँरा हर-समय वामीरो के ही ख्याल में ही खोया रहता था। उसके लिए वामीरो के बिना एक पल भी गुजारना कठिन-सा हो गया था। वह शाम होने से पहले ही लपाती की उसी समुद्री चट्टान पर जा बैठता, जहाँ वह वामीरो के आने की प्रतीक्षा किया करता था।
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए मेले, पशु-पर्व कुश्ती, गीत संगीत आदि अनेक प्रकार के आयोजन किए जाते थे। जैसे पशु-पर्व में हृष्ट-पुष्ट पशुओं का प्रदर्शन किया जाता था तो पुरूषों को अपनी शक्ति प्रदर्शन करने के लिए पशुओं से भिड़ाया जाता था। इस तरह के आयोजनों में सभी गाँववाले भाग लेते थे और गीत-संगीत के साथ भोजन आदि की भी व्यवस्था की जाती थी।
रूढियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
रूढियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है क्योंकि तभी हम समय के साथ आगे बढ़ पाएगे। बंधनों में जकड़कर व्यक्ति और समाज का विकास, सुख-आनंद, अभिव्यक्ति आदि रुक जाती है। यदि हमें आगे बढ़ना है तो इन रुढ़िवादी विचारधाराओं को तोड़ना ही होगा।
जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
इस पंक्ति का आशय यह है कि तताँरा अपने अपमान को सहन नहीं कर पाया। अपने अपमान को शांत करने के लिए उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर धरती में अपनी तलवार घोंप दी। जिसके परिणास्वरूप धरती दो टुकड़ों में बँट गई।
बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
इस पंक्ति के जरिए तताँरा के मन की उधेड़बुन को दर्शाया गया है। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में वह बैचैन रहता था। उसकी प्रतीक्षा आशा और निराशा के बीच झूलती रहती थी।
तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
तताँरा-वामीरो एक लोक कथा है। यह देश के उन द्वीपों की कथा है जो आज लिटिल अंदमान और कार-निकोबार नाम से जाने जाते हैं। निकोबारियों का मानना है कि प्राचीन काल में ये दोनों द्वीप एक ही थे।
वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
वामीरो सागर के किनारे गा रही थी। अचानक समुद्र की ऊँची लहर ने उसे भिगो दिया, इसी हड़बडाहट में वह गाना भूल गई।
तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
तताँरा वामीरो के रूप और मधुर आवाज़ से सम्मोहित हो गया था। गाँव की रीति की परवाह किए बिना उसने अगले दिन फिर लपाती गाँव की उसी समुद्री चट्टान पर आने की याचना की।
तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि विवाह के लिए लड़का-लड़की का एक ही गाँव का होना आवश्यक था।
क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
क्रोध में तताँरा ने अपनी पूरी शक्ति लगाकर उसकी तलवार को धरती में घोप दिया और उसकी सारी शक्ति लगाकर खींचने लगा जिससे धरती में दरार पड़ गई और वह दो टुकड़ों में बँट गई।
म्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में ( √ ) का चिन्ह लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार का है –
(क) निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ख) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ग) वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(ङ) वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूँगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
(क) विधानवाचक
(ख) प्रश्नवाचक
(ग) विधानवाचक
(घ) प्रश्नवाचक
(ङ) विस्मयादिबोधक
(च) विधानवाचक
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) आग बबूला होना
(ङ) आवाज उठाना
मुहावरे |
वाक्य |
सुध-बुध खोना |
लता दीदी के गानों ने तो मेरी सुध-बुध ही भुला दी। |
बाट जोहना |
विदेश में गए अपने बेटे की माता-पिता बड़ी ही बेसब्रीसे बाट जो रहे थे। |
खुशी का ठिकाना न रहना |
कई सालों बाद अपने बचपन के मित्र से मिलकर मेरीख़ुशी का ठिकाना न रहा। |
आग बबूला होना |
बेटे की शरारत पर पिता आग बबूला हो उठे। |
आवाज उठाना |
अन्याय के खिलाफ़ आवाज उठानी चाहिए। |
नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए –
शब्द मूल शब्द प्रत्यय
चर्चित
साहसिक
छटपटाहट
शब्दहीन
शब्द |
मूल शब्द |
प्रत्यय |
चर्चित |
चर्चा |
इत |
साहसिक |
साहस |
इक |
छटपटाहट |
छटपट |
आहट |
शब्दहीन |
शब्द |
हीन |
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-
…………. + आकर्षक = ………………..
…………. + ज्ञात = ………………..
…………. + कोमल = ………………..
…………. + होश = ………………..
…………. + घटना = ………………..
अन + आकर्षक |
अनाकर्षक |
अ + ज्ञात |
अज्ञात |
सु + कोमल |
सुकोमल |
बे + होश |
बेहोश |
दूर् + घटना |
दुर्घटना |
वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए –
(क) जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
(ख) फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
(ग) वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)
(घ) तताँरा को देखकर वह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
(ङ) रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
(क) जीवन में पहली बार ऐसा हुआ कि मैं विचलित हुआ हूँ।
(ख) फ़िर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आई और ठिठक गई।
(ग) वामीरो कुछ सचेत होने पर घर की तरफ़ दौड़ी।
(घ) उसने तताँरा को देखा और फूटकर रोने लगी।
(ङ) रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हो।
नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए –
(क) पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
(ख) वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)
(ग) एक आकृति कुछ साफ हुई… कुछ और… कुछ और… (क्रमश : धीरे – धीरे के अर्थ में)
(घ) अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
(ङ) वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
(च) उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘ निकटता ‘ के अर्थ में)
(क) पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
(ख) वह कुछ और सोचने लगी ।( ‘अन्य’ के अर्थ में)
(ग) एक आकृति कुछ साफ हुई… कुछ और… कुछ और… (क्रमश : धीरे – धीरे के अर्थ में)
(घ) अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
(ङ) वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
(च) उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘ निकटता ‘ के अर्थ में)
किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा ‘ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
वाक्य में दिन के लिए आँचरहित – एक – ठंडा और ऊबाऊ
विशेषणों का प्रयोग किया गया है।
दिन के लिए कुछ और विशेषण –
1) बर्फीला
2) उष्णता रहित
3) बड़ा
4) लंबा
5) नीरस
6) उमस भरा
नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए –
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
शब्द |
विलोम शब्द |
भय |
निर्भय |
मधुर |
कटु |
सभ्य |
असभ्य |
मूक |
वाचाल |
तरल |
ठोस |
उपस्थिति |
अनुपस्थिति |
सुखद |
दुखद |
नीचे दिए गए शब्दों के दो – दो पर्यायवाची शब्द लिखिए – समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
समुद्र – सागर, सिंधु।
आँख – नेत्र,लोचन।
दिन – वासर, वार।
अंधेरा – अंधकार, तम।
मुक्त – आज़ाद, स्वतंत्र।
नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
किंकर्तव्यविमूढ, विहल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
शब्द |
वाक्य |
किंकर्तव्यविमूढ |
अब ऐसे किंकर्तव्यविमूढ न खड़े रहो, जाओ जाकर काम करो। |
विह्वल |
उन अनाथ बच्चों की दशा देखकर मैं भाव विह्वल होउठी। |
भयाकुल |
उस बालक ने भयाकुल नज़रों से मेरी ओर देखा। |
याचक |
दरवाजे पर कोई याचक खड़ा है। |
आकंठ |
भक्त अपने गुरु के सत्संग में आकंठ डूब चूके थे। |
नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए –
(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञापदबंध)
(ख) सुनीता परिश्रम्री और होशियार लड़की है। (विशेषणपदबंध)
(ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रिया विशेषण पदबंध)
(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं। वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कररहे हैं। वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमश: क्रिया विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘ पद ‘ कहलाता है; जैसे –
‘ पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे। ‘ वाक्य में ‘ पेड़ों ‘ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जोएक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं –
संज्ञा पदबंध क्रिया पदबंध
विशेषण पदबंध क्रियाविशेषण पदबंध
वाक्यों के रेखांकित पदबंधों का प्रकार बताइए –
(क) उसकी कल्पना में वह एक अद्मुत स्राहसी युवक था।
(ख) तताँरा को मानो कुछ ह्रोश आया।
(ग) वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
(घ) तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(ङ) उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को हूँढने में व्यस्त थीं।
पदबंधों के प्रकार –
(क) विशेषण पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) क्रियाविशेषण पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
(ङ) संज्ञा पदबंध
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